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Bihar News: मुजफ्फरपुर में पुलिस और ग्रामीणों के बीच भीषण झड़प, बियाडा की ओर से सड़क अवरुद्ध करने पर भड़का बवाल

बिहार के मुजफ्फरपुर में मुरारपुर औद्योगिक क्षेत्र के बीच से गुजरनेवाली एनआरसी सड़क को बियाडा की ओर से अवरुद्ध करने के दौरान बुधवार को पुलिस और ग्रामीणों के बीच झड़प हो गई। पुलिस ने इस दौरान दर्जनों राउंड गोलियां चलाईं और आंसू गैस के गोले छोड़े। पुलिस की पिटाई से दर्जनों ग्रामीण जख्मी हो गए हैं। आधा दर्जन पुलिसकर्मी भी घायल हैं।

By Lalit Kumar Singh Edited By: Mohit Tripathi Published: Wed, 06 Mar 2024 09:15 PM (IST)Updated: Wed, 06 Mar 2024 09:15 PM (IST)
मुजफ्फरपुर में पुलिस और ग्रामीणों के बीच भीषण झड़प। (सांकेतिक फोटो)

संवाद सहयोगी, मोतीपुर (मुजफ्फरपुर)। बिहार के मुजफ्फरपुर में मोतीपुर प्रखंड के मुरारपुर औद्योगिक क्षेत्र के बीच से गुजरनेवाली एनआरसी सड़क को बियाडा की ओर से अवरुद्ध करने के दौरान बुधवार को पुलिस और ग्रामीणों के बीच झड़प हो गई। इस दौरान दोनों तरफ से पथराव होने लगा। पुलिस ने इस दौरान दर्जनों चक्र गोलियां चलाईं। आंसू गैस के गोले छोड़े।

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इस घटना में कई महिलाओं और पुरुषों को चोटें लगी हैं। पुलिस की पिटाई से दर्जनों ग्रामीण जख्मी हो गए हैं। आधा दर्जन पुलिसकर्मी भी घायल हैं। सभी की चिकित्सा स्थानीय स्तर पर कराई जा रही है। मामले में दो लोगों को हिरासत में लिया गया है।

रणक्षेत्र में तब्दील रहा इंडस्ट्रीयल एरिया

इस घटना से पूरा इंडस्ट्रीयल एरिया रणक्षेत्र में तब्दील रहा। कई निजी वाहन भी क्षतिग्रस्त हो गए। क्षतिग्रस्त वाहनों को पुलिस ने जब्त कर लिया है। घटना के बाद ग्रामीणों और पुलिस के बीच भारी तनाव की स्थिति है। औद्योगिक क्षेत्र में पुलिस कैंप कर रही है।

क्या है लोगों का आरोप

लोगों का आरोप है कि बियाडा के अधिकारियों ने पुलिस संरक्षण में मुरारपुर तिरहुत नहर पुल और बखरी मोड़ के समीप दो जगहों पर सड़क को बीचोंबीच जेसीबी से काट दिया है।

रोड काटे जाने से उक्त सड़क पर आवागमन बाधित हो गया है। पुलिस ने दो लोगों भगवानपुर निवासी मनोज राय और राजकिशोर राय को उनके दरवाजे से हिरासत में लिया है।

क्या है एनआरसी रोड का मामला ?

जानकारी हो कि मुरारपुर औद्योगिक क्षेत्र के बीच से एनआरसी की एक सड़क गुजरती है। यह सड़क वैशाली को मुजफ्फरपुर, शिवहर और मोतिहारी को जोड़ती है। कई दशक पुरानी इस सड़क से हजारों लोग प्रतिदिन आते-जाते हैं।

बियाडा डीजीएम ने क्या कहा?

