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    BRABU: स्नातक पार्ट थर्ड की परीक्षा के एडमिट कार्ड पर दर्ज रहेगा कापी नंबर, प्राचार्यों की बैठक में वीसी ने दी कई अन्य बदलाव की जानकारी

    Updated: Wed, 06 Aug 2025 11:48 AM (IST)

    Bihar University बीआरए बिहार विश्वविद्यालय टीडीसी पार्ट थर्ड परीक्षा के एडमिट कार्ड में बदलाव करेगा। एडमिट कार्ड पर कॉपी नंबर और तारीख दर्ज होगी जिससे पेंडिंग रिजल्ट सुधार में आसानी होगी। कुलपति ने प्राचार्यों द्वारा मनमानी नियुक्ति पर नाराजगी जताई और कार्रवाई की चेतावनी दी। कालेजों को फिजूलखर्ची रोकने और विश्वविद्यालय की वेबसाइट से जुड़ने का निर्देश दिया गया।

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    कुलपति ने प्राचार्यों को व्यवस्था में बदलाव के फायदे बताए।

    जागरण संवाददाता, मुजफ्फरपुर। BRA Bihar University: बीआरए बिहार विश्वविद्यालय में टीडीसी पार्ट थर्ड की परीक्षा के लिए एडमिट कार्ड में बदलाव किया जाएगा। इसी महीने प्रस्तावित परीक्षा के लिए विश्वविद्यालय की ओर से जारी होने वाले एडमिट कार्ड में सुधार का प्रस्ताव तैयार किया गया है। सभी छात्र-छात्राओं के एडमिट कार्ड पर कापी नंबर व डेट दर्ज होगी।

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    अगर किसी कारणवश विद्यार्थी का रिजल्ट पेंडिंग होता है तो उसके एडमिट कार्ड से उत्तर पुस्तिका के नंबर की जानकारी मिल जाएगी। इससे कापियों के बंडल में से उसकी कापी खोजने की जरूरत नहीं पड़ेगी। स्नातक की परीक्षा में व्यहृत उत्तर पुस्तिकाओं की डिजाइनिंग कुछ इस तरह की है कि अगर किसी छात्र की कोई भी विषय में अंक मिसिंग हो जाता है तो अटेंडेंस शीट में से कापी का नंबर खोजना पड़ता है।

    इसके अलावा कोई साक्ष्य उपलब्ध नहीं होता है। ऐसे में अधिक समय लगता है। नई व्यवस्था को टीडीसी पार्ट थर्ड की परीक्षा में लागू करने की योजना है। इसकी जानकारी मंगलवार को सीनेट हाल में सभी अंगीभूत कालेजों के प्राचार्यों, परीक्षा नियंत्रक, बर्सर व लेखापाल की बैठक में दी गई है। अध्यक्षता कुलपति प्रो.डीसी राय ने की।

    परीक्षा नियंत्रक डा.राम कुमार ने स्नातक की परीक्षाओं में पेंडिंग रिजल्ट समाप्त करने के लिए कालेजों से सहयोग मांगा। वहीं यूएमआइएस समन्वयक डा.टीके डे, प्राक्टर प्रो.बीएस राय, वित्त पदाधिकारी अविनाश कुमार व वित्तीय परामर्शी प्रवीण कुमार सिंह ने अपने विचार रखे।

    वित्त पदाधिकारी ने कहा सभी कालेज टेंडर की प्रक्रिया में पारदर्शिता बरतें। विश्वविद्यालय में बिल भुगतान के लिए भेजने से पहले जांच कर लें। वहीं एफए ने कहा राशि का विचलन भी वित्तीय अनियमितता में आता है।

    प्राचार्यों को कालेज में नियुक्ति का अधिकार नहीं

    कुलपति ने कहा कि प्राचार्यों को महाविद्यालय में नियुक्ति का अधिकार नहीं है। इसके बाद भी मनमाने तरीके से नियुक्तियां की हैं। आउटसोर्सिंग से ही कर्मियों को रखने का प्रविधान है। कई कालेजों ने शिक्षकेत्तर कर्मियों के स्वीकृत पदों से कई गुना अधिक कर्मियों की नियुक्ति कर ली हैं।

