राशन डीलर बनने का सुनहरा अवसर, 432 दुकानों के लिए लाइसेंस प्रक्रिया, आरक्षण व आवेदन की अंतिम तिथि देखें
मुजफ्फरपुर जिले के 432 पंचायतों में जन वितरण प्रणाली (JVP) की दुकानें खुलेंगी। पूर्वी अनुमंडल में 253 और पश्चिमी अनुमंडल में 179 दुकानें आवंटित की जाएंगी। इसके लिए 4 अक्टूबर से 4 नवंबर तक आवेदन स्वीकार किए जाएंगे। महिलाओं और दिव्यांगों के लिए आरक्षण का प्रावधान है। चयन प्रक्रिया जिला स्तरीय चयन समिति द्वारा की जाएगी।

जागरण संवाददाता, मुजफ्फरपुर। जिले की 432 पंचायतों में जन वितरण प्रणाली की दुकानों का आवंटन किया जाएगा। इसके लिए लाइसेंस निर्गत होगा। एसडीओ पूर्वी तुषार कुमार व एसडीओ पश्चिमी श्रेयाश्री ने अति अल्पकालीन सूचना का प्रकाशन किया है।
पंचायत व वार्डवार आदर्श आरक्षण रोस्टर जारी किया गया है। बताया गया कि खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग के सचिव और प्रधान सचिव के अनुमोदन के बाद कोटिवार रिक्तियां जारी की गई हैं।
जविप्र दुकानों का आवंटन
इसके तहत पूर्वी अनुमंडल में 253 व पश्चिमी की विभिन्न पंचायत और वार्डों में 179 जविप्र दुकानों का आवंटन किया जाएगा। इसके लिए चार अक्टूबर से चार नवंबर तक स्पीड पोस्ट या डाक से आवेदन स्वीकार किए जाएंगे।
चार नवंबर की शाम पांच बजे के बाद आवेदन स्वीकार नहीं होगा और न किसी प्रकार की आपत्ति मान्य होगी। सामान्य प्रशासन विभाग के निर्देश पर महिलाओं को नियमानुसार 35 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण देय होगा।
वहीं दिव्यांगता से ग्रस्त उम्मीदवारों को क्षैतिज आरक्षण के तहत चार प्रतिशत (कुल 10 पद) उपलब्ध होगा। मुखिया, सरपंच, वार्ड सदस्य, पंसस, जिप सदस्य, विधायक, एमएलसी, सांसद व नगर निकायों के निर्वाचित सदस्य इस रूप से कार्यकाल तक दुकान के लिए लाइसेंस प्राप्त करने के योग्य नहीं हैं।
सूचनापट्ट पर प्रदर्शित किया जाएगा
अनुज्ञापन प्राधिकारी प्राप्त आवेदनों की जांच के बाद रिक्तिवार मेधा क्रमांक प्रदर्शित अनुशंसा के साथ औपबंधिक मेधा सूची जिला आपूर्ति पदाधिकारी के माध्यम से जिला स्तरीय चयन समिति को भेजेंगे। इसके बाद एसडीओ कार्यालय में सूचनापट्ट पर प्रदर्शित किया जाएगा।
प्रकाशन की तिथि से 15 दिनों के अंदर जिला आपूर्ति पदाधिकारी के समक्ष लिखित रूप में दावा आपत्ति प्राप्त किया जाएगा। जिला स्तरीय चयन समिति के निर्णय के विरुद्ध प्रमंडलीय आयुक्त द्वारा पारित आदेश अंतिम होगा।
इन प्रखंडों में होगा जविप्र दुकानों का आवंटन
पूर्वी अनुमंडल अंतर्गत मीनापुर, औराई, कटरा, गायघाट, बंदरा, मुरौल, सकरा, मुशहरी, बोचहां व शहरी क्षेत्र में वार्ड संख्या-एक, दो, पांच, छह, सात, नौ, 12, 15, 16, 17, 18, 19, 20, 21, 23, 25, 28, 27, 28, 29, 30, 31, 32, 33, 34, 35, 36, 37, 40, 41, 42, 43, 45, 46, 47, 48, 49 में कुल 253 दुकानों के लिए लाइसेंस निर्गत किए जाएंगे।
पश्चिमी अनुमंडल अंतर्गत साहेबगंज, नगर परिषद साहेबगंज के वार्ड संख्या एक, तीन, पांच, छह, 11, 13, मोतीपुर, नगर परिषद मोतीपुर में वार्ड संख्या एक, दो, तीन, छह, आठ, नौ, 10, 11, 13, 14, पारू, सरैया, कांटी, नगर परिषद कांटी के वार्ड संख्या छह, आठ, 10, 11, 12, 13, 14, मड़वन, कुढ़नी में 179 जविप्र दुकानों के लिए लाइसेंस निर्गत किया जाएगा।
राशन डीलर कौन होते हैं?
