जेल में मारपीट मामले में अदालत के सामने पेश नहीं हुए पूर्व सांसद आनंद मोहन, 1997 में दाखिल की गई थी चार्जशीट
शहीद खुदीराम बोस केंद्रीय कारा में कैदी अशोक कुमार मिश्र के साथ 27 साल पहले मारपीट के मामले में पूर्व सांसद आनंद मोहन न्यायिक दंडाधिकारी प्रथम श्रेणी के कोर्ट में पेश नहीं हुए। इससे उनका बयान दर्ज नहीं हो सका। इसके लिए कोर्ट ने अब अगली तिथि 12 सितंबर तय की है। इस मामले का न्यायिक दंडाधिकारी प्रथम श्रेणी नंदनी के कोर्ट में विचारण चल रहा है।

जागरण संवाददाता, मुजफ्फरपुर: शहीद खुदीराम बोस केंद्रीय कारा में कैदी अशोक कुमार मिश्र के साथ 27 साल पहले मारपीट के मामले में पूर्व सांसद आनंद मोहन न्यायिक दंडाधिकारी प्रथम श्रेणी के कोर्ट में पेश नहीं हुए। इससे उनका बयान दर्ज नहीं हो सका। इसके लिए कोर्ट ने अब अगली तिथि 12 सितंबर तय की है।
अभियोजन पक्ष की ओर से कोई गवाह पेश नहीं किए जाने के कारण कोर्ट ने 18 अगस्त को गवाही की प्रक्रिया बंद कर दी थी। इसके बाद कोर्ट में आरोपी पूर्व सांसद का बयान दर्ज करने की प्रक्रिया चल रही है।
क्या है पूरा मामला
विदित हो कि समस्तीपुर जिला के ताजपुर निवासी अशोक कुमार मिश्र ने दस अप्रैल 1996 को मिठनपुरा थाना में प्राथमिकी दर्ज कराई थी।
इसमें पूर्व सांसद आनंद मोहन, पूर्व विधायक मुन्ना शुक्ला, रामू ठाकुर, बबलू श्रीवास्तव और एक अज्ञात कैदी को आरोपी बनाया गया था। इन पर आरोप है कि ये जेल में दबंगई करते हैं। अशोक कुमार ने इसका विरोध किया, तो उसके साथ मारपीट की गई।
दो आरोपियों की हो चुकी है मौत
इस मामले की जांच के बाद पुलिस ने 11 अप्रैल 1997 को सभी के खिलाफ कोर्ट में आरोप पत्र दाखिल किया था। इसमें आरोपी रामू ठाकुर और बबलू श्रीवास्तव की मौत हो चुकी है। वहीं इससे पहले मामले के विचारण के बाद कोर्ट ने पूर्व विधायक मुन्ना शुक्ला को बरी कर दिया। फिलहाल इस मामले का न्यायिक दंडाधिकारी प्रथम श्रेणी नंदनी के कोर्ट में विचारण चल रहा है और पूर्व सांसद इसका सामना कर रहे हैं।
पुलिस हिरासत में मौत सरकार की विफलता: चिराग संवाद
सहयोगी, पारू (मुजफ्फरपुर): लोजपा (रामविलास) के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान ने मंगलवार को देवरिया थाना क्षेत्र के मुहब्बतपुर और लखनौरी गांव पहुंचकर बीते दिनों पुलिस हिरासत में मृत एक युवक और दो घायलों के स्वजन से मिलकर उनका हालचाल जाना और मामले के संबंध में पूछताछ की।
इस दौरान उन्होंने एसएसपी को फोन कर कहा कि एक महीने से अधिक समय बीत जाने के बाद भी आजतक दोषी पुलिस अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई नहीं हो सकी है। यह सरकार की विफलता साबित कर रहा है।
चिराग ने कहा कि जिस तरीके से निर्दोष गोलू की मौत हो गई और दो युवक घायल होकर जीवन और मौत से जूझ रहे हैं, यह घटना बाबा साहेब के संविधान को चुनौती देने वाला है।
उन्होंने कहा कि वे इस मामले को लेकर डीजीपी से बात कर पीड़ित स्वजन को न्याय दिलाने का आग्रह करेंगे। साथ ही केंद्रीय गृह मंत्रालय को पत्र लिखकर न्यायिक जांच कराने का आग्रह करेंगे।
वहीं इस अवसर पर मौजूद विधायक राजू कुमार सिंह ने कहा कि देवरिया थाना पुलिसिया अत्याचार की मिसाल बन चुका है। अगर मृतक के स्वजन को न्याय नहीं दिया गया तो राष्ट्रव्यापी मुद्दा बनाकर जन आंदोलन चलाया जाएगा।
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