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    मधुबनी में उप स्वास्थ्य केंद्र बने भूसा घर, ग्रामीण चिकित्सकों के भरोसे लोग कर रहे उपचार

    By Dharmendra Kumar SinghEdited By:
    Updated: Mon, 24 May 2021 11:18 AM (IST)

    मधुबनी के लदनिया प्रखंड क्षेत्र में 18 उप स्वास्थ्य केंद्र सभी की हालत एक जैसी प्राय हर घर में मिल रहे सर्दी-खांसी व बुखार के मरीज स्वास्थ्य सुविधाओं के अभाव में झोलाछाप डॉक्टरों की बढ़ी पूछ कोरोना संक्रमण बढ़ने की वजह से सहमे ग्रामीण।

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    लदनियां प्रखंड के पिपराही पंचायत स्थित उप स्वास्थ्य केंद्र में रखा भूसा। जागरण

    मधुबनी, जासं। लदनियां प्रखंड के ग्रामीण क्षेत्रों में कोरोना तेजी से फैल रहा है। लोग बुखार व सर्दी-खांसी से आक्रांत हैं। चिकित्सकों के अनुसार ये सारे लक्षण कोरोना के हैं। विगत 12 दिनों में 10 लोगों की मौत हो गई है। इसे देखते हुए गांव के लोग सहमे हुए हैं। गांवों में सन्नाटा पसरा हुआ है। ग्रामीण स्तर पर प्रदत सरकारी उप स्वास्थ्य केंद्रों में न तो दवा की सुविधा है और ना ही स्वास्थ्य कर्मियों की।

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    इन अस्पतालों में लोग उपलें, जलावन व भूसा रख रहे हैं। यही कारण है कि लोग ग्रामीण चिकित्सकों से इलाज करवा रहे हैं, जो इनकी लाचारी है। कहने के लिए यहां 18 उप स्वास्थ्य केंद्र हैं, लेकिन सब में ताले लगे हैं। सबकी हालत लगभग एक जैसी है। यहां गांव के स्तर पर न तो जांच की व्यवस्था है और ना ही टीकाकरण की। लोग कोरोना काल की इस त्रासदी को भी ग्रामीण चिकित्सकों के भरोसे झेल रहे हैं। सबके माथे पर चिंता की लकीर स्पष्ट तौर पर दिख जाती है। किसी के पिता बीमार हैं, तो किसी के पुत्र। किसी के पति बीमार हैं, तो किसी की पत्नी। किसी की बहन बीमार है, तो किसी की बेटी। लोगों के दिलोदिमाग में इस विषम परिस्थिति में अपनो के खोने की आशंका बनी रहती है।

    खजौली में भी स्वास्थ्य सुविधाओं का बुरा हाल :

    जिले के खजौली प्रखंड में भी स्वास्थ्य सुविधाओं का बुरा हाल है। उप स्वास्थ्य केंद्र मरीजों के इलाज की जगह मवेशियों को रखने के काम आ रहा है। प्रखंड के सुक्की स्थित स्वास्थ्य केंद्र पर पिछले एक साल से चिकित्सकों व नर्स को कोई अता-पता नहीं है। ऐसे में लोगों ने स्वास्थय केंद्र में मवेशियों को बांधना शुरू कर दिया। मामला सामने आने के बाद वहां से मवेशियों को तो हटा लिया गया है, लेकिन स्वास्थय सुविधाएं अभी भी बहाल नहीं हो सकी हैं। जिले के अन्य प्रखंडों में भी उप स्वास्थय केंद्रों का कमोबेश यही हाल है।