10 हजार छात्रों के आधार और सर्टिफिकेट में नाम मिसमैच, मुजफ्फरपुर के इस विश्वविद्यालय का कारनामा उजागर
मुजफ्फरपुर के बीआरए बिहार विश्वविद्यालय में दस हजार विद्यार्थियों के प्रमाणपत्र और आधार कार्ड के नामों में अंतर के कारण डेटा मिसमैच हो गया है। छात्रों के क्रेडिट अपार आईडी पर अपलोड नहीं हो पा रहे जिससे मार्कशीट डिजिलॉकर पर नहीं दिखेंगे। विश्वविद्यालय ने छात्रों को अपार कार्ड बनवाने से पहले नाम ठीक कराने की सलाह दी है क्योंकि अपार आईडी के बिना परीक्षा फॉर्म नहीं भरा जाएगा।

जागरण संवाददाता, मुजफ्फरपुर। बीआरए बिहार विश्वविद्यालय में 10 हजार विद्यार्थियों के प्रमाण पत्र और आधार के नाम में अंतर होने के कारण डाटा मिसमैच हो गया है। इस कारण विद्यार्थियों द्वारा अर्जित क्रेडिट अब तक अपार आइडी पर अपलोड नहीं हो पाए हैं।
साथ ही उनके अंकपत्र की सॉफ्ट कॉपी डिजिलॉकर पर भी प्रदर्शित नहीं होगी। चार वर्षीय स्नातक पाठ्यक्रम के अंतर्गत नामांकित विद्यार्थियों के प्रमाण पत्र के नाम और आधार के नाम में अंतर है।
वहीं जब उनके क्रेडिट अपलोड किए जा रहे हैं तो प्रमाण पत्र के नाम और अपार आइडी के नाम में अंतर होने के कारण यह प्रक्रिया पूरी नहीं हो पा रही है। जैसे किसी विद्यार्थी के प्रमाण पत्र के नाम में अंग्रेजी का एक अक्षर गायब है या यू शब्द की जगह डबल ओ लिखा है।
वहीं उसके आधार कार्ड पर लिखा नाम असली है। ऐसी स्थिति में अपार कार्ड भी आधार के नाम पर बना है। लेकिन जब क्रेडिट अपलोड करने की बारी आती है तो प्रमाण पत्र पर लिखे नाम और अपार के नाम में अंतर होने के कारण मिसमैच हो जाता है। स्नातक सत्र 2023-27 में नामांकित विद्यार्थियों में से लगभग 90 हज़ार ने अपार आईडी प्राप्त कर ली है। इसमें लगभग 10 हज़ार विद्यार्थियों का डेटा मिसमैच है।
वहीं, सत्र 2024-28 में नामांकित विद्यार्थियों का डेटा अभी तक उपलब्ध नहीं हो पाया है। वहीं, स्नातक द्वितीय सेमेस्टर के परीक्षा फॉर्म भरने की प्रक्रिया में अपार आईडी की जानकारी देना अनिवार्य है। यदि कोई विद्यार्थी अपार नंबर नहीं देता है, तो उसका फॉर्म नहीं भरा जाएगा।
प्रमाणपत्र और आधार का मिलान करें, फिर अपार आईडी बनाएं
चार वर्षीय स्नातक पाठ्यक्रम के अंतर्गत सत्र 2025-29 के लिए नामांकन की प्रक्रिया चल रही है। ऐसे में कई विद्यार्थी स्वयं भी अपनी अपार आईडी बना रहे हैं। इस बीच, विश्वविद्यालय की ओर से नव नामांकित विद्यार्थियों के लिए एक एडवाइजरी जारी की गई है।
परीक्षा नियंत्रक डॉ. राम कुमार ने बताया कि अपार कार्ड बनवाने से पहले विद्यार्थी अपने प्रमाण पत्र में दर्ज नाम और आधार कार्ड में दर्ज नाम का मिलान कर लें। अगर आधार में दर्ज नाम और प्रमाण पत्र में दर्ज नाम में कोई अंतर है, तो उसे ठीक करवा लें। इसके बाद ही अपार कार्ड बनवाएँ। इससे यह सुनिश्चित होगा कि जब विद्यार्थी स्नातक के विभिन्न सेमेस्टरों में अर्जित क्रेडिट अपलोड करेंगे, तो डेटा मिसमैच नहीं होगा।
छात्र ये सावधानियां बरतें
जिस नाम से जन्म प्रमाण पत्र जारी हुआ है, उसी नाम से नामांकन लें। उसी नाम से आधार कार्ड बनवाएँ। अगर आधार में दर्ज नाम और जन्म प्रमाण पत्र में दर्ज नाम में अंतर है, तो उसे ठीक करवा लें। उसके बाद ही अपार कार्ड बनवाएं।
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