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शादी के ऐन वक्‍त पर हाईवोल्‍टेज ड्रामा, पहुंची पुलिस तो खुला चौंकाने वाला राज, दरभंगा का मामला

Darbhanga Newsदरभ‍ंगा में प्रशासन व चाइल्ड लाइन की की अनोखी पहल। केवटी में पुलिस व चाइल्डलाइन की सक्रियता से शादी के बंधन में बंधने से बची नाबालिग। एसडीओ के निर्देश पर केवटी बीडीओ व थानाध्यक्ष हुए सक्रिय। गांव के लोगों के बीच वर-वधू पक्ष को समझाने के बाद माने लोग।

By Dharmendra Kumar SinghEdited By: Tue, 26 Apr 2022 01:08 PM (IST)
शादी के ऐन वक्‍त पर हाईवोल्‍टेज ड्रामा, पहुंची पुलिस तो खुला चौंकाने वाला राज, दरभंगा का मामला
दरभंगा ज‍िले के केवटी में नाबालिग के घर पहुंची पुलिस। फोटो-जागरण

केवटी (दरभंगा), जासं। ज‍िले में एक अजीबो-गरीब मामला सामने आया है। स्थानीय पुलिस एवं चाइल्ड लाइन के प्रयास से प्रखंड में एक नाबालिग लड़की की शादी को रोकने में कामयाबी मिली। दरअसल चाइल्ड लाइन के टाल फ्री नंबर 1098 पर किसी ने सूचना दी कि प्रखंड के एक गांव की 16 वर्षीय किशोरी की शादी होने वाली है। सूचना के बाद चाइल्ड लाइन केवटी सब सेंटर की तीन सदस्यीय टीम ने रविवार की सुबह करीब नौ बजे गांव पहुंचकर मामले की जानकारी ली। टीम में टीम मेम्बर भावना देवी व लाला शिव कुमार एवं आतिश कुमार रंजन शामिल थे। जब लड़की का जन्म प्रमाण पत्र टीम ने देखा तो पाया कि लड़की की जन्म तिथि 20 अक्टूबर 2005 है। जन्म प्रमाण पत्र के आधार पर पता चला कि लड़की नाबालिग है। लड़की पक्ष के स्वजनों से बात कर टीम के सदस्यों द्वारा काफी समझाया गया और बाल विवाह कानून की जानकारी देते हुए इस विवाह कार्यक्रम को आने वाले साल में आयु पूर्ण होने पर संपन्न कराए जाने की सलाह दी। लेकिन वो नहीं माने और शादी करने पर आमादा थे।

शादी रूकवाने की जबावदेही बीडीओ व थानाध्यक्ष को

इसके बाद टीम के सदस्यों द्वारा इसकी जानकारी जिला समन्वयक रवीन्द्र कुमार को दी गई। जिला समन्वयक ने मामले को संज्ञान में लेते हुए इसकी जानकारी उन्होंने एसडीओ सदर स्पर्श गुप्ता व बाल संरक्षण इकाई के सहायक निदेशक नेहा नूपुर को दिया। एसडीओ सदर ने शादी रूकवाने की जबावदेही बीडीओ व केवटी थानाध्यक्ष को दिया। साथ ही महिला विकास निगम के डीपीएम विनय प्रताप व आईसीडीएस के जिला समन्वयक ऋषि कुमार को खिरमा भेजा। इसी बीच सांख्यिकी पदाधिकारी अजय कुमार पासवान सहकारिता पदाधिकारी ब्रजेश कुमार सिंह, एससी-एसटी वेलफेयर पदाधिकारी राज रत्न और केवटी थानाध्यक्ष रानी कुमारी भी खिरमा पहुंचे।

पुलिस के डर से नहीं आई बारात

सभी अधिकारियों ने लड़की के माता-पिता व परिवार के सदस्यों से बातें कर समझाया और बाल विवाह कानून की जानकारी देते हुए बताया कि यह कानूनन अपराध है। वहीं इस विवाह कार्यक्रम को आने वाले साल में आयु पूर्ण होने पर संपन्न कराए जाने की हिदायत दी। इसके बाद लड़की के माता पिता ने शादी स्थगित कर दिया। माता-पिता से लिखित में यह आवेदन लिया गया है कि वो अपनी पुत्री की शादी 18 साल पूर्ण होने के बाद ही करेंगे। इधर, लड़का पक्ष को पता चल जाने के कारण बारात एक बजे रात तक खिरमा नहीं पहुंची। थानाध्यक्ष के नेतृत्व में पुलिस वहां कैंप कर रही थी।