मधुबनी में वृद्धजन आश्रय स्थल का 3 अक्टूबर को होगा शुभारंभ, 100 बेड समेत मिलेंगी ये सुविधाएं
मधुबनी में मुख्यमंत्री वृद्धजन आश्रय स्थल का 3 अक्टूबर को उद्घाटन होगा। यह आत्मनिर्भर बिहार के सात निश्चय-2 का हिस्सा है। यहाँ निराश्रित वृद्धजनों को भोजन चिकित्सा और मनोरंजन जैसी सुविधाएँ मिलेंगी। दो करोड़ की लागत से बने इस आश्रम में 100 बेड की व्यवस्था है। इसका उद्देश्य वृद्धों को सम्मानजनक जीवन प्रदान करना है और संचालन NGO को सौंपा गया है।

जागरण संवाददाता, मधुबनी। आत्मनिर्भर बिहार के सात निश्चय-2 के तहत नगर निगम के पुराने भवन में मुख्यमंत्री वृद्धजन आश्रय स्थल का शुभारंभ 3 अक्टूबर को किया जाएगा। आश्रय स्थल पर शहरी क्षेत्र के निराश्रित, उपेक्षित, बेसहारा वृद्धजन को ठहरने, भोजन, चिकित्सा, मनोरंजन, योग जैसी सुविधा उपलब्ध होगी।
वृद्धजन को गरिमापूर्ण जीवन-यापन में सहायता प्रदान की जाएगी। कई माह पूर्व ही भवन निर्माण कार्य पूरा हो चुका था, लेकिन औपचारिकता और व्यवस्था की प्रक्रिया में देरी होने से यह योजना अधर में लटकी रही।
वृद्धाश्रम में मेस का संचालन आजीविका मिशन समूह द्वारा किया जाना है। लेकिन जीविका द्वारा इसका निर्णय नहीं हो पाया था। मेयर अरुण राय ने बताया कि सरकार की यह काफी महत्वाकांक्षी योजना है और यह असहाय व परिवार से अलग हो चुके वृद्ध के लिए वरदान साबित होगा।
वृद्धाश्रम का निर्माण के साथ ही सुविधाओं की उपलब्धता दो करोड़ रुपये की लागत से कराया गया है। भवन के साथ-साथ जरूरी सामग्रियों की खरीदारी भी की गई है, ताकि यहां रहने वाले वृद्धों को किसी भी प्रकार की परेशानी का सामना न करना पड़े।
इस आश्रम में 100 बेड की व्यवस्था की गई है। वृद्धजन सम्मानजनक तरीके से रह सकेंगे। आश्रय गृह में स्वास्थ्य सेवाओं पर विशेष ध्यान दिया गया है। यहां पर नियमित स्वास्थ्य जांच की सुविधा उपलब्ध होगी। प्रशिक्षित कर्मी वृद्धों की देखभाल के लिए तैनात रहेंगे।
भोजन, मनोरंजन और मानसिक सुकून के लिए भी आवश्यक प्रबंध किए गए हैं। मेयर ने बताया कि वृद्धाश्रम को इस तरह तैयार किया गया है कि यहां ठहरने वाले लोगों को घर जैसा वातावरण मिले और वे सामाजिक उपेक्षा का शिकार न महसूस करें।
इस वृद्धाश्रम के संचालन व रखरखाव की जिम्मेदारी गैर सरकारी संगठन को सौंपा गया है। यहां समय-समय पर सांस्कृतिक और सामाजिक कार्यक्रम भी आयोजित किए जाएंगे, जिससे वृद्धों के मनोबल को बढ़ावा मिले। इस सुविधा केंद्र से जिले के उन वृद्धजनों को राहत मिलेगी। असहाय वृद्धजन को सरकारी स्तर पर सुरक्षित और सम्मानजनक ठिकाना मिलेगा।
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