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    BRA Bihar University बनेगा हाईटेक, छात्रों और प्रोफेसरों को मिलने लगेंगी वर्ल्ड क्लास सुधियाएं

    Updated: Sun, 25 Aug 2024 02:57 PM (IST)

    मुजफ्फरपुर के बीआरए बिहार विश्वविद्यालय में अब बड़ा काम होने जा रहा है। विश्वविद्यालय में ऑडियो-विजुअल स्टूडियो बनाने की तैयारी है। अब यूनिवर्सिटी में लेक्चर को रिकॉर्ड किया जाएगा। इतना ही नहीं विद्यालय में अब ऑनलाइन कान्फ्रेंस से लेकर वीडियो मैसेज भेजने तक की व्यवस्था होगी। यूनिवर्सिटी को हाई-टेक बनाने के लिए हर तरह के डिवाइस लगाए जा रहे हैं।

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    मुजफ्फरपुर का बीआरए बिहार विश्वविद्यालय। फाइल फोटो

    जागरण संवाददाता, मुजफ्फरपुर। बीआरए बिहार विश्वविद्यालय में अत्याधुनिक ऑडियो-विजुअल स्टूडियो का निर्माण होगा। इसमें शिक्षकों के लेक्चर को रिकार्ड किया जा सकेगा। ऑनलाइन कान्फ्रेंस, मीटिंग से लेकर वीडियो संदेश ओर प्रोग्राम की रिकॉर्डिंग की सुविधा भी होगा। इसके लिए सभी प्रकार के उपकरण उपलब्ध होंगे।

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    नैक मूल्यांकन के लिए विश्वविद्यालय की ओर से इसकी व्यवस्था कराई जाएगी। कुलपति की ओर से सेल का गठन किया गया है। इसमें पीजी राजनीति विज्ञान विभाग के डॉ. अमर बहादुर शुक्ला, एलएस कालेज के हिंदी विभाग के डॉ. राजेश्वर कुमार, डॉ. पायोली और एफओ प्रवेश पाठक को शामिल किया गया है।

    इसके साथ ही विश्वविद्यालय में इनक्यूबेशन-इनोवेशन-बिजनेस लैब भी बनाई जाएगी। इसमें विभिन्न सुझाव और नवाचार को विकसित करने के लिए सहायता मिलेगी।

    इस सेल में डीएसडब्ल्यू डॉ. आलोक प्रताप सिंह, डॉ. जितेशपति त्रिपाठी, डॉ. अभयनंदा श्रीवास्तव, डॉ. चौधरी साकेत कुमार, डॉ. अनिता कुमारी, डॉ. सुषमा कुमारी, डॉ. शिवेश कुमार, डॉ. नवनीता कुमारी को शामिल किया गया है।

    वहीं, हेल्थ सेंटर के लिए भी सेल का गठन किया गया है। कुलपति प्रो. डीसी राय के निर्देश पर 11 सेल का गठन किया गया है।

    शनिवार को कुलसचिव डॉ. अपराजिता कृष्णा ने पांच सेल के साथ बैठक की। रजिस्ट्रार ने बताया कि नैक मूल्यांकन के लिए तेजी से कार्य होगा। इसमें जिला प्रशासन से लेकर नगर निगम का भी सहयोग लिया जाएगा।

    रिसर्च के लिए विश्वविद्यालय में सेंट्रल इंस्ट्रूमेंटेशन सेंटर होगा स्थापित

    बीआरए बिहार विश्वविद्यालय में साइंस संकायों के सभी विषयों में गुणवत्तापूर्ण रिसर्च समेत अन्य कार्यों के लिए सेंट्रल इंस्ट्रूमेंटेश सेंटर स्थापित होगा। टेस्टिंग से लेकर रिसर्च कार्य के लिए अब यहां के शिक्षकों से लेकर शोधार्थियों और छात्र-छात्राओं को अन्यत्र नहीं जाना होगा।

    फिलहाल इसे पीजी भौतिकी विभाग में स्थापित किया जाएगा। बाद में इसके लिए स्वतंत्र भवन होगा। साथ ही स्थायी रूप से तकनीशियन की नियुक्ति भी होगी।

    बीआरए बिहार विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. डीसी राय के निर्देश पर कमेटी का गठन किया गया है। इसमें पीजी भौतिकी विभाग की प्रो. संगीता सिन्हा, पीजी मनोविज्ञान विभागाध्यक्ष प्रो. रजनीश गुप्ता, डॉ. गौतम चंद्र, डॉ. राजेश कुमार, डॉ. विनम्रता को शामिल किया गया है।

    विश्वविद्यालय में होगा एनर्जी आडिट

    विश्वविद्यालय का एनर्जी आडिट होगा। इसमें ऊर्जा की खपत कम की जाएगी। पुराने यंत्रों की जगह पर नए और बिजली बचाने वाले यंत्र लगाए जाएंगे। सोलर प्लांट को ग्रिड से जोड़ा जाएगा। प्लांट के उत्पादन में उपभोग की गई बिजली की राशि घटा दी जाएगी।

    इसके लिए सेल का गठन किया गया है। इसमें डॉ. ललन कुमार झा समेत अन्य को सदस्य बनाया गया है। विश्वविद्यालय का ग्रीन आडिट होगा। हरित क्षेत्र बढ़ाने पर फोकस होगा। पेड़ों पर क्यूआर कोड लगेगा। इसे स्कैन करते ही पेड़ की पूरी जानकारी मिलेगी। इसके लिए सात सदस्यीय कमेटी बनाई गई है।

    आइएसओ सर्टिफिकेशन के लिए भी कमेटी गठित की गई है। कार्यालय का आइएसओ सर्टिफिकेशन होगा। इसमें डीओ डॉ. रमेश विश्ववकर्मा समेत अन्य को शामिल किया गया है। एनिमल हाउस सेल और म्यूजियम सेल का भी गठन किया गया है।

    दूसरी ओर नैक मूल्यांकन के लिए विश्वविद्यालय की ओर से ईको फ्रेंडली वाहन का इस्तेमाल होगा। इसमें कैंपस में आवागमन के लिए बैट्री ऑपरेटेड गोल्फ की व्यवस्था होगी। एक वाहन की खरीदारी होगी। आर्ट्स गैलरी और हेल्थ सेंटर सेल का भी गठन हुआ है।

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