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    कौन है मंत्री रामसूरत राय का सबसे बड़ा दुश्मन जो उन्हें सीएम नीतीश कुमार के कैबिनेट से बर्खास्त कराना चाह रहा?

    By Ajit KumarEdited By:
    Updated: Sun, 10 Jul 2022 08:21 AM (IST)

    Nitish Kumar vs Ramsurat Rai विगत 30 जून को बिहार के राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग में हुए सभी तबादलों पर सीएम नीतीश कुमार ने रोक लगा दी है। इसके बाद एक बार फिर से राज्य की राजनीति गरमा गई है। तरह-तरह की बातें शुरू हो गई हैं।

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    मंत्री रामसूरत राय ने इसको लेकर नाखुशी का इजहार किया है। फाइल फोटो

    मुजफ्फरपुर, [अमरेंद्र तिवारी]। हाल के दिनों में कुछ न कुछ ऐसी घटनाएं हुईं जिसकी वजह से बिहार की राजनीति का तापमान अचानक से बढ़ गया। विगत 30 जून को राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग में हुए तबादलों को सीएम नीतीश कुमार की ओर से रद किए जाने के बाद भी कुछ ऐसी ही स्थिति बन गई है। बिहार एनडीए के दो प्रमुख दल जदयू व भाजपा के बीच पहले से ही जारी तनातनी के बीच इस मुद्​दे को लेकर खिंचतान और बढ़ने की आशंका प्रकट की जा रही है। मुजफ्फरपुर में मीडिया से बात करते हुए राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के मंत्री रामसूरत राय ने इस पूरे प्रकरण पर नाखुशी का इजहार करते हुए आरोप लगाया है कि कुछ लोग ऐसे हैं जो यह चाह रहे हैं कि रामसूरत राय को मंत्रिमंडल से ही बर्खास्त कर दिया जाए। इसके लिए साजिश रच रहे।

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    समीक्षा के बाद फिर से सूची जारी की जाएगी

    दरअसल, कई स्तर से शिकायतें मिलने के बाद सीएम नीतीश कुमार ने 30 जून को अंचलाधिकारी, राजस्व अधिकारी, सहायक बंदोबस्त पदाधिकारी व चकबंदी पदाधिकारी के किए गए तबादलों को रद कर दिया है। इसमें नियमाें की अनदेखी व भ्रष्टाचार की बात कही गई है। साथ ही इसकी समीक्षा के बाद फिर से इस सूची को जारी करने को कहा गया है। इसको लेकर क्षुब्ध नजर आ रहे मंत्री ने पत्रकारों से कहा कि रोक लगाना मुख्यमंत्री का विशेषाधिकार है। हो सकता है कि किसी विधायक या अधिकारी ने सीएम के पास शिकायत की होगी। इसके बाद समीक्षा की बात करते हुए ऐसा किया गया है। उन्होंने कहा कि इस विभाग में भूमाफिया का दखल है। उसका भी दबाव रहता है। मैंने एनडीए या अन्य दलों के विधायकों के आग्रह का सम्मान करते हुए यह काम किया था। यदि ऐसा करना गलत है तो मैं क्या ही कहूं?

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    भ्रष्टाचारी रामसूरत राय को ही हटाना चाह रहे

    लेनदेन के लग रहे आरोपों पर रामसूरत राय ने कहा कि जब कभी इस तरह की स्थिति होती है तो पहला आरोप लेनदेन का ही लगता है। यदि सुबूत के साथ कोई इस पर बात करेगा तो मैं इसका जवाब देने को तैयार हूं। उन्होंने आरोप लगाया कि कुछ भ्रष्टाचारी ऐसे हैं जो मेरे खिलाफ साजिश रचते रहते हैं। वे चाह रहे हैं कि रामसूरत ही बर्खास्त हो जाए। जबकि मैं इस विभाग से भ्रष्टाचार का खात्मा चाहता हूं। मैंने ऐसे नियम बनाए हैं जिसकी वजह से भ्रष्टाचार करने वालों को परेशानी हो रही है। स्वाभाविक रूप से वे मेरे खिलाफ काम करेंगे और कर रहे हैं। उन्होंने जातिवाद के आरोप को पूरी तरह से खारिज कर दिया। कहा, समीक्षा के दौरान पूरी सच्चाई सामने आ जाएगी। हर तबादले के पीछे कुछ न कुछ कारण है। उसे रखा जाएगा।

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    मजबूत विपक्ष बेहतर काम करने के लिए जरूरी

    राजद की ओर से लगाए आरोप के बारे में उन्होंने कहा कि वह विपक्षी दल है। उससे मैं यह तो उम्मीद नहीं ही करूंगा कि वे मेरा स्वागत माला पहनाकर करेंगे। विपक्षी का काम ही होता है आलोचना करना और वे कर भी रहे हैं। यह जरूरी भी है। एक मजबूत विपक्ष के होने से सत्ता पक्ष को बेहतर काम करने की प्रेरणा मिलती है।  

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