बियाडा के डीजीएम दिव्य विकास शर्मा के अनुसार, इस सड़क का अधिग्रहण बियाडा ने किया है। औद्योगिक क्षेत्र की सुरक्षा के मद्देनजर इस सड़क का बंद होना आवश्यक है, परंतु ग्रामीणों का कहना है कि कई दशक पुरानी इस एनआरसी सड़क का अधिग्रहण बियाडा नहीं कर सकता।

बियाडा शुगर पावर कारपोरेशन की भूमि को ही अ​धिग्रहित कर सकता है। ग्रामीणों का आरोप है कि बियाडा और प्रशासन के लोग बार-बार उक्त सड़क को अवरुद्ध करने का प्रयास कर रहे हैं। जब विरोध किया जाता है तो ग्रामीणों पर लाठी, गोली, आंसू गैस के गोले चलाए जा रहे हैं।

ग्रामीणों का आरोप है कि आज से तकरीबन तीन माह पूर्व भी सड़क को अवरुद्ध करने का प्रयास किया गया था, किंतु लोगों के विरोध के बाद प्रशासन को बैरंग लौटना पड़ा था। इस मामले को लेकर ग्रामीणों ने उच्च न्यायालय में एक याचिका भी दायर कर रखी है।

ग्रामीणों ने बताया कि बुधवार को जिला प्रशासन से अनुमंडलाधिकारी पश्चिमी, डीएसपी पश्चिमी, डीएसपी पूर्वी, बीडीओ, सीओ समेत मोतीपुर, कांटी, पानापुर, बरूराज, सरैया, पारू, देवरिया, साहेबगंज, कथईया, राजेपुर थाना पुलिस बियाडा की टीम व सैकड़ों पुलिस बल के साथ औद्योगिक क्षेत्र में पहुंची।

पुलिस के साथ अग्निशमन दस्ता के अलावा स्वास्थ्य विभाग की भी पूरी टीम तैनात थी। इसके बाद उक्त सड़क को बंद करने का प्रयास शुरू हो गया। सूचना मिलते ही सैकड़ों की संख्या में ग्रामीण मौके पर जुट गए और सड़क काटने का विरोध करने लगे। ग्रामीणों की भीड़ को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने बल प्रयोग किया।

ग्रामीणों का आक्रोश देख पुलिस और पदाधिकारियों की टीम जेसीबी लेकर वापस लौट गई। इसके बाद जिले से अतिरिक्त पुलिस बल मंगाना पड़ा। अतिरिक्त पुलिस बल आने के बाद पुलिस और पदाधिकारियों की टीम दुबारा सड़क काटने लगी। इसके बाद ग्रामीणों ने पथराव शुरू कर दिया।

जवाब में पुलिस भी ग्रामीणों पर पथराव करने लगी। इससे पूरा औद्योगिक इलाका रणक्षेत्र बन गया। तकरीबन दो घंटे तक पुलिस और ग्रामीणों के बीच पथराव होता रहा। इसके बाद पुलिस ने दर्जनों चक्र हवा में गोलियां चलाईं। आंसू गैस के दर्जनों गोले दागे। इसके बाद विरोध कर रहे ग्रामीण भागने लगे। इसका लाभ उठाकर बियाडा के अधिकारियों ने पुलिस के घेरे में सड़क को दो जगहों पर जेसीबी से काटकर अवरुद्ध कर दिया।

इस दौरान कवरजे के लिए पहुंचे मीडिया कर्मियों के साथ भी प्रशासन का व्यवहार बेहतर नहीं रहा। अनुमंडलाधिकारी पश्चिमी ने तो यहां तक कह दिया कि पत्रकार अंधे हैं क्या, दिखाई नहीं देता कि क्या कार्रवाई हो रही है। घटना के बाद औद्योगिक क्षेत्र में पुलिस कैंप कर रही है। पुलिस की पिटाई से एक महादलित महिला का हाथ टूटने की बात भी सामने आ रही है।

इस सड़क को बियाडा ने अधिग्रिहित किया है। मामले को लेकर ग्रामीण उच्च न्यायालय गए थे। उच्च न्यायालय ने ग्रामीणों की याचिका खारिज कर दी है। ग्रामीण सड़क अधिग्रहित करने का विरोध कर रहे हैं, जो नियमों के विपरीत है।- दिव्य विकाश शर्मा, डीजीएम, बियाडा

कोई गोली नहीं चली है। भीड़ को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले दागे गए हैं। ग्रामीणों के पथराव में आधा दर्जन पुलिस कर्मी चोटिल हुए हैं। दो लोगों को हिरासत में लिया गया है। पथराव करनेवाले अन्य लोगों की पहचान की जा रही है। सभी के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जा रही है।-अभिषेक आनंद, डीएसपी पश्चिमी

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