Bihar Politics: यहां 68 सालों में महज 2 बार ही खिला कमल, इस बार भी हो सकती है टाइट फाइट!
मुंगेर विधानसभा सीट पर भाजपा को 68 सालों में केवल दो बार जीत मिली है। पहली बार 1969 में रविशचंद्र वर्मा जनसंघ से जीते। 48 साल बाद 2020 में प्रणव कुमार ने भाजपा के लिए जीत हासिल की। 2009 के उपचुनाव में विश्वनाथ गुप्ता की जीत ने भाजपा को उम्मीद दिखाई। 2015 में प्रणव कुमार हार गए थे।

रजनीश, मुंगेर। देश के 68 वर्ष के लोकतांत्रिक इतिहास में मुंगेर विधानसभा सीट से भाजपा को दो बार ही प्रतिनिधित्व का अवसर मिला है। जनसंघ काल में 1969 में मुंगेर विधानसभा क्षेत्र से भारतीय जनसंघ के रविशचंद्र वर्मा को पहली बार सफलता मिली। उन्होंने 1969 से 1972 तक मुंगेर विधानसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया।
इसके 48 वर्ष बाद एक बार फिर से 2020 में मुंगेर विधानसभा क्षेत्र से भाजपा के प्रणव कुमार की जीत हुई। हालांकि, बीच के कालखंड में 1995 में भाजपा के प्रो. अजफर शमसी ने चुनाव लड़ा, पर वे लगभग पांच हजार के अंतर से चुनाव हार गए। उन्हें जनता दल के प्रत्याशी रहे मोनाजिर हसन के हाथों पराजय का सामना करना पड़ा था।
इसी प्रकार, 2015 में भाजपा के प्रणव कुमार को पहली बार टिकट मिला पर उन्हें राजद से पूर्व सांसद रहे विजय कुमार विजय के हाथों लगभग पांच हजार मतों के अंतर से पराजय का सामना करना पड़ा। 2015 में राजद-जदयू ने मिलकर चुनाव लड़ा था।
विश्वनाथ गुप्ता की जीत के बाद भाजपा को खिली उम्मीद
2009 में हुए लोकसभा चुनाव में मुंगेर से जदयू विधायक रहे मोनाजिर हसन बेगूसराय से लोकसभा चुनाव जीत सांसद बन गए। इसके बाद उन्होंने विधानसभा सदस्यता से इस्तीफा दे दिया। फलस्वरूप मुंगेर विधानसभा सीट पर उपचुनाव हुआ।
इसमें एनडीए प्रत्याशी के रूप में जदयू के मु. सलाम चुनाव लड़ रहे थे तो दूसरी ओर राजद ने भाजपा के बागी पूर्व जिलाध्यक्ष तथा राष्ट्रीय परिषद के सदस्य रहे विश्वनाथ प्रसाद गुप्ता को टिकट दे दिया। इसने मुंगेर की चुनावी फिजा को ही बदल दिया।
उपचुनाव में राजद प्रत्याशी रहे विश्वनाथ प्रसाद गुप्ता को राजद के कोर वोटरों का साथ तो मिला ही, लंबे समय से अपने समाज के प्रत्याशी की प्रतीक्षा कर रहे वैश्य समुदाय ने तथा भाजपा के भी कोर वोटरों ने परोक्ष रूप से विश्वनाथ गुप्ता का समर्थन किया।
इससे राजद को उपचुनाव में जीत हासिल हुई, पर यह जीत राजद की कम परंतु भाजपा की जीत अधिक साबित हुई। इस चुनाव परिणाम से भाजपा नेतृत्व को मुंगेर में अपनी खोई जमीन दिख गई। इसके बाद भाजपा ने 2015 में प्रणव कुमार को पहली बार टिकट दिया, पर किस्मत ने उनका साथ नहीं दिया तथा उन्हें राजद के विजय कुमार विजय के हाथों कम मतों के अंतर से पराजय का मुंह देखना पड़ा।
2020 के चुनाव में प्रणव कुमार को दोबारा भाजपा ने टिकट दिया तथा वे जीत हासिल कर भाजपा के सपने को पूरा कर दिया। इस बार प्रणव कुमार फिर से चुनावी समर के लिए कमर कस चुके हैं।
2020 चुनाव परिणाम
- प्रणव कुमार, भाजपा - 75573 वोट
- अविनाश कुमार विद्यार्थी, राजद - 74329 वोट
- मतों का अंतर - 1244
कब कौन विधायक रहे?
वर्ष | नाम | पार्टी |
---|---|---|
1957 | निम्रद मुखर्जी | कांग्रेस |
1962 | रामगोविंद वर्मा | कांग्रेस |
1967 | हासिम | सोशलिस्ट पार्टी |
1969 | रवीश चंद्र वर्मा | भारतीय जनसंघ |
1972 | प्रफुल्ल कुमार मिश्रा | कांग्रेस |
1977 | सैयद जाबिर हुसैन | जनता पार्टी |
1980 | रामदेव सिंह यादव | जनता पार्टी-से. |
1985 | रामदेव सिंह यादव | लोकदल |
1990 | रामदेव सिंह यादव | जनता दल |
1995 | मोनाजिर हसन | जनता दल |
2000 | मोनाजिर हसन | राजद |
2005 | मोनाजिर हसन | जदयू |
2005 | मोनाजिर हसन | जदयू |
2009 | विश्वनाथ प्रसाद गुप्ता | राजद (उपचुनाव) |
2010 | अनंत कुमार सत्यार्थी | जदयू |
2015 | विजय कुमार यादव | राजद |
2020 | प्रणव कुमार यादव | भाजपा |
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