Munger Seat Election 2025: मुंगेर में इस बार खिलेगा कमल या जलेगा लालेटन? 68 वर्षों में सिर्फ एक बार भाजपा
मुंगेर विधानसभा सीट पर भाजपा को 2020 में पहली बार सफलता मिली। 1969 में जनसंघ के रवीश चंद्र वर्मा की जीत ऐतिहासिक थी लेकिन उसके बाद भाजपा को लंबा इंतजार करना पड़ा। 2009 के उपचुनाव में राजद की जीत हुई लेकिन 2020 में प्रणव कुमार ने राजद के अविनाश कुमार विद्यार्थी को हराकर भाजपा को मुंगेर में पहली बार जीत दिलाई जिससे दशकों की कोशिश सफल हुई।

रजनीश, मुंगेर। मुंगेर विधानसभा सीट (Munger Assembly Seat) का राजनीतिक इतिहास कई उतार-चढ़ावों से भरा रहा है। आजादी के बाद से यहां कुल 17 बार चुनाव हुए, लेकिन भाजपा को अब तक सिर्फ एक-एक बार 2020 में सफलता मिली है। हालांकि, इसके पहले भारतीय जनसंघ को एक बार सफलता अवश्य मिली थी। इस रूप में 1969 का चुनाव ऐतिहासिक रहा, जब जनसंघ के रविश चंद्र वर्मा जीत दर्ज कर विधानसभा पहुंचे।
उस दौर में कांग्रेस और सोशलिस्ट दलों का वर्चस्व था, फिर भी जनसंघ की यह सफलता महत्वपूर्ण मानी गई। 1977 में जनसंघ के जनता पार्टी में विलय होने के तीन वर्ष बाद 1980 में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) अपने चुनाव चिह्न कमल छाप के साथ अस्तित्व में आई। तब से 2015 तक यह मुंगेर सीट पर अपना खाता भी नहीं खोल सकी। इन वर्षों में भाजपा ने कई प्रयास किए।
1995 में पार्टी ने प्रो. अजफर शमसी को प्रत्याशी बनाया, मगर वे जनता दल के मोनाजिर हसन से लगभग पांच हजार वोटों से हार गए। 2015 में भाजपा ने प्रणव कुमार को पहली बार टिकट दिया, लेकिन उन्हें राजद प्रत्याशी विजय कुमार विजय ने पराजित कर दिया। उस समय राजद-जदयू गठबंधन ने मजबूत चुनावी समीकरण बनाया था।
उपचुनाव में हुआ उलटफेर
2009 का उपचुनाव इस क्षेत्र की राजनीति में खास मोड़ साबित हुआ। जदयू विधायक मोनाजिर हसन सांसद बनने के कारण इस्तीफा दे चुके थे। उपचुनाव में राजद ने भाजपा से बगावत कर चुके विश्वनाथ प्रसाद गुप्ता को उम्मीदवार बनाया। उन्हें वैश्य समाज और भाजपा समर्थक वोटरों का परोक्ष समर्थन मिला और वे जीत गए। यह जीत राजद की रही, लेकिन संकेत भाजपा के लिए सकारात्मक थे।
अंततः 2020 का चुनाव भाजपा के लिए निर्णायक रहा। प्रणव कुमार को दोबारा उम्मीदवार बनाया गया और उन्होंने कड़े मुकाबले में राजद के अविनाश कुमार विद्यार्थी को 1244 मतों से हराकर भाजपा को पहली बार मुंगेर से विधानसभा में प्रतिनिधित्व दिलाया। इस जीत ने भाजपा की दशकों पुरानी कोशिशों को मुकाम तक पहुंचाया।
2020 चुनाव परिणाम
- प्रणव कुमार, भाजपा - 75573 वोट
- अविनाश कुमार विद्यार्थी, राजद - 74329 वोट
- मतों का अंतर - 1244
कब कौन विधायक रहा?
वर्ष | नाम | पार्टी |
---|---|---|
1957 | निम्रद मुखर्जी | कांग्रेस |
1962 | रामगोविंद वर्मा | कांग्रेस |
1967 | हासिम | सोशलिस्ट पार्टी |
1969 | रवीश चंद्र वर्मा | भारतीय जनसंघ |
1972 | प्रफुल्ल कुमार मिश्रा | कांग्रेस |
1977 | सैयद जाबिर हुसैन | जनता पार्टी |
1980 | रामदेव सिंह यादव | जनता पार्टी-से. |
1985 | रामदेव सिंह यादव | लोकदल |
1990 | रामदेव सिंह यादव | जनता दल |
1995 | मोनाजिर हसन | जनता दल |
2000 | मोनाजिर हसन | राजद |
2005 | मोनाजिर हसन | जदयू |
2005 | मोनाजिर हसन | जदयू |
2009 | विश्वनाथ प्रसाद गुप्ता | राजद (उपचुनाव) |
2010 | अनंत कुमार सत्यार्थी | जदयू |
2015 | विजय कुमार यादव | राजद |
2020 | प्रणव कुमार यादव | भाजपा |
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