झंझारपुर: पेज पांच: अग्निशमन विभाग की लापरवाही पर डीएम गंभीर
एसडीओ विमल कुमार मंडल ने झंझारपुर अनुमंडल अस्पताल के सामने गुरुवार शाम हुई अगलगी की घटना में अग्निशमन दस्ता की लापरवाही को गंभीरता से लिया है।
मधुबनी। एसडीओ विमल कुमार मंडल ने झंझारपुर अनुमंडल अस्पताल के सामने गुरुवार शाम हुई अगलगी की घटना में अग्निशमन दस्ता की लापरवाही को गंभीरता से लिया है। दुर्घटनास्थल का रात में ही दौरा करने के बाद एसडीओ ने वृद्ध गुदर कामत की मौत पर अफसोस जताया और अग्निशमन दस्ता के एक पदाधिकारी सहित कुल नौ कर्मियों पर अनियमितता एवं लापरवाही का आरोप लगाते हुए डीएम को उचित काररवाई हेतु भेजा है।
अपने प्रतिवेदन में एसडीओ ने लिखा है कि दस फीट की दूरी पर स्थित अग्निशमन दस्ता ने आग पर काबू पाने में कोई सहयोग नहीं दिया तथा अग्निशमन वाहन में पानी भी नहीं था। जिन कर्मियों पर लापरवाही एवं अनियमितता बरतने का आरोप लगाते हुए डीएम से काररवाई की अनुशंसा की गई है उनमें सअनि विन्ध्यवासिनी राय, हबलदार 67 सुदर्शन पासवान, बीएचजी 8789 तनुक लाल यादव चालक, सि. 453 अशोक पासवान चालक, सि. 101 तिजू पासवान, सि. 743 राजा बाबू, सि. 121 मुकेश कुमार, सि. 110 कविन्द्र प्रसाद तथा सि. 20 अमरेन्द्र कुमार शामिल हैं।
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मधुबनी। झंझारपुर में चार माह के दौरान दो दुर्घटनाओं ने प्रशासन के आपदा के समय के इंतजामात की पोल खोल कर रख दी है। छठ पूजा के दौरान वर्ष 2017 के नवम्बर माह में नदी में डूबने से लोगों के बचाव के लिए कमला बलान रेल सह सड़क पुल के नीचे एसडीआरएफ की टीम को प्रशासन ने तैनात कर रखा था। उस समय तैनात एसडीआरएफ की टीम ने भी संजीगदी नहीं दिखाई दी थी और पानी में उतरकर लोगों को गहरा पानी में जाने से रोकने के बजाय एसडीआरएफ की टीम सड़क पर घूम
घूमकर छठ पूजा का आनन्द ले रही थी कि सुबह अर्घ के दिन एक नवयुवक की डूबने से मौत हो गई। जब शव को खोजने की बारी आई तो एसडीआरएफ का वोट ही नहीं चला।
कारण बताया गया कि वोट में अपेक्षित पेट्रोल ही नहीं है। जिस कारण काफी हो हंगामा तथा प्रशासन के लिए विधि व्यवस्था की समस्या भी उत्पन्न हुई थी। इसी तरह की वाक्या अनुमंडल अस्पताल के सामने चाय, नास्ता तथा पान की गुमटी में आग लगने के बाद गुरूवार संध्या दिखाई दी। जहां आग लगी थी उसके दस फीट पूरब ही अग्निशमन दस्ता की गाड़ी और कर्मी मौजूद थे। आग की भयावहता बढ़ी जा रही थी और कर्मी मूकदर्शक बने हुए थे। बताया गया कि गाड़ी के टैंक में पानी ही नहीं है। जब तक पानी का व्यवस्था अग्निशमन दस्ता ने किया तब तक चार दूकान
जलकर राख हो गया था और एक वृद्ध व्यक्ति गुदर कामत की मौत हो गई थी। पुलिस ने गुदर के शव का अन्त्यपरीक्षण कराया और परिजनों को सौंप दिया। गुदर कामत के जलने की घटना इतनी विभत्स थी कि उनका शरीर जलकर मात्र तीन फीट का रह गया था। कई लोगों ने बताया कि अगर अग्निशमन दस्ता सक्रिय होता तो आग पर तो काबू पाया ही जा सकता था साथ ही गुदर की जान भी बचाई जा सकती थी।