Gaighat vidhan sabha Seat 2025: समस्याओं के अंबार में विकास कार्य ओस से प्यास बुझाने जैसा
Gaighat Assembly Seat 2025 गायघाट को अनुमंडल बनाने और डिग्री कालेज की स्थापना का मुद्दा गायब रहा है। पुलों की मांग और टूटी सड़कों से राहत पाने का सपना भी अधूरा रहा है। सड़क स्वास्थ्य शिक्षा बिजली और पानी की सुविधाएं हुई हैं लेकिन यह संतोषजनक नहीं हैं। सरकारी कार्यालयों में जनता की सुनवाई में भ्रष्टाचार की शिकायतें आम रहीं।

संतोष कुमार, गायघाट(मुजफ्फरपुर)। Bihar Vidhan sabha Chunav 2025 / Gaighat vidhan sabha Seat 2025 / Gaighat Assembly Seat 2025: गायघाट विधानसभा क्षेत्र में पिछले पांच वर्षों में जनता से जुड़ी समस्याओं पर कुछ काम तो हुए, मगर यह ओस से प्यास बुझाने जैसा ही रहा। कई मामलों की तो चर्चा भी नहीं हो सकी।
गायघाट को अनुमंडल बनाने की मांग और डिग्री कालेज की स्थापना का मुद्दा कागजों में ही रह गया। बाढ़ से प्रभावित लोगों की पुलों की मांग और टूटी सड़कों से राहत पाने का सपना भी अधूरा रह गया है। हां, मधुरपट्टी में पुल निर्माण ने कुछ मरहम जरूर लगाया। हालांकि इसका श्रेय सत्ता पक्ष सरकार को दे रहा है।
कटरा प्रखंड की छह, गायघाट की 23 और बंदरा की 12 पंचायतों को मिलाकर बने इस विधानसभा क्षेत्र में विकास की स्थिति पर अब भी मूलभूत समस्याएं भारी हैं। सड़क, स्वास्थ्य, शिक्षा, बिजली और पानी की सुविधाएं हुई हैं, लेकिन यह संतोषजनक नहीं हैं। सरकारी कार्यालयों में जनता की सुनवाई में भ्रष्टाचार की शिकायतें आम रहीं।
इन पुलों की मांग, जो हो न सकी पूरी
धोबौली में घाट पर दशकों से पुल की मांग अनसुनी होने के बाद ग्रामीणों ने चंदा जुटाया। जनसहयोग से पुल का निर्माण किया। यह वर्तमान और पूर्व जनप्रतिनिधियों के लिए उनका आईना है। इसके अलावा सुवास लदौर के बीच रजुआ घाट पर पुल की मांग भी दशकों से की जा रही है।
सतघट्टा, हरिपुर, शीशवारा, खजूरी समेत विधानसभा क्षेत्र के डेढ़ दर्जन स्थानों पर पुल निर्माण की आवाज दबकर रह गई है। बूढ़ी गंडक के रतवारा-ढोली घाट पर आमरण अनशन के बाद आश्वासन दिया गया था, लेकिन पुल निर्माण प्रक्रिया में ही फंसा हुआ है।
इन पुलों का शिलान्यास और निर्माण
14 सितंबर 2021 को मधुरपट्टी में हुए नाव हादसे में 13 लोगों की मौत के बाद उक्त घाट पर पुल का शिलान्यास किया गया है। इसके अलावा मोहम्मदपूर सुरा और मुन्नी में पुलों का निर्माण हुआ है।
जनता की सुनवाई नहीं
गायघाट, बंदरा और कटरा में सरकारी कामकाज में भ्रष्टाचार की समस्या गंभीर है। दाखिल खारिज, आय, निवास, जाति प्रमाणपत्र जैसे विभिन्न कार्यों में कथित रिश्वतखोरी से आम जनता त्रस्त है। विभागीय सेटिंग के कारण किसी भी प्रकार की शिकायतों का असर नहीं दिखता है।
कहती है जनता
भूतपूर्व शिक्षा मंत्री नीतीश्वर प्रसाद सिंह के कार्यकाल से गायघाट में अनुमंडल और डिग्री कालेज की मांग की जा रही है, लेकिन अब तक कोई प्रगति नहीं हुई है।
ब्रजभूषण सिंह, बेरुआ
पिछले पांच वर्षों में विकास नहीं हुआ है और विधायक जनता से नहीं मिलते। सरकारी कार्यालयों में शिकायतों पर कोई सुनवाई नहीं होती है। ऐसी हालत में जनता क्या कर सकती है।
हरिश्चंद्र महतो, बखरी
गायघाट का क्षेत्रफल बड़ा है, लेकिन बीमार लोगों के लिए उचित अस्पताल नहीं है। गायघाट में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र है, किंतु इमरजेंसी में मरीजों का इलाज नहीं हो पाता है। एनएच किनारे सरकारी अस्पताल में सभी व्यवस्था होना अनिवार्य है। युवाओं को रोजी रोजगार की सही व्यवस्था नहीं है।
रामनरेश राय, बेरुआ
भाजपा-जदयू सरकार में विकास हुआ है। महिलाओं, बुजुर्गों और जरूरतमंदों के कल्याण के लिए मूलभूत सुविधाएं बढ़ी हैं।
किरण देवी, बहादुरपुर
प्रतिद्वंद्वी का बयान
2020 के विधानसभा चुनाव के बाद गायघाट विधानसभा क्षेत्र में विकास की गति शून्य हो गई है। मुख्यमंत्री टोला संपर्क योजना के तहत सैकड़ों टोले में भूमि अधिग्रहण कर सड़क का निर्माण अधूरा रह गया है। दर्जनों पुलों का कार्य भी नहीं हो पाया है।
महेश्वर प्रसाद यादव, पूर्व विधायक
कहते हैं विधायक
आम जनता के लिए हमेशा उपलब्ध रहे। जन समस्याओं के समाधान के लिए काम किया। बाढ़ से टूटी सड़कों के अलावा सुरा व मुन्नी में पुलों का निर्माण हुआ। शेष 16 पुलों का प्रस्ताव भेजा जा चुका है। स्वास्थ्य के क्षेत्र में कटरा, गायघाट और बंदरा में पैथोलाजी सेंटर के अलावा 27 हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर में से 17 का निर्माण पूरा हो चुका है। बार-बार भ्रष्टाचार के मुद्दे पर आवाज उठाता रहा।
निरंजन राय, विधायक
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