फर्जी आधार पर सिम जारी करने वाले 200 से अधिक रिटेलरों पर CBI का शिकंजा, साइबर फ्रॉड और नक्सली कनेक्शन की जांच
मुजफ्फरपुर में फर्जी कागजात पर सिम कार्ड जारी करने वाले 200 से अधिक रिटेलर-डिस्ट्रीब्यूटर पर तीन साल बाद भी पुलिस ठोस कार्रवाई नहीं कर सकी है। साइबर फ ...और पढ़ें

200 से अधिक रिटेलरों पर CBI का शिकंजा
जागरण संवाददाता, मुजफ्फरपुर। फर्जी कागजात पर सिम कार्ड जारी करने वाले दो सौ से अधिक रिटेलर और डिस्ट्रीब्यूटर पर तीन साल बाद भी जांच दर जांच पुलिस ठोस कार्रवाई नहीं कर सकी है। साइबर फ्रॉड की बढ़ती घटनाओं को लेकर पुलिस मुख्यालय की ओर से इस दिशा में सख्ती से कार्रवाई के लिए विशेष रणनीति तैयार की गई है। इसके तहत संबंधित केसों की जांच अब सीबीआई कर सकती है।
विदित हो कि 2022 को बिहार एसटीएफ की जांच के बाद मुजफ्फरपुर में फर्जी आधार कार्ड पर सिम कार्ड जारी करने वाले दो सौ से अधिक रिटेलर और डिस्ट्रीब्यूटर पर नगर थाने में प्राथमिकी कराई गई थी।
फर्जी पते पर 50 से अधिक सिम कार्ड जारी
एसटीएफ की जांच में पता चला कि इस सिम कार्ड का प्रयोग नक्सलियों, शराब धंधेबाज और अलग-अलग गिरोह के बदमाशों के साथ साइबर फ्रॉड कर रहे हैं। जांच में यह भी पता चला था सिवान जिले के एक कम्युनिकेशन सेंटर ने मुजफ्फरपुर के फर्जी पते पर 50 से अधिक सिम कार्ड जारी किए थे।
शराब सिंडिकेट में इस्तेमाल होने की बात
इसके बाद नगर थाने में दूसरी प्राथमिकी गोपालगंज, सीतामढ़ी, दरभंगा के पुलिस कार्यालय से जारी पत्र के आलोक पर की गई थी। इसमें चार डिस्ट्रीब्यूटर व रिटेलर को आरोपित बनाया गया था। फर्जी नाम-पते पर जारी सिम कार्ड से आपराधिक वारदात और शराब सिंडिकेट में इस्तेमाल होने की बात कही गई थी।
मुख्यालय से संकेत मिलने के बाद इन सभी केसों के रिकॉर्ड को अपडेट किया जा रहा है। चर्चा है कि कभी भी सीबीआइ इस मामले की जांच के लिए यहां पहुंच सकती है।

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