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    कोई कैसे किसी पर भरोसा करे : Home Loan दिलाने का झांसा देकर महिला की जमीन बैंक में गिरवी रख उठा लिया लोन

    Updated: Wed, 24 Sep 2025 05:18 PM (IST)

    मुजफ्फरपुर में एक महिला को होम लोन दिलाने के नाम पर धोखा दिया गया। आरोप है कि पंकज कुमार और नीरज कुमार ने महिला का घर बैंक में गिरवी रखकर कैश क्रेडिट लोन पास करवा लिया और पैसे निकाल लिए। महिला ने सदर थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई है जिसमें बैंक के तत्कालीन शाखा प्रबंधक को भी आरोपी बनाया गया है।

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    इस खबर में प्रतीकात्मक तस्वीर लगाई गई है।

    जागरण संवाददाता, मुजफ्फरपुर। Bihar Crime: समाज में पहले से ही भरासे का संकट है और इस तरह की घटनाएं इसको और बढ़ाती हैं। एक अशिक्षित महिला को झांसा देकर उसकी जमीन पर लोन ले लिया गया।

    मकान बनाने के लिए होम लोन दिलाने का चकमा देकर एक महिला का घर बैंक में गिरवी रखकर आरोपितों द्वारा कैश क्रेडिट लोन पास करवा रुपये उठा लिया गया। जबकि महिला को रुपये उठाने की जानकारी भी नहीं है। मामले में अतरदह प्रजापति नगर की अनिता देवी ने सदर थाने में प्राथमिकी कराई है।

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    इसमें पंकज कुमार उर्फ पंकज उपाध्याय व नीरज कुमार उर्फ बिट्टू उपाध्याय के साथ इंडियन बैंक जवाहरलाल रोड तिलक मैदान शाखा के तत्कालीन शाखा प्रबंधक को आरोपित किया है। पुलिस का कहना है कि मामला दर्ज कर लिया गया है। जांच कर आगे की कार्रवाई की जा रही है।

    आवेदन में महिला ने कहा कि वह अशिक्षित गृहणी महिला है। आरोपितों ने होम लोन दिलवाने के नाम पर धोखाधड़ी कर उनका मकान बैंक में गिरवी रखकर उससे मिले रुपये से व्यवसाय करने लगे। आरोपितों ने जवाहर लाल रोड तिलक मैदान शाखा के इंडियन बैंक (पूर्व में इलाहाबाद बैंक) के तत्कालीन शाखा प्रबंधक के साथ मिलकर षडयंत्र रचा।

    आरोपितों ने उनसे कहा कि उनके नाम पर होम लोन पास कराया जाएगा, जिससे वह अपना मकान बना सके। लोन प्रक्रिया के लिए जमीन के पेपर ले लिए। उनसे कई दस्तावेजों पर हस्ताक्षर करवाया गया।

    इसके बान उनकी जमीन समेत मकान को बैंक में गिरवी रखकर उनके नाम पर कैश क्रेडिट लोन पास करवा लिया। इतना ही नहीं उन्हें लोन का गारंटर भी बना दिया, उन्हें इस लोन के बारे में कोई जानकारी नहीं दी गई और न ही उस राशि में से मुझे एक भी रुपया दिया गया।

    देखने वाली बात यह होगी कि पुलिस इस मामले में जांच के बाद क्या कार्रवाई करती है? एक अशिक्षित महिला अपने हक की लड़ाई को कहां तक लड़ पाती है? जो पहले से जरूरतमंद है क्या वह इसके लिए और खर्च वहन कर पाएगी?