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    Bihar Bhumi: नीतीश सरकार ने भूमि लगान को लेकर जारी किया नया ऑर्डर, जमीन मालिकों को मिली राहत

    Updated: Thu, 13 Feb 2025 04:56 PM (IST)

    मुजफ्फरपुर जिले में हजारों जमाबंदी में रकबा अंकित तो है लेकिन लगान गायब है जिससे रैयतों को परेशानी हो रही है। राजस्व विभाग ने विलुप्त लगान को अंकित करने के लिए रिपोर्ट मांगी है। नए पोर्टल परिमार्जन प्लस से जमाबंदी डिजिटाइजेशन के दौरान गलतियों को सुधारने और मिसिंग एंट्री दर्ज करने का काम शुरू किया गया है। अंचलाधिकारी भूमि निरीक्षण और साक्ष्य के आधार पर सुधार करेंगे।

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    नीतीश सरकार ने भूमि लगान को लेकर जारी किया नया ऑर्डर, जमीन मालिकों को मिली राहत

    जागरण संवाददाता, मुजफ्फरपुर। जिले में हजारों की संख्या में ऐसी जमाबंदी हैं, जिनका रकबा अंकित है, लेकिन लगान विलुप्त है। ऐसे मामले में रैयतों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। विलुप्त लगान को अंकित करने की कवायद शुरू कर दी गई है।

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    इसे लेकर राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग की ओर से सभी जिलों से विलुप्त लगान की रिपोर्ट मांगी गई है, ताकि इसका अवलोकन कर आगे दिशा-निर्देश जारी किया जा सके।

    जिले में कुल जमाबंदी 17 लाख 38 हजार 112 हैं, इसमें से 68,537 का लगान मीसिंग है। सबसे अधिक मुरौल में 11139 और सरैया में सबसे कम 175 लगान मिसिंग हैं।

    डिजिटाइजेशन के लिए नया पोर्टल शुरू

    जमाबंदी के डिजिटाइजेशन में गलतियों को सुधारने और मिसिंग एंट्री दर्ज करने के लिए एक नए पोर्टल परिमार्जन प्लस को भी विकसित किया जा चुका है। राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने इस संबंध में नई पहल की है। इसके तहत जमीन मालिक (रैयत) अपने नाम, पिता के नाम, जाति के साथ पता में गलती को सुधार करवा सकेंगे।

    साथ ही डिजिटाइज्ड जमाबंदी में दर्ज खाता, खेसरा, रकबा और चौहद्दी में त्रुटि या उसके दर्ज नहीं होने समेत लगान संबंधित आंकड़े में भी सुधार करवा सकेंगे। यह पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन होगी। राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के सचिव ने इस संबंध में आदेश जारी किया है।

    अंचलाधिकारी भूमि की मापी और भौतिक निरीक्षण करेंगे:

    कहा गया है कि रैयत का नाम और पिता का नाम मूल जमाबंदी से भिन्न होने पर त्रुटि की सुधार मूल जमाबंदी के अनुसार किया जाएगा। पता एवं जाति में सुधार अंचलाधिकारी द्वारा दस्तावेजों के सत्यापन के आधार पर किया जाएगा। अगर पिता का नाम मूल जमाबंदी में अंकित नहीं है तो साक्ष्य के आधार पर इसे अंकित किया जाएगा।

    अगर मूल जमाबंदी में खाता, खेसरा और रकवा अंकित है तो त्रुटि में सुधार इसी आधार पर होगा, लेकिन मूल जमाबंदी में खाता, खेसरा और रकबा अंकित नहीं होने की स्थिति में अंचलाधिकारी रैयत द्वारा प्रस्तुत साक्ष्य के आधार पर त्रुटि सुधार या छूटे हुए आंकड़े को दर्ज करेंगे। इसके लिए वे भौतिक निरीक्षण एवं भूमि की मापी भी करवा सकता है।

    अंचल मिसिंग लगान
    मुरौल 11139
    बंदरा 8309
    औराई 11119
    कटरा 9105
    मड़वन 4560
    मीनापुर 5143
    बोचहां 2749
    गायघाट 2555
    कुढ़नी 3305
    पारु 2503
    कांटी 2345
    मोतीपुर 2187
    मुसहरी 2054
    साहेबगंज 687
    सकरा 601
    सरैया 175

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