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    मुजफ्फरपुर ने जयनगर प्रीमियम लीग क्रिकेट टूर्नामेंट में समस्तीपुर को हराया

    By Md Ali Edited By: Dharmendra Singh
    Updated: Mon, 29 Dec 2025 09:31 PM (IST)

    जयनगर प्रीमियम लीग क्रिकेट टूर्नामेंट का फाइनल मुजफ्फरपुर और समस्तीपुर के बीच खेला गया। मुजफ्फरपुर ने समस्तीपुर को 6 विकेट से हराकर खिताब जीता। समस्ती ...और पढ़ें

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    ट्राफी के साथ विजेता टीम के खिलाड़ी। जागरण

    संवाद सहयोगी, जयनगर। जयनगर क्रिकेट क्लब की ओर से आयोजित सात दिवसीय जयनगर प्रीमियम लीग (जेपीएल) जिला स्तरीय क्रिकेट टूर्नामेंट का फाइनल मैच सोमवार को प्लस टू हाई स्कूल मैदान में मुजफ्फरपुर बनाम समस्तीपुर के बीच खेला गया।

    मैच का शुभारंभ जयनगर एसडीपीओ राघव दयाल, मुख्य पार्षद कैलाश पासवान समेत अन्य ने फीता काटकर किया। मुजफ्फरपुर बनाम समस्तीपुर के बीच हुए टास मुकाबले में समस्तीपुर की टीम ने टॉस जीतकर पहले बैटिंग करते हुए 20 ओवर में 149 रन बनाए।

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    जवाब में मुजफ्फरपुर की टीम ने 15 ओवर 2 गेंद में 152 रन बनाकर 6 विकेट से जीत दर्ज करते हुए विजय कप पर कब्जा किया। विजेता और उपविजेता टीम को मुख्य पार्षद कैलाश पासवान, अनिल कुमार सिंह, मनीष जायसवाल, विकास चंद्र, डा. अजित सिंह, बबलू राउत समेत अन्य के द्वारा ट्रॉफी दी गई।

    मैच में कप्तान की भूमिका समस्तीपुर टीम से आबिद जावेद और मुजफ्फरपुर टीम से आशीष सिंह की शानदार पारी ने दर्शकों का मनमोह लिया। मैन आफ द मैच का खिताब मुजफ्फरपुर टीम के श्रेय कुमार को दिया गया, जिन्होंने 38 गेंद में 74 रन बनाए।

    मैन आफ द सिरीज समस्तीपुर के आदित्य कुमार को मिला, जिसने दो मैच में 7 विकेट और 28 रन बनाए। बेस्ट बॉलर का खिताब समस्तीपुर के आदित्य को दिया गया। टूर्नामेंट को संबोधित करते हुए वक्ताओं ने कहा कि खेल को खेल की भावना से देखना चाहिए। किसी भी खेल में एक विजेता और दूसरा उपविजेता होता है।

    किसी भी खेल को हार और जीत से नहीं देखना चाहिए। खेल को हमेशा खेल की भावना से देखना चाहिए। खेल का मूल उद्देश्य केवल जीत हासिल करना नहीं, बल्कि शारीरिक, मानसिक और नैतिक विकास करना भी है।

    किसी भी खेल प्रतियोगिता में एक विजेता और दूसरा उपविजेता होता है। लेकिन इससे खिलाड़ियों की क्षमता या मेहनत कम नहीं आंकी जानी चाहिए। हार और जीत खेल के स्वाभाविक हिस्सा हैं। जिन्हें सहज रूप से स्वीकार करना चाहिए। वक्ताओं ने कहा कि खेल हमें अनुशासन, धैर्य, टीमवर्क और आत्मसंयम का पाठ पढ़ाता है।

    हार से हमें अपनी कमियों को समझने और आगे बेहतर प्रदर्शन करने की प्रेरणा मिलती है। जबकि जीत हमें विनम्र बने रहना सिखाती है। उन्होंने खिलाड़ियों से आग्रह किया कि वे प्रतिस्पर्धा को सकारात्मक रूप में लें और एक-दूसरे का सम्मान करें। वक्ताओं ने कहा कि सच्चा खिलाड़ी वही होता है जो हर परिस्थिति में खेल भावना बनाए रखता है।