Bihar Teacher Bharti: अब शहरी क्षेत्र के स्कूलों में होगी शिक्षकों की बहाली, मुख्यालय ने मांगी रिक्त पदों की जानकारी
नियोजित शिक्षकों के बीपीएससी के तहत शिक्षक बनने के बाद रिक्त सीटों को सृजित पद मान लिया गया है। इन पदों पर बहाली का निर्णय लिया गया है। शिक्षा विभाग ने इस पर शहरी क्षेत्र के स्कूलों में बहाली करने का मन बनाया है क्योंकि कई स्कूलों में शिक्षकों के पद खाली हो गए हैं। प्रथम व दूसरे फेज में बहाली के बाद पद खाली हुए हैं।
जागरण संवाददाता, मुजफ्फरपुर। अब शहरी क्षेत्र के स्कूलों में शिक्षकों की बहाली होगी। तीसरे फेज की बहाली की कवायद शुरू है। बीपीएससी के तहत दो चरणों में शिक्षक बहाली की प्रक्रिया पूरी की जा चुकी है। अब तीसरे चरण की परीक्षा का कार्यक्रम जारी किया गया है।
विभाग ने इन पदों को सृजित मानकर बहाली करने का निर्णय लिया है। तिरहुत प्रमंडल में सबसे अधिक मुजफ्फरपुर के 845 नियोजित शिक्षक बीपीएससी के तहत परीक्षा देकर शिक्षक बन गए हैं। इसी तरह सीतामढ़ी जिला में 440, पूर्वी चंपारण में 468, पश्चिमी चंपारण में 398, शिवहर जिला में 38 और वैशाली जिला में 272 पद खाली हैं। ये सीटें कक्षा एक से पांच तक के शिक्षकों की हैं।
नियोजित शिक्षकों के बीपीएससी के तहत शिक्षक बनने के बाद रिक्त सीटों को सृजित पद मान लिया गया है। इन पदों पर बहाली का निर्णय लिया गया है। यह बहाली तीसरे चरण में होनी है। शिक्षा विभाग ने इस पर शहरी क्षेत्र के स्कूलों में बहाली करने का मन बनाया है, क्योंकि कई स्कूलों में शिक्षकों के पद खाली हो गए हैं। प्रथम व दूसरे फेज में बहाली के बाद पद खाली हुए हैं।
उधर, इन रिक्त पदों को लेकर मुख्यालय के अधिकारी मंथन कर रहे हैं। मुख्यालय ने रिक्त पद और छात्र-छात्राओें की संख्या की डिमांड की है।
कई स्कूलों में कॉमर्स शिक्षक की कमी
शहरी क्षेत्र के कई स्कूलों में कॉमर्स शिक्षक की कमी है। प्लस टू स्कूलों में इस बार इंटर की पढ़ाई होनी है। कॉमर्स पढ़ने वाले अधिकांश छात्र शहरी क्षेत्र के स्कूलों में नामांकन कराना चाहेंगे, ताकि बेहतर से बेहतर सुविधा मिल सके। पहले की तुलना में कामर्स पढ़ने वाले छात्रों की संख्या बढ़ी है। पहली बार प्लस टू स्कूलों में नामांकन होने जा रहा है।
खास तौर पर साइंस व कॉमर्स विषय में थोड़ी परेशानी हो सकती है। उधर, शिक्षा विभाग के अधिकारी की मानें तो किसी भी स्थिति में शिक्षकों की कमी नहीं होगी। आवश्यकता पड़ने पर शिक्षकों को इधर से उधर किया जाएगा। शिक्षकों की कमी की वजह से पठन-पाठन प्रभावित नहीं होगा।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।