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    Jagran Dandiya 2019: मुस्कुराते चेहरों संग जवां होती गई रात, डांडिया की मस्ती में झूमा हर दिल

    By Ajit KumarEdited By:
    Updated: Mon, 21 Oct 2019 12:16 AM (IST)

    गणेश वंदना से हुई दैनिक जागरण के डांडिया नाइट की शुरुआत गुनगुनाते और झूमते रहे लोग। लोगों ने कहा- साल में एक दिन दुनिया के सारे गम भूल जाते हैं हम। ...और पढ़ें

    Jagran Dandiya 2019: मुस्कुराते चेहरों संग जवां होती गई रात, डांडिया की मस्ती में झूमा हर दिल

    मुजफ्फरपुर, जेएनएन। शहर के जिला स्कूल मैदान में दैनिक जागरण ने रविवार की शाम संस्कृति और परंपरा के तहत डांडिया नृत्य की महफिल सजाई। दो दिवसीय आयोजन के दूसरे दिन जैसे ही शाम हुई सुर, लय व ताल तीनों संग हो गए। और मुस्कुराते चेहरों संग रात जवां होती गई। लोग हंसते रहे, गुनगुनाते रहे, मुस्कुराते रहे। 

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    पलक झपकते शाम रात में तब्दील हुई। लोग परंपरागत डांडिया गीतों पर थिरकने लगे। युवा भीड़ का जोश परवान चढ़ा और मंच पर दाखिल हुईं भोजपुरी सिनेमा जगत की अदाकारा रानी चटर्जी। रानी ने जैसे ही अपने नृत्य का जलवा बिखेरा, भीड़ उत्साह से लबरेज हो गई। हर आदमी मंच की ओर आने को बेताब। हर शख्स की जुबान पर एक ही बात- जय हो ....। जैसे-जैसे रानी के पांव चले, ठीक वैसे ही भीड़ शामिल महिला-पुरुष भी थिरकने लगे। भीड़ में शामिल शहर के कलमबाग रोड निवासी दस साल की बच्ची अदिति ने अपने नृत्य से रानी का मनमोहा और रानी ने मंच पर मासूम बच्ची संग जमकर ठुमके लगाए। इस पेशकश को हर दिल ने खूब सराहा। वीडियो बनाने और सेल्फी लेने की होड़ मच गई। मासूम बच्ची थकी नहीं और रुकी नहीं। पसीने से तर-बतर होने के बाद उसने पूरी भीड़ को खुद के साथ किया और इसी के आयोजन जवान होता चला गया।  

    लग जा गले कि फिर ये हंसी रात हो ना हो, शायद कि इस जन्म में ... 


    रानी के बाद मंच पर दाखिल हुईं जसलीन मथारू। हाथ हिलाया और भीड़ में शामिल युवतियों से एक डांडिया थामा। फिर क्या था तालियों की गूंज से पूरा जिला स्कूल मैदान गूंज उठा। अलग-अलग गीतों को अपनी आवाज देना क्या शुरू किया लोग गुनगुनाने लगे और नृत्य करने लगे। हर हाथ में डांडिया और हर चेहरे को अपनी चमक दिखाने की बेताबी। इस बेताबी में जवां दिलों की धड़कनें तेज हुईं और हर जोड़ी आगे मंच की ओर बढऩे लगी।

     जसलीन ने भीड़ को संभाला और गुदगुदाया।भीड़ स्वत: नियंत्रित होती गई। अंत में अदाकारा सह प्रसिद्ध गायिका ने भीड़ से एक महिला को उसके नृत्य को देख आवाज दी और मुजफ्फरपुर की प्रतिभा को मंच पर स्थान मिला। इस युगलबंदी के बाद शहर के एक युवक को भी स्थान मिला और उसने अपनी नृत्य कला का प्रदर्शन किया। फिर क्या था नृत्य और गीत की ऐसी समा बंधी कि जवान रात के साथ हर आदमी - 'लैला ओ लैला, कैसी मैैं लैला ...। हर कोई चाहे मुझसे ....Ó गीत संग आगे बढ़ा। लोगों का जोश अभी थमा भी न था कि लता मंगेशकर के प्रसिद्ध गीत - 'लगा जा गले कि फिर ये हंसी रात हो ना हो....। शायद फिर इस जन्म में मुलाकात हो ना हो..., लग जा गले ...Ó  के साथ जसलीन ने अपनी प्रस्तुति को विराम दिया।