    इससे वहां पठन-पाठन व कालेज के संचालन में परेशानी हो रही है। कुलपति ने सीनेट हाल में प्राचार्यों को कहा कि वे फिजूलखर्ची पर रोक लगाएं। विश्वविद्यालय की ओर से रोक के बाद भी मनमाने तरीके से बिना अनुमति लाखों रुपये खर्च किए गए हैं। 30 कालेजों में अब स्थायी प्राचार्यों की नियुक्ति हो गई है।

    विश्वविद्यालय में भी राजभवन से नए अधिकारियों की नियुक्ति की गई है। अब कालेजों का संचालन नियम-परिनियम से करना होगा नहीं तो विश्वविद्यालय एक्शन लेगा। कुलपति ने कहा कालेजों को कई बार कहा गया वे खुद से कालेजों की वेबसाइट नहीं बनवाएं।

    कई कालेजों ने वेबसाइट निर्माण पर जमकर खर्च किया है। कालेजों को विश्वविद्यालय की वेबसाइट से जुड़ने का निर्देश दिया था, लेकिन उसका पालन नहीं हुआ। अब कार्रवाई होगी। कुलपति ने कहा कि प्राचार्यों की मनमानी की कई शिकायतें मिली हैं।

    प्राक्टर ने कहा सभी महाविद्यालयों में टायलेट, पेयजल, लैब व लाइब्रेरी की सुविधा दुरुस्त की जाए। कालेजों में विद्यार्थियों की समस्याओं के निष्पादन के लिए उनसे संवाद की परंपरा कायम करें। कहा कि कक्षाओं में विद्यार्थियों की 75 प्रतिशत से कम उपस्थिति पर परीक्षा फार्म भरने पर रोक लगाई जाए।

    कम पड़ जाते प्रश्नपत्र, फोटोकापी से करानी पड़ती परीक्षा

    अंगीभूत कालेजों के प्राचार्यों ने भी अपनी समस्याएं रखीं। एलएनटी कालेज की प्राचार्य डा.ममता रानी ने कहा परीक्षा के दिन तक यह पता नहीं रहता है कि कालेज में कितने विद्यार्थियों का आवंटन किया गया है। मौखिक रूप से विद्यार्थियों की संख्या 550 बताई जाती है, लेकिन 650 विद्यार्थियों को भेज दिया जाता है। प्रश्नपत्र कम पड़ जाते हैं। फोटोकापी से परीक्षा लेनी पड़ती है।

    परीक्षा केंद्र के लिए प्रतिछात्र की दर से शुल्क का निर्धारण कर कालेजों को राशि उपलब्ध कराई जाए। परीक्षा फार्म जैसे कार्य के लिए कालेज में हेल्प डेस्क गठित करते हुए साइबर सेल के गठन की मांग की। कहा इससे विद्यार्थी साइबर कैफे के जाल में फंसने से बचेंगे और डाटा भी सुरक्षित रहेगा। शुल्क का भुगतान चालान से होगा और कालेज के खाते में राशि जाएगी।

    वहीं लोहिया कालेज के प्राचार्य डा.मनोज कुमार ने कहा आखिरी दो दिनों में ही विद्यार्थियों की भीड़ फार्म भरने में उमड़ती है। परीक्षा संबंधी रेमुनरेशन विश्वविद्यालय में अटका है। विश्वविद्यालय से एक रेट चार्ट बना सभी कालेजों को जारी कर दिया जाए। मांग की कि परीक्षा समाप्त होने के 10 दिनों के भीतर सभी केंद्रों से बिल मंगवा लिया जाए और तुरंत ही भुगतान किया जाए।

    प्राचार्य डा.नलिन विलोचन ने विश्वविद्यालय से अनुरोध किया कि बिहार विद्यालय परीक्षा समिति की तर्ज पर छात्र के अनुपात में परीक्षा शुल्क आवंटन किए जाने की बात कही। उन्होंने अधिकारियों को कहा परीक्षा की तिथि निर्धारित की जाती है, लेकिन 24 घंटे पहले इसमें बदलाव कर दिया जाता है। फार्म भरने की तिथि जारी की जाती है और विश्वविद्यालय अंतिम समय में इसे बदल देता है। ऐसे में परीक्षा की तिथि व फार्म भरने की तिथि पहले निर्धारित की जाए ताकि परेशानी से बचा जा सके।