जागरण संवाददाता, मुजफ्फरपुर। राज्य में संरचना वाली जमीन की रजिस्ट्री तब होगी, जब दस्तावेज की जांच स्वयं रजिस्ट्रार करेंगे। इसके लिए मद्य निषेध, उत्पाद एवं निबंधन विभाग के निर्देश जारी किया है।
सभी जिला अवर निबंधक एवं अवर निबंधकों को जारी पत्र में निबंधन महानिरीक्षक अंशुल अग्रवाल ने व्यावसायिक गतिविधि और आयोजना क्षेत्रों की जमीन की रजिस्ट्री उसकी जांच कराने के बाद ही करने को कहा है।
विभाग ने यह निर्णय इसलिए लिया है कि चालू चालू वित्तीय वर्ष में निबंधन विभाग को लक्ष्य के विपरीत 50 प्रतिशत भी उपलब्धि प्राप्त नहीं हो सकी है।
15 प्रतिशत कम निबंधन चिंताजनक
महानिरीक्षक ने जारी पत्र में कहा कि विभाग ने 9130 करोड़ रुपये का लक्ष्य रखा है। 13 सितंबर तक 3386 करोड़ रुपये ही प्राप्त हुआ है। 4565 करोड़ रुपये लक्ष्य के विरुद्ध यह लगभग 26 प्रतिशत कम है।
यह इसलिए कि पिछले वर्ष की तुलना में 15 प्रतिशत कम दस्तावेज का निबंधन हुआ है। राजस्व संग्रह भी 340 करोड़ रुपये कम हुआ है। यह चिंताजनक है। इसे देखते हुए ही उन्होंने निबंधन के लिए नए दिशा-निर्देश जारी किए।
- संरचना वाले दस्तावेज की जांच स्वयं जिला अवर निबंधक या अवर निबंधक करें।
- व्यावसायिक गतिविधि वाले क्षेत्र, आयोजना क्षेत्र में शामिल मौजों एवं शहरी और पेरिफेरल क्षेत्रों में दस्तावेज का निबंधन स्थल निरीक्षण के बाद ही होगा।
- दस्तावेज में वर्णित संपत्ति का वर्गीकरण में निबंधन सुनिश्चित हो - पिछले साल की तुलना में उच्च श्रेणी के दस्तावेज में वृद्धि के लिए गहन जांच की जाए।
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