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    छात्रा से दुष्कर्म और हत्या के मामले में फैसला आने के बाद उसकी मां ने कहा, फांसी के बाद ही खुश होंगे

    Updated: Wed, 24 Sep 2025 04:41 PM (IST)

    मुजफ्फरपुर के कुढ़नी में दुष्कर्म और हत्या के दोषी रोहित सहनी को मृत्युपर्यंत सजा मिलने के बाद उसके घर पर मातम छाया हुआ है। रिश्तेदारों और परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। दोषी की चचेरी बहन ने उसे निर्दोष बताया है। कोर्ट ने रोहित सहनी को आर्थिक दंड भी लगाया है।

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    छात्रा से दुष्कर्म व हत्या के मामले में दोषी रोहित सहनी। जागरण

    जागरण संवाददाता, मुजफ्फरपुर। छात्रा से दुष्कर्म के बाद गला रेतकर हत्या के चर्चित मामले में रोहित सहनी को सजा सुनाए जाने के बाद मृत छात्रा की मां ने कहा कि उसे फांसी की सजा मिलनी चाहिए थी। इसके लिए हाईकोर्ट व दिल्ली तक जाएगी। उसको फांसी दिलवाएंगे। मीडिया से बातचीत के दौरान मृत छात्रा की मां ने कहा कि सजा से वह खुश नहीं है।

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    उसको फांसी की सजा मिलती तब खुश होती। इसके लिए वह हाईकोर्ट व दिल्ली तक जाएगी। उसको फांसी दिलवाएगी। यह बोलकर वह फफक कर रोने लगी। अपनी बच्ची को याद करते हुए कहा, उसे कानून पर पूरा भरोसा था।

    आज न्याय मिला है। इससे ज्यादा बेहतर होता उसे फांसी की सजा मिलती। उसने कहा, बच्ची को लेकर कई अरमान पाले थे। उनके परिवार के सपनों का अंत हो गया। कहा, उन्होंने अपनी बेटी को खोने का दर्द झेला, लेकिन न्याय की उम्मीद नहीं छोड़ी।

    सजा दिलाने में महत्वपूर्ण साक्ष्य बना लाकेट

    दुष्कर्म के बाद गिरफ्तारी के भय से छात्रा की हत्या मामले में आरोपित रोहित सहनी को जीवन की अंतिम सांस तक कारावास की सजा सुनाई गई। इस मामले में महज 120 दिनों में सजा सुनाई गई। दुष्कर्मी हत्यारा रोहित सहनी को सजा दिलाने में छात्रा के उस लाकेट की महत्वपूर्ण भूमिका रही जो उसकी जान नहीं बचा सका था।

    लाकेट के कारण रोहित को छात्रा का गला रेतने में बाधा आई थी। इस कारण वह लाकेट खोलकर अपनी जेब में रख लिया था। इसकी पहचान छात्रा की मां ने करते हुए कहा था, यही है मेरी बच्चीं का लाकेट। इससे रोहित को सजा दिलाने में पुलिस को मदद मिली। वहीं सजा सुनाने के दौरान रोहित की मां और अन्य स्वजन रो रहे थे।

    दूसरी ओर रोहित के चेहरे का भाव यह स्पष्ट बता रहा था कि उसे अपने किए पर कोई पश्चाताप नहीं है। वह सहज भाव से आया और गया। उसकी मां ने कोर्ट में बेटे की माफी की गुहार लगाई, लेकिन कानून अपना काम कर चुका था। इस मामले में पुलिस ने ठोस सबूत पेश किए थे, जिसके आधार पर कोर्ट ने कठोरतम सजा सुनाया। यह घटना समाज के लिए एक कड़ा संदेश है कि अपराध करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा।

