Bihar Train Accident: 44 साल बाद बिहार में फिर लौटा पुल का खौफ! सीमेंट लदी मालगाड़ी का दिल दहला देने वाला हादसा
मुंगेर में बदुआ नदी पर मालगाड़ी के वैगन गिरने से बिहार में पुलों पर हुए पुराने रेल हादसों की यादें ताजा हो गईं। यह घटना पटना-हावड़ा रेल खंड पर हुई, जि ...और पढ़ें

बिहार में ट्रेन हादसा
जागरण संवाददाता, मुंगेर। बिहार में नदियों पर बने रेल पुलों पर ट्रेन दुर्घटनाओं का इतिहास रहा है। टेलवा बाजार हॉल्ट के पास बदुआ नदी में मालगाड़ी के वैगन गिरने की ताजा घटना ने एक बार फिर पुराने दर्दनाक हादसों की याद ताजा कर दी है।
संयोग यह रहा कि इस बार यात्री ट्रेन नहीं थी, बल्कि सीमेंट लदी मालगाड़ी के कुछ वैगन नदी में जा गिरे। यदि यह दुर्घटना किसी यात्री ट्रेन के साथ होती, तो भारी जनहानि से इनकार नहीं किया जा सकता था।
44 साल पहले हुई थी घटना
बिहार में इससे पहले भी रेल पुलों पर हुए हादसों ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। ठीक 44 वर्ष पहले, छह जून 1981 को खगड़िया जिले के धमारा घाट पुल पर एक भीषण हादसा हुआ था। तेज आंधी और मूसलाधार बारिश के बीच यात्रियों से भरी पैसेंजर ट्रेन पुल से फिसलकर नदी में गिर गई थी। इस दुर्घटना में ट्रेन सवार लगभग सभी यात्रियों की जान चली गई थी। यह हादसा आज भी बिहार के सबसे भयावह रेल हादसों में गिना जाता है।
इसी तरह की एक और बड़ी घटना वर्ष 2002 में औरंगाबाद जिले में हुई थी। धावा नदी पर बने पुल से हावड़ा से नई दिल्ली जा रही राजधानी एक्सप्रेस के 13 कोच नदी में गिर गए थे। इस दुर्घटना में करीब 200 यात्रियों की मौत हो गई थी। यह हादसा भी रेल सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े करता है।
शनिवार की रात पटना-हावड़ा रेल खंड पर स्थित टेलवा बाजार के पास मालगाड़ी दुर्घटनाग्रस्त हुई। बदुआ नदी के पुल के समीप मालगाड़ी के वैगन पटरी से उतरकर नीचे जा गिरे। राहत की बात यह रही कि घटना में कोई यात्री हताहत नहीं हुआ। हालांकि, इस हादसे ने रेलवे की संरचनात्मक सुरक्षा, पुलों की मजबूती और नियमित निरीक्षण व्यवस्था पर फिर से बहस छेड़ दी है।
घटना ने छोड़े कई सवाल
अब सबसे बड़ा सवाल यह है कि यह घटना आखिर पुल के पास कैसे हुई और इसके पीछे क्या कारण रहे। क्या ट्रैक में तकनीकी खामी थी, या फिर पुल की संरचना में कोई कमजोरी? रेलवे ने मामले की जांच के आदेश दे दिए हैं।
जांच रिपोर्ट आने के बाद ही दुर्घटना के वास्तविक कारणों से पर्दा उठ सकेगा। फिलहाल, यह घटना एक चेतावनी है कि भविष्य में किसी बड़े हादसे से बचने के लिए रेल सुरक्षा पर विशेष ध्यान देना अनिवार्य है।

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