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    Munger News: भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ी सड़क, एक साल में हुई गड्ढों में तब्दील, घटिया सामग्री और लापरवाही का आरोप

    Updated: Sat, 20 Sep 2025 04:21 PM (IST)

    मुंगेर के नया टोला में 40 लाख की लागत से बनी सड़क एक साल में ही जर्जर हो गई। ग्रामीणों का आरोप है कि घटिया सामग्री और विभागीय लापरवाही के कारण सड़क टूटी है। रखरखाव के लिए कोई काम नहीं हुआ जिससे लोगों में निराशा है। ग्रामीणों ने जांच और कार्रवाई की मांग की है। विभाग का कहना है कि जांच के बाद मरम्मत होगी।

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    एक साल में टूटी 40 लाख की सड़क। फोटो जागरण

    संवाद सूत्र, धरहरा (मुंगेर)। ग्रामीण कार्य विभाग के तहत आजिमगंज पंचायत की नया टोला गांव में 25 अक्टूबर 2024 को फंटूश यादव के घर से तालाब तक करीब 40 लाख की लागत से सड़क का निर्माण कराया गया था।

    लेकिन करोड़ों की विकास योजनाओं की तरह यह सड़क भी भ्रष्टाचार और लापरवाही की भेंट चढ़ गई। निर्माण के एक वर्ष भी पूरा होने से पहले ही सड़क जगह-जगह से टूटकर गड्ढों में तब्दील हो गई है।

    ग्रामीणों का कहना है कि लंबे समय से प्रयास और जनप्रतिनिधियों से गुहार के बाद सड़क निर्माण की स्वीकृति मिली थी। लोगों को उम्मीद थी कि अब गांव तक सुगम रास्ता बन जाएगा, लेकिन घटिया निर्माण सामग्री और विभागीय निगरानी के अभाव ने ग्रामीणों की उम्मीदों पर पानी फेर दिया।

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    ग्रामीण कार्य विभाग की गाइडलाइन के अनुसार, हर साल सड़क पर आठ प्रकार के अनुरक्षण कार्य किए जाने होते हैं। इसमें घास-झाड़ की कटाई, आवश्यकतानुसार सीडी कार्य, पेरापेट की रंगाई-पुताई और रोड फर्नीचर की देखभाल प्रमुख है।

    इसके अलावा, पांच वर्षों तक रख-रखाव के लिए अलग से राशि भी निर्धारित रहती है, लेकिन ग्रामीणों का आरोप है कि सड़क बनने के बाद एक बार भी इन मदों पर कोई काम नहीं हुआ। रखरखाव की राशि का बंदरबांट हो जाता है और स्थानीय लोग टूटी-फूटी सड़कों पर चलने को विवश हो जाते हैं।

    साजन कुमार, चंदन राय आदि लोगों का कहना है कि कई वर्ष की मशक्कत के बाद सड़क का निर्माण हुआ था, लेकिन घटिया गुणवत्ता और भ्रष्टाचार के कारण सड़क जल्दी ही जर्जर हो गई। ग्रामीणों ने विभागीय अधिकारियों से जांच कर दोषी पर कार्रवाई की मांग की है।

    ग्रामीणों ने कहा कि यदि विभाग सड़क निर्माण और रखरखाव में पारदर्शिता सुनिश्चित नहीं करेगा, तो ऐसे योजनाएं केवल कागज पर ही सफल दिखेंगी। वास्तविकता यही है कि गांव की जनता को पांच वर्ष तक टूटी सड़कों पर ही सफर करना पड़ता है।

    इस संबंध मे विभाग के कनीय अभियंता सोनी कुमारी ने बताया कि यह स्थल उनके कार्य क्षेत्र में नहीं है। लेकिन, सड़क मेंटनेंस में है, जांच बाद मरम्मत कराई जाएगी।