बिहार-नेपाल के बॉर्डर पर चलता है 'चाची' का सिक्का! इस महिला के एक इशारे पर होता है 'खेला'
मधुबनी जिले के बासोपट्टी थाना क्षेत्र के महिनाथपुर और दुभी बाजार अंतरराष्ट्रीय बॉर्डर पर तस्करी का साम्राज्य चाची चलाती है। यहां व्यापार करने वाले ज्यादातर लोगों के मकान और दुकान भारत-नेपाल सीमा से सटे हैं जिससे तस्करी आसान हो जाती है। चाची के आदेश पर सिंडिकेट सदस्य सामान भेजते हैं। सूत्रों के अनुसार बीते दिनों एसएसबी ने जो गांजा जब्त किया था।

मो. अली, जयनगर (मधुबनी)। मधुबनी जिले के बासोपट्टी थाना क्षेत्र के महिनाथपुर और दुभी बाजार अंतरराष्ट्रीय बॉर्डर पर तस्करी मामले में 'चाची का साम्राज्य' चलता है। जिले के बासोपट्टी, देवधा, जयनगर एवं लदनियां थाना क्षेत्र से लगने वाली अंतरराष्ट्रीय सीमा पर एक जैसी स्थिति देखी जा रही है। बासोपट्टी के महिनाथपुर व दुभी का नाम भारतीय क्षेत्र और नेपाली क्षेत्र में भी है।
यहां व्यापार करने वाले अधिकांश लोगों का मकान और दुकान भारत नेपाल अंतरराष्ट्रीय सीमा से सटे नो मैंस लैंड के बीस गज पट्टा से सटकर है। जहां सीमा सुरक्षा पर तैनात एसएसबी की नजर को मात दी जाती है। महिनाथपुर और दुभी बाजार पर चाची के फैले साम्राज्य का हिस्सा है।
चाची के नाम से मशहूर महिला का सिक्का चलता है। उसी के आदेश का पालन होता। सिंडिकेट के माध्यम से भारत से नेपाल सामान भेजने वाले सिंडिकेट मेम्बर कोर्ड, भाषा और मोबाइल कॉन्फ्रेंसिंग से आदेश का पालन कर पलभर में नो मैंस लैंड के बीस गज के पट्टा को पार करते हैं।
सूत्रों की मानें तो चाची का अपना घर अंतरराष्ट्रीय बॉर्डर के नेपाली भाग दुभी बाजार नो मैंस लैंड से सटा हुआ है, जबकि उसका रिश्तेदार दुभी बाजार भारतीय क्षेत्र में है।
इसके साम्राज्य का सिंडिकेट मेंबर नेपाल के जनकपुर से प्रशासनिक अधिकारियों को डिल करता है, जबकि भारतीय क्षेत्र में अपने रिश्तेदारों के जरिए मेल मिलाप करती है, ताकि भारत से सामानों को तस्करी के माध्यम से नेपाल भेज सके।
सूत्रों ने बताया कि बीते दिनों एसएसबी के द्वारा जब्त करीब चार क्विंटल गांजा इन्हीं लोगों का था। सिंडिकेट का सदस्य भारत और नेपाल दोनों देशों के होते हैं। नेपाली सामानों को भारतीय क्षेत्रों में इनके सहयोग से भेजा जाता है, जबकि भारतीय सामान को नेपाल के सिंडिकेट के सहयोग से नेपाल ले जाया जाता है। इन दोनों जगहों के बॉर्डर इनके मार्गदर्शक और आदेश पर तस्करी का कारोबार चलता है।
जानकार सूत्रों ने बताया कि भारत नेपाल अंतरराष्ट्रीय सीमा खुली होने के कारण तस्करों द्वारा फायदा उठा कर दोनों देशों के बीच ऐसे कारोबार को अंजाम दिया जाता है। महिनाथपुर और दुभी बाजार में फैले अवैध कारोबार की मालकिन चाची है। चाची के आदेश और ईशारे से महिनाथपुर और दुभी बाजार से प्रतिदिन प्रतिबंधित सामानों के साथ खाद्यान्न, कपड़ा, गांजा, शराब समेत अन्य सामानों को भारत से नेपाल और नेपाल से भारत लाया जाता है।
सुरक्षा बलों को होती है परेशानी:
मधुबनी जिले से लगने वाली 107 किलोमीटर भारत नेपाल अंतरराष्ट्रीय खुली सीमा सुरक्षा बलों के लिए चुनौती बनी हुई है। महिनाथपुर और दुभी बाजार ऐसी जगह है। जहां सिर्फ अंतरराष्ट्रीय बॉर्डर का पिलर तो नजर आता है, लेकिन दोनों देशों के मापदंड का पालन नहीं होता है।
कई जगहों पर नो मैंस लैंड की जमीन को स्थानीय लोगों द्वारा अतिक्रमित और दुकान और मकान बना दिया गया है। ऐसी ही व्यवस्था नेपाली भाग में भी देखी जा रही है। ऐसी व्यवस्था को लेकर सुरक्षा बलों की सख्ती से कई बार झड़प और विवाद जैसी समस्या उत्पन्न हो चुकी है।
क्या कहते हैं अधिकारी?
एसएसबी 48 वीं बटालियन जयनगर के एक वरीय अधिकारी ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि नो मैंस लैंड के समीप अतिक्रमण को लेकर लगातार अनुमंडल प्रशासन व जिला प्रशासन को पत्राचार के माध्यम से अवगत कराया जाता है। तस्करों के खिलाफ एसएसबी लगातार कार्रवाई करते आ रही है। वहीं, एसएसबी 48 वीं बटालियन जयनगर के कार्यवाहक कमांडेंट हरेंद्र सिंह ने इस मामले में पूछे जाने पर जवाब अपने स्तर से नहीं देने की बात बताई।
सभी सीओ का लिखा गया पत्र: एसडीएम
जयनगर अनुमंडल पदाधिकारी दीपक कुमार ने बताया कि अंतरराष्ट्रीय सीमा नो मैंस लैंड पर अतिक्रमण को लेकर सभी अंचलाधिकारी को पत्र लिखा गया है। जगह का सीमांकन करने के बाद अतिक्रमण मुक्त अभियान चलाया जाएगा।
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