दुर्गा पूजा और दशहरा मेले पर फिरा पानी, अब बिहार का मौसम कब तक खराब रहेगा?
Muzaffarpur Weather Forecast विगत 1 अक्टूबर से मौसम के मिजाज में बदलाव का जो क्रम शुरू हुआ उसका प्रभाव अब उत्तर बिहार और आसपास के जिलों में स्पष्ट रूप से दिख रहा है। इसके प्रभाव से दुर्गा पूजा और दशहरा मेले के दौरान बारिश हुई। जिससे लोग इसका पूरा आनंद नहीं उठा सके। आसमान अब भी बादलों से घिरा है। विभाग ने पूर्वानुमान रिपोर्ट जारी कर दी है।

डिजिटल डेस्क, मुजफ्फरपुर। Bihar Weather Update: उत्तर अंडमान सागर के ऊपर वायुमंडलीय चक्रवती परिसंचरण उभरने तथा बंगाल की खाड़ी के कुछ भागों में एक निम्न दबाव का क्षेत्र बनने का प्रभाव बिहार में भी दिख रहा है। मुजफ्फरपुर और इसके आसपास के जिलों में भी इसकी वजह से बारिश हो रही है।
मेले का नहीं ले सके आनंद
दुर्गा पूजा और दशहरा मेले के दौरान इसका व्यापक प्रभाव देखने को मिला। झमाझम बारिश हुई। जिसकी वजह से लोग मेले का पूरा आनंद लेने से वंचित रह गए। विगत तीन दिनों से मुजफ्फरपुर समेत आसपास के जिलों में बारिश हो रही है। आसमान में बादल छाए हुए हैं। तेज पुरवा चल रही है।
बिहार में बारिश कब तक होगी
मौसम विभाग की ओर से जारी पूर्वानुमान रिपोर्ट के अनुसार 7 अक्टूबर तक यही स्थिति रहने वाली है। न केवल उत्तर बिहार वरन राज्य के पूर्वी हिस्से के कई जिलों में भारी से अति भारी बारिश होने का पूर्वानुमान है। विभाग की ओर से जारी रिपोर्ट में कहा गया है कि एक-दो स्थानों पर अत्यधिक भारी बारिश हो सकती है। गर्जन के साथ-साथ बिजली गिरने की भी आशंका है।
बाढ़ आने की आशंका
उत्तर बिहार में मौसम में हुए इस बदलाव का विशेष प्रभाव देखने को मिल सकता है। खासकर नेपाल की तराई वाले जलग्रहण क्षेत्र में भारी से अत्यंत भारी बारिश की होने की संभावना है। इसकी वजह से नदियों के जलस्तर में अचानक वृद्धि होने की भी आशंका है। जिससे कई स्थानों पर जल भराव और आंशिक बाढ़ जैसी स्थिति भी हो सकती है।
मौसम विभाग की ओर से निम्न सलाह दी गई है:-
- जो निचले स्थान में रह रहे हैं वे सतर्क रहें
- संभावित जलभराव या बाढ़ की स्थिति में निकटतम ऊंचे व सुरक्षित स्थान पर जाने की योजना बनाएं
- खुले बिजली के तारों एवं इलेक्ट्रिक उपकरणों से दूर रहें
- आकाशीय बिजली के दौरान खुले मैदान या बिजली के खंबों के पास खड़े होने से बचें
- अधिक समय तक घर के भीतर रहें
- फोन या अन्य विद्युत उपकरणों का प्रयोग सावधानीपूर्वक करें
- स्थानीय प्रशासन एवं आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा जारी दिशा निर्देशों का पालन करें
मानसून की वापसी
सामान्यतः भारत से मानसून की विदाई 15 अक्टूबर के आसपास पूरी होती है, लेकिन विभिन्न क्षेत्रों में यह अलग-अलग समय पर होता है।
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