उत्तराषाढ़ नक्षत्र में महानवमी आज, कितनी कन्याओं का पूजन करें जिससे सुख-समृद्धि मिले
Durga puja 2022 ज्योतिष आचार्यों ने भगवती पुराण के हवाले से बताया कि नवरात्र में कन्या पूजन का विशेष महत्व है। तीन से नौ वर्ष की कन्याएं मां का स्वरूप मानी जाती हैं। बुधवार को सुकर्मा व रवियोग के युग्म संयोग में विजयादशमी का पर्व मनाया जाएगा।
मुजफ्फरपुर, जगरण संवाददाता। शारदीय नवरात्र के आठवें दिन पूजा पंडालों से लेकर मंदिरों में मां दुर्गा के आठवें स्वरूप महागौरी की पूजा-अर्चना की गई। वहीं, मंगलवार यानी आज उत्तराषाढ़ नक्षत्र में श्रद्धालु नवदुर्गा के अंतिम स्वरूप सिद्धिदात्री की पूजा हवन के साथ अनुष्ठान पूर्ण करेंगे। नवमी के दिन हवन व कुंवारी पूजन कर श्रद्धालु प्रसाद ग्रहण करेंगे। पंडित प्रभात मिश्र, पंडित कमलापति त्रिपाठी सहित अन्य पंडितों का कहना है कि कुछ लोगों ने अष्टमी को कुंवारी पूजन की कुछ श्रद्धालु नवमी को करेंगे। कल विजयादशमी को देवी की विदाई दी जाएगी। बुधवार को सुकर्मा व रवियोग के युग्म संयोग में विजयादशमी का पर्व मनाया जाएगा। जगत जननी मां जगदंबा की विदाई हाथी पर होगी। मां का आगमन भी हाथी पर हुआ था। हाथी पर मां के आगमन और विदाई होने से वर्ष भर अच्छी वर्षा के आसार बने रहेंगे। ज्योतिष आचार्यों ने भगवती पुराण के हवाले से बताया कि नवरात्र में कन्या पूजन का विशेष महत्व है। तीन से नौ वर्ष की कन्याएं मां का स्वरूप मानी जाती हैं।
कन्या पूजन से मनोकामना पूर्ति
नवरात्र की नवमी तिथि मंगलवार को कन्या पूजन करने का विशेष महत्व है। पंडित अभिनव पाठक, पंडित संजय ओझा ने बताया कि एक कन्या की पूजा से ऐश्वर्य, दो कन्या की पूजा से भोग और मोक्ष, तीन कन्याओं की अर्चना से धर्म, अर्थ व काम, चार की पूजा से राज्यपद, पांच की पूजा से विद्या, छह की पूजा से सिद्धि, सात की पूजा से राज्य, आठ की पूजा से संपदा और नौ कन्याओं की पूजा से पृथ्वी के प्रभुत्व की प्राप्ति होती है। शास्त्रों में दो साल की कन्या कुमारी, तीन साल की त्रिमूर्ति, चार साल की कल्याणी, पांच साल की रोहिणी, छह साल की कालिका, सात साल की चंडिका, आठ साल की शाम्भवी, नौ साल की दुर्गा और दस साल की कन्या सुभद्रा मानी जाती हैं।
हवन व कन्या पूजन शुभ मुहूर्त
- उदयगामिनी तिथि: सूर्योदय 06:08 बजे से पूरे दिन
- चर मुहूर्त: सुबह 08:41 बजे से 10:10 बजे तक
- लाभ मुहूर्त: 10:10 बजे से दोपहर 11:38 बजे तक
- अभिजित मुहूर्त: दोपहर 11:14 बजे से 12:02 बजे तक
- अमृत मुहूर्त: दोपहर 11:38 बजे से 01:07 बजे तक
- शुभ योग मुहूर्त: 02:35 बजे से शाम 04:04 बजे तक