राशन डीलर या सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) के डीलर वे व्यक्ति या संस्थान होते हैं जिन्हें सरकार द्वारा गरीबी रेखा से नीचे (बीपीएल) और अन्य लाभार्थी परिवारों को सब्सिडी वाले खाद्यान्न और अन्य आवश्यक वस्तुएं वितरित करने की जिम्मेदारी सौंपी जाती है।
राशन डीलर की भूमिका
राशन डीलर को सरकार द्वारा उचित मूल्य की दुकानें चलाने के लिए लाइसेंस दिया जाता है।
वे बीपीएल परिवारों, अंत्योदय अन्न योजना (एएवाई) परिवारों और अन्य लाभार्थी श्रेणियों को निर्धारित मात्रा में अनाज, चीनी, केरोसिन आदि का वितरण करते हैं।
राशन डीलर को यह सुनिश्चित करना होता है कि लाभार्थियों को समय पर और सही मात्रा में सामग्री मिले।
राशन डीलर बनने के लिए योग्यता
- आवेदक भारतीय नागरिक होना चाहिए।
- उसके पास उचित मूल्य की दुकान चलाने के लिए आवश्यक बुनियादी सुविधाएँ होनी चाहिए, जैसे कि दुकान का भवन, भंडारण क्षमता आदि।
- आवेदक का चरित्र प्रमाण पत्र और आय प्रमाण पत्र होना चाहिए।
- आवेदक या उसके परिवार का कोई सदस्य सरकारी सेवा में नहीं होना चाहिए ।
राशन डीलर की जिम्मेदारियां
राशन डीलर को लाभार्थियों के लिए निर्धारित खाद्यान्न और अन्य सामग्री की आपूर्ति सुनिश्चित करनी होती है।
उन्हें यह सुनिश्चित करना होता है कि सामग्री की गुणवत्ता ठीक हो और वह निर्धारित दरों पर वितरित की जाए।
राशन डीलर को अपने दुकान के बाहर निर्धारित दरों की सूची प्रदर्शित करनी होती है और लाभार्थियों को रसीद देनी होती है।
बिहार में डीलर की सैलरी कितनी है?
बिहार में राशन डीलर की सैलरी नहीं होती है, बल्कि उन्हें कमीशन के आधार पर भुगतान किया जाता है। यह कमीशन प्रति किलो अनाज पर लगभग 75 से 80 पैसे होता है। यह राज्य सरकार द्वारा निर्धारित किया जाता है।
कमीशन की गणना
- प्रति किलो अनाज पर 75 से 80 पैसे कमीशन
- महीने के अंत में कुल बिक्री के आधार पर कमीशन की गणना
महत्वपूर्ण बातें
- राशन डीलर को अपनी दुकान के लिए लाइसेंस प्राप्त करना होता है।
- उन्हें सरकार द्वारा निर्धारित दरों पर अनाज और अन्य वस्तुएं बेचनी होती हैं।
- राशन डीलर को अपने क्षेत्र के गरीब और जरूरतमंद लोगों को समय पर और सही मात्रा में अनाज उपलब्ध कराना होता है।
1 यूनिट पर कितने किलो राशन मिलता है?
एक यूनिट पर मिलने वाले राशन की मात्रा राशन कार्ड के प्रकार पर निर्भर करती है। आमतौर पर एक यूनिट पर 5 से 10 किलोग्राम राशन मिलता है। यहां कुछ राशन कार्ड प्रकारों के अनुसार मिलने वाले राशन की मात्रा दी गई है:
- अंत्योदय राशन कार्ड: प्रति परिवार 35 किलो राशन मिलता है, जिसमें 18 किलो गेहूं और 17 किलो चावल शामिल हो सकता है।
- प्राथमिकता राशन कार्ड: प्रति यूनिट 5 किलो राशन मिलता है, जिसमें 2 किलो गेहूं और 3 किलो चावल हो सकता है।
- बीपीएल राशन कार्ड: प्रति परिवार 10 से 20 किलो राशन मिलता है, जिसमें गेहूं और चावल की मात्रा अलग-अलग हो सकती है।
- एपीएल राशन कार्ड: प्रति परिवार 10 से 20 किलो राशन मिलता है, जिसमें गेहूं और चावल की मात्रा अलग-अलग हो सकती है।
- अन्नपूर्णा राशन कार्ड: प्रति यूनिट 10 किलो राशन मिलता है।

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