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    UDID Card से संवर रहा दिव्यांगों का भविष्य, केंद्र-राज्य की योजनाओं का मिल रहा सीधा लाभ; जानें आवेदन करने का आसान तरीका

    By Rajnish KumarEdited By: Rajat Mourya
    Updated: Thu, 02 Nov 2023 02:15 PM (IST)

    UDID Card दिव्यांगों को किसी भी तरह की सरकारी योजनाओं का लाभ अब महज एक कार्ड के जरिए मिल सकता है। यह कार्ड है यूडीआईडी। यूडीआईडी कार्ड गांव प्रखंड जिला राज्य और राष्ट्रीय सहित कार्यान्वयन के सभी स्तरों पर लाभार्थियों की भौतिक और वित्तीय सफलता को ट्रैक करता है।

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    यूडीआईडी कार्ड से संवर रहा दिव्यांगों का भविष्य, केंद्र-राज्य की योजनाओं का मिल रहा सीधा लाभ (प्रतीकात्मक तस्वीर)

    संवाद सहयोगी, मुंगेर। UDID Card For Disabled Person दिव्यांगों को सरकारी योजनाओं का लाभ लेने में किसी प्रकार की समस्या न हो इसके लिए प्रमाणित दिव्यांगों को यूडीआईडी कार्ड (यूनिक आईडी फॉर पर्सन विद डिसेबिलिटी) जारी किया जा रहा है। इस कार्ड की विशेषता है कि दिव्यांग देश के किसी भी कोने में राज्य व केंद्र सरकार की योजनाओं का लाभ ले सकते हैं।

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    जिले में आंकड़ा की तुलना में कम संख्या में दिव्यांगों ने यूडीआईडी कार्ड बनवाया है। हर गुरुवार को डॉ. निरंजन कुमार सिंह और डॉ. रमन के नेतृत्व में मानसिक और हड्डी रोग से दिव्यांगों की जांच कर उन्हें यूडीआईडी कार्ड दिया जाता है। शनिवार को नेत्र विशेषज्ञ डॉ. आमिर अली और डॉ. किष्टो के नेतृत्व में आंख, कान, गला और मुंह से दिव्यांगों की जांच कर यूडीआईडी कार्ड दिए जाते हैं।

    2011 के सर्वे के अनुसार, जिले में 21382 दिव्यांगों की पहचान की गई। विभागीय जानकारी के अनुसार 2020 यूडीआईडी कार्ड के लिए कार्यक्रम चलाया गया। तीन वर्ष में 15597 दिव्यांगों को यूडीआईडी कार्ड बनाए गए हैं। बचे दिव्यांगों का कार्ड बनाने का काम चल रहा है।

    कार्ड से मिलने वाले लाभ

    दिव्यांगों को कहीं भी ज्यादा दस्तावेजों को ले जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। कार्ड से ही जरूरी जानकारी मिल जाएगी। एकल दस्तावेज के रूप में काम करेगा और उन्हें सरकार और निजी संगठनों की ओर से दिए जाने वाले विभिन्न लाभों और विशेषाधिकारों को प्राप्त करने में मदद करेगा।

    यूडीआईडी कार्ड गांव, प्रखंड, जिला, राज्य और राष्ट्रीय सहित कार्यान्वयन के सभी स्तरों पर लाभार्थियों की भौतिक और वित्तीय सफलता को ट्रैक करता है। परिवार कल्याण कार्यकर्ता शैलेश कुमार ने बताया कि जांच में पहुंचने वाले शरीर के किसी भी अंग से दिव्यांग है, वैसे लोगों को जांच होने पर प्रतिशत कार्ड दिया है। इसके बाद उनका यूडीआईडी बनाकर दिया जाता है।

    सरल हो गई कार्ड बनाने की प्रक्रिया

    सिविल सर्जन डॉ. पीएम सहाय ने बताया कि यूडीआईडी कार्ड बनाने के लिए अब प्रक्रिया भी आसान कर दी गई है। दिव्यांगों को प्रमाण पत्र व यूडीआईडी कार्ड के लिए ज्यादा भाग-दौड़ करने की आवश्यकता नहीं है। इसके लिए कहीं से भी ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। ऑनलाइन करने के बाद एक स्लिप दिया जाएगा, इसपर निबंधन नंबर रहेगा।

    उन्होंने बताया कि नंबर को लेकर अब लाभार्थी सदर अस्पताल या पीएचसी में बोर्ड में जाएंगे जहां चिकित्सक जांच कर दिव्यांगता का प्रतिशत के साथ पूरी जानकारी पोर्टल पर अपलोड करेंगे। कुछ दिन बाद आवेदक को यूडीआईडी कार्ड मिल जाएंगे।

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