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    Fast food: मधुबनी में धड़ल्ले से बिक रहा फास्टफूड, खतरे में स्कूली बच्चों की सेहत! बढ़ रही पेट की बीमारी

    Updated: Sun, 04 May 2025 08:46 PM (IST)

    मधुबनी में फास्टफूड दुकानों पर बच्चों और युवाओं की भीड़ लगी रहती है। मिलावटी तेल और मसालों का उपयोग स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है। स्कूलों के बाहर लगी ...और पढ़ें

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    मधुबनी में लाइनसे लगी फास्टफूड की दुकानें। (जागरण)

    जागरण संवाददाता, मधुबनी। शहर के फास्टफूड दुकानों पर सुबह से ही स्कूली बच्चे और युवा पहुंचने लगते है। इन दुकानों पर मिलावटी तेल-मसाला का धड़ल्ले से उपयोग से इसका सेवन करने वालों को बीमार बना रहा है।

    शहर के फास्टफूड दुकान पर स्वच्छता की अनदेखी आम बात हो गई है। कॉलेजों और विद्यालयों के बाहर इस प्रकार की दुकानें छात्र-छात्राओं की सेहत के साथ खिलवाड़ कर रही है। 

    शहर के शिक्षण संस्थानों के गेट पर फास्टफूड की दुकानों की भरमार  शहर के वाटसन उच्च विद्यालय, सूड़ी उच्च विद्यालय, शिवगंगा बालिका उच्च विद्यालय, जेएमडीपीएल महिला कॉलेज, आरके कॉलेज, डीएनवाइ सहित अन्य सरकारी और प्राइवेट शिक्षण संस्थानों के प्रवेश गेट पर फास्टफूड, गोलगप्पा की दुकानें सजी रहती हैं।

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    छात्र-छात्राएं विद्यालय परिसर में पहुंचने से पहले फास्टफूड की दुकानों पर पहुंच जाते है। कई विद्यालयों के परिसर के अंदर इस तरह की दुकानें देखी जाती है।

    लेकिन विद्यालय प्रशासन इस ओर उदासीन बना है बल्कि इन दुकानदारों को परिसर के अंदर दुकान लगाने की छूट दे रखी है।

    फास्टफूड और गोलगप्पे के लगातार सेवन से पेट और अन्य प्रकार के रोगों का खतरा

    रीजनल सेकेंड्री स्कूल के निदेशक आरएस पांडेय ने बताया कि उनके विद्यालय के सामने किसी प्रकार की खाद्य पदार्थों की दुकान लगाने की मनाही है। बच्चों को टिफिन में पौष्टिक आहार की सलाह दी जाती है।

    होम्योपैथ चिकित्सक डॉ. संतोष आनंद ने बताया कि शहर ही नहीं ग्रामीण क्षेत्रों में भी जगह-जगह फास्टफूड के सेवन का प्रचलन तेजी से बढ़ा है। यह बच्चों के सेहत के लिए खतरनाक हो रहा है। इससे बच्चों में पेट गड़बड़ी की शिकायत काफी बढ़ गई है।

    खाली पेट में फास्टफूड और गोलगप्पा के लगातार सेवन से बच्चों में पेट और  अन्य प्रकार के रोगों का खतरा बढ़ रहा है। 

    हरी सब्जियां, सलाद स्वास्थ्य के लिए लाभदायक

    बच्चों और युवाओं के स्वास्थ्य के लिए उनके खान-पान पर स्वजनों को विशेष ध्यान देने की जरूरत होती है। इन्हें फास्टफूड के हानिकारक तत्वों से बचाने के लिए घर में इनके पसंद की कम मसाला वाले व्यंजनों को तरजीह देना चाहिए।

    शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. कुणाल आनंद यादव ने बताया कि बच्चों और युवाओं को फास्टफूड से बचाने के लिए प्रोटीन से भरपूर नाश्ता देना चाहिए। ब्रेड या दलिया के साथ अंकुरित अनाज, मौसमी फल, दूध और सूखे मेवे देना चाहिए। हरी सब्जियां, सलाद स्वास्थ्य के लिए लाभदायक होता है।

    दोपहर के भोजन में रोटी, दाल, सब्जी, चावल और सलाद, दही या छाछ दिया जा सकता है। रात में कम और हल्का भोजन करना चाहिए। बच्चों के लिए दूध, दही, पनीर और पालक व ब्रोकली जैसी सब्जियां डाइट में शामिल होनी चाहिए। इनमें कैल्शियम भरपूर मात्रा में होता हैं।

    गहरे हरे रंग की पत्तेदार सब्जियां, पीली और नारंगी रंग की सब्जियां, फल विटामिन ए और सी के अच्छे स्रोत माने जाते हैं। मशरूम, पनीर आदि से विटामिन डी मिलता है।

    शहर में फास्टफूड की दुकानों पर उपयोग किए जाने वाले तेल-मसाला की जांच के लिए संबंधित विभाग को लिखा जाएगा। फास्टफूड दुकानदारों को अतिक्रमण से परहेज करना चाहिए।  - अनिल चौधरी, नगर आयुक्त

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