    दुष्कर्म के बाद गला रेतकर हत्या मामले में हरपुर बलरा के रोहित सहनी के पेंट की जेब से मिले लाकेट की पहचान के विशेष कोर्ट द्वारा नियुक्त किए गए मजिस्ट्रेट कुढ़नी अंचलाधिकारी अनिल कुमार संतोषी के प्रखंड कार्यालय कक्ष में 10 जून को टीआई परेड हुआ था।

    मृत छात्रा की मां ने बगैर देर किए पहली बार में ही पुत्री का लाकेट को उठा लिया और उसकी पहचान की। मजिस्ट्रेट ने उनसे पूछा कि यह लाकेट ही उनकी पुत्री का कैसे है। जवाब में मृत छात्रा की मां ने कहा कि उनकी पुत्री का लाकेट वह अच्छे तरीके से पहचानती है। इसके बाद उन्होंने लाकेट में निशानी के तौर पर पहले से मौजूद एक के बाद एक छेद बताए।

    लाकेट में लगा था खून

    छात्रा से दुष्कर्म के बाद उसका गला रेतने में लाकेट बाधक बना था। रोहित ने छात्रा के गले से लाकेट को नोच पेंट की जेब में रख लिया। आरोपित के पास से पुलिस को जब लाकेट मिला तो उसमें खून और धागा लगा हुआ था।

    लाकेट की पहचान हो जाने के बाद पुलिस को आरोपित के विरूद्ध पुख्ता सबूत मिला था। केस की आइओ अंजलि कुमारी ने विशेष कोर्ट में 101 पन्नों का चार्जशीट दाखिल की थी। स्वीकारोक्ति बयान में आरोपित ने बताया था कि वह शादीशुदा है और आठवीं पास है।

    अभियोजन ने 15 और बचाव पक्ष से चार ने दी थी गवाही

    मुजफ्फरपुर : अभियोजन पक्ष की ओर से नौ जुलाई को लखींद्र सहनी, दस जुलाई को जितेंद्र पासवान, 11 जुलाई को विकास कुमार, 14 जुलाई को मृत छात्रा की मां, 15 व 16 जुलाई को कांड के आईओ दारोगा अंजली कुमारी, 17 जुलाई को राजीव कुमार, 18 जुलाई को टुन्नी देवी, 19 जुलाई को नागेंद्र कुमार, 21 जुलाई को एसकेएमसीएच के डा. शशि कुमार व डा. प्रियंका, 24 जुलाई को कुढ़नी सीएचसी के डा. दिनेश कुमार, 28 जुलाई को पीएमसीएच के एफएमटी विभाग के डा. संदीप कुमार सिंह, 29 जुलाई को एफएसएल पटना के सहायक निदेशक दीपक कुमार, 30 जुलाई को कुढ़नी के सीओ अनिल कुमार संतोषी व मुखिया पति पवन कुमार सिंह उर्फ गुड्डू सिंह की गवाही हुई थी। वहीं, बचाव साक्ष्य एक के रूप में रोहित सहनी की मां ललिता देवी और उसकी बहन प्रीती कुमारी आठ अगस्त, फुलकुमारी देवी 12 अगस्त और रंगीला कुमारी ने 18 अगस्त को सफाई साक्ष्य पेश किया था।

    एसकेएमसीएच के अधीक्षक को हटाया गया था

    मुजफ्फरपुर : दुष्कर्म मामले में इलाज में लापरवाही को लेकर सरकार के आदेश पर तीन जून को एसकेएमसीएच अधीक्षक डा. कुमारी विभा को हटा दिया था। इसके अलावा पीएमसीएच के उपाधीक्षक को निलंबित कर दिया गया था। इसके साथ ही छात्रा की इलाज में लापरवाही मामले की जांच के लिए कमिटी गठित की गई थी।

    उप मुख्यमंत्री सह जिले के प्रभारी मंत्री विजय कुमार सिन्हा पांच जून को कुढ़नी में दुष्कर्म पीड़िता के स्वजन से मिलने आए थे। उन्होंने डीएम से आवश्यक कार्रवाई का निर्देश दिया था।