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    Samastipur: तौबा-तौबा, ऐसे चाचा से तो अल्लाह बचाए! भतीजी को प्रेमजाल में फांसकर किया गर्भवती

    By Ajit KumarEdited By:
    Updated: Mon, 15 Mar 2021 09:34 AM (IST)

    गरीबी के कारण आरोपित के घर मेहनत मजदूरी करती थी पीडि़ता। महापंचायत के फैसले को तब्ज्जो न देकर परदेस भाग निकला आरोपित चाचा। पीडि़ता ने दिया एक बच्ची को जन्म। मासूम बच्ची को बाप का नाम दिलाने को लेकर दर - दर भटक रही युवती।

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    आरोपित और उसके स्वजनों ने जच्चा-बच्चा दोनों को अपनाने से साफ इन्कार कर दिया। प्रतीकात्मक फोटो

    समस्तीपुर, जासं। जिले के विभूतिपुर थाना अंतर्गत एक गांव में रिश्ते के चाचा और भतीजी के संबंध को तार - तार करने वाली घटना सामने आई है। जहां पिता समान रिश्ते के चाचा ने भतीजी को प्रेमजाल में फांसकर अपनी हवस का आग बुझाया। लगातार एक वर्ष तक शारीरिक संबंध बनाता रहा। इसमें पीडि़ता गर्भवती भी हो गई। जब लोगों में इसकी कानाफूसी शुरू हुई तो मामला उजागर हो गया। घटना को लेकर सैकड़ों लोगों के बीच दोनों पक्षों की महापंचायत हुई। पीडि़ता ने महापंचायत में आए लोगों के समक्ष आपबीती सुनाई। आरोपित के स्वजनों और पंचों ने एक नन जूडिशियल स्टांप पर बांड भरा। आरोपित के स्वजनों ने मान्यताओं के मुताबिक बच्चा पैदा होने देने और सवा माह के बाद निकाह का प्रस्ताव रखा। जिसे सभी ने मान लिया। 27 जनवरी को पीडि़ता ने एक बच्ची को जन्म दिया। सवा महीने का समय पूरा हो गया तो आरोपित और उसके स्वजनों ने जच्चा-बच्चा दोनों को अपनाने से साफ इन्कार कर दिया। पीडि़ता बॉन्ड और आवेदन लेकर स्वजनों के साथ विभूतिपुर थाने का चक्कर काट रही। जानमाल को खतरा की आशंका व्यक्त करते हुए न्याय की गुहार लगाई है।

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    रिश्ते में चाचा का करती थी घरेलू काम

    पीडि़ता फिलहाल एक मासूम बच्ची की मां है। उस समय वह अपने गांव में ही रहती थी। गरीबी के कारण माता-पिता के साथ मेहनत मजदूरी करती थी। इसी क्रम में आरोपित ने उसे अपने यहां घरेलू काम करने के लिए रख लिया। शादी का झांसा देकर उसे अपने प्रेमजाल में फंसा लिया। चांद - तारे दिलाने का वायदा किया। इश्क जब परवान चढऩे लगी तो शारीरिक संबंध बनाने का क्रम बदस्तूर जारी रहा। जब कभी भी वह लड़की शादी का प्रस्ताव रखती तो आरोपी अपने माता पिता से बातें कर फैसला लेने का हवाला देकर टालता रहा।

    पंचायत भवन पर महापंचायत कर बना था बांड

    पीडि़ता के गर्भवती होने पर गांव - समाज के लोगों और स्वजनों ने आरोपी व उसके स्वजनों पर शादी करने का दबाव दिया। बातें नहीं बनी तो पंचायत भवन पर एक महापंचायत भी बुलायी गई। मौका पाकर आरोपी गांव छोड़ परदेस भाग गया। पंचायत में आरोपी के माता - पिता उपस्थित हुए। पंचों को पीडि़ता ने आपबीती कह सुनाई। दोनों पक्षों की बातें सुनने व समझने के बाद पंचों ने आरोपी को परदेस से बुलवाकर निकाह करवा देने की बातें कही। एक हजार रूपये के एकरारनामे बांड पर वाकया दर्शाते हुए हस्ताक्षर और मुहर लगा दी। सभी ने अनुरोध किया कि तत्काल कोई कानूनी कार्रवाई नहीं की जाए।

    जच्चा-बच्चा को सवा महीने बाद अपनाने से इंकार

    पीडि़ता ने 27 जनवरी को एक नन्हीं बच्ची को जन्म दिया। इकरारनामे के मुताबिक सवा महीने बीत चुके हैं। मगर, आरोपी व उसके स्वजन दोनों को अपनाने से इंकार कर रहे हैं। पीडि़ता को अभी भी न्याय की उम्मीद है।

    प्यार की बहुमंजिली इमारत ध्वस्त होती देख पहुंची थाने

    पीडि़ता आरोपी के प्रेमजाल व झांसे में आकर यौन शोषण का शिकार तो हो गई। मगर, उसने साथ-साथ प्यार की बगिया में कई सपने भी संजोए। आशा और उम्मीद में कई महीने बीत गए। अपने प्यार के बहुमंजिले इमारत को ध्वस्त होते देख पीडि़ता न्याय की गुहार लगाती रही। थाना पुलिस को आवेदन देकर कहा है कि आरोपी व उसके स्वजनों ने जीवन बर्बाद किया है। गाली-गलौज और मारपीट तो करते है। साथ हीं यह धमकी मिलती है कि जच्चा-बच्चा को जान मारकर लाश पचा देंगे। सारा खेल खतम हो जाएगा।

    डीएनए टेस्ट का हवाला देकर टाल- मटोल कर रही पुलिस

    स्थानीय थाना पुलिस को पीडि़ता व स्वजनों ने एक आवेदन देने की बातें कही है। उनकी मानें तो पुलिस डीएनए टेस्ट कराने की फजीहत झेलने से असमर्थता जाहिर कर रही। थानाध्यक्ष महिला थाने का मामला बताकर पीडि़ता को समस्तीपुर जाने की बातें कह रहे।

    पुलिस मामले की तफ्तीश में जुटी

    रोसड़ा, एसडीपीओ शहरियार अख्तर ने कहा कि मामला संज्ञान में आया है। पुलिस मामले की तफ्तीश में जुटी है। जल्द हीं कांड अंकित कर कार्रवाई शुरू की जाएगी। पीडि़ता को नि:संदेह न्याय दिलाई जाएगी। विभूतिपुर थानाध्यक्ष कृष्ण चंद्र भारती ने कहा कि मामले से संबंधित आवेदन मिला है। इस मामले में सामाजिक पहल की प्रतीक्षा की जा रही है। मामला नहीं सुलझा तो आवश्यक कार्रवाई की जाएगी। सरपंच कुमारी अमृता ने बताया कि पीडि़ता को न्याय अवश्य मिलनी चाहिए। चूंकि यह मामला उनके दायरे से बाहर का है। इसलिए सुनवाई ग्राम कचहरी में नहीं की गई।