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    5 स्कूलों के हेडमास्टर से मांगा गया स्पष्टीकरण, जवाब नहीं मिलने पर कटेगी 4 दिनों की सैलरी; सामने आई वजह

    Updated: Tue, 18 Feb 2025 05:22 PM (IST)

    Bihar Education News In Hindi बिहार के खजौली प्रखंड में पांच विद्यालय प्रधानों से शिक्षा विभाग के बीईओ ने स्पष्टीकरण मांगा है। इन विद्यालय प्रधानों पर बच्चों के अपार आईडी निर्माण में रुचि नहीं लेने का आरोप है। बीईओ ने इनसे दो दिनों के अंदर अपना स्पष्टीकरण देने को कहा है नहीं तो इनकी चार दिनों की वेतन कटौती की जाएगी।

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    प्रस्तुति के लिए इस्तेमाल की गई तस्वीर

    संवाद सहयोगी, खजौली। बिहार के मधुबनी जिले के खजौली प्रखंड के पांच विद्यालय प्रधान से बीईओ योगेन्द्र चौधरी ने स्पष्टीकरण पूछा है।

    बच्चों के अपार आईडी निर्माण में रुचि नहीं लेने को लेकर इन विद्यालय प्रधानों से स्पष्टीकरण पूछा गया है। इस बाबत बीईओ द्वारा सोमवार को पत्र जारी किया है।

    पत्र में यह उल्लेख किया गया है कि प्रखंड के उत्क्रमित माध्यमिक विद्यालय गोबरौरा, नव प्राथमिक विद्यालय तारापट्टी मुशहरी, प्राथमिक विद्यालय बिरौल मुशहरी दक्षिण, नव प्राथमिक विद्यालय ब्रह्मोतरा तथा प्राथमिक विद्यालय मकुनमा के विद्यालय प्रधानों द्वारा विद्यालय के बच्चों के अपार आईडी निर्माण में रुचि नहीं ली जा रही है।

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    इस कारण इन विद्यालयों के बच्चों का 40 प्रतिशत से भी कम अपार आईडी अबतक बन पाया है। उन्होंने पांचों विद्यालय प्रधान को चार दिनों की वेतन कटौती की चेतावनी देते हुए, इस संबंध में दो दिनों के अंदर अपना स्पष्टीकरण समर्पित करने का निर्देश दिया है।

    इसके साथ ही विद्यालय प्रधानों को विद्यालय के शिक्षकों से मिलकर विद्यालय में नामांकित सभी बच्चों का अपार आईडी बनाने का भी निदेश दिया है।

    विद्यालय में वास्तविक संख्या से अधिक बच्चे की बनाई जाती हाजिरी

    • उधर, गौड़ाबौराम प्रखंड क्षेत्र के सरकारी विद्यालयों में छात्र छात्राओं की उपस्थिति से ऐसा प्रतीत होता है कि बच्चों की संख्या को बढ़ाने के लिए विद्यालय प्रबंधन द्वारा प्रयास किया जाना चाहिए।
    • बच्चों की वास्तविक उपस्थिति संख्या 30 प्रतिशत तक सीमित हो चुकी है,लेकिन रजिस्टरों में दर्ज छात्र छात्राओं की संख्या वास्तविक संख्या से अधिक रहती है।
    • इसका एक उदाहरण कसरौड़ बेलवारा पंचायत के सत्तर टोल में स्थित प्राथमिक विद्यालय है। प्रधानाध्यापक रामनाथ पासवान ने नामांकित बच्चों की संख्या 92 बताई और उपस्थित बच्चों की संख्या 55 बताई गई।
    • एक कमरे में तीसरी कक्षा, चौथी कक्षा और पांचवीं कक्षा की पढ़ाई की एक साथ व्यवस्था है। इन कक्षाओं में बच्चों की वास्तविक संख्या लगभग 17 है। जबकि दूसरे कमरे में एक और दो कक्षा के छात्रों को पढ़ाया जाता है।
    • इस दो कक्षाओं में बच्चों की संख्या 12 थी। दोनों कमरों के टोटल बच्चों की संख्या करीब 29 है। लेकिन प्रधानाध्यापक ने बताया कि टोटल 55 छात्रों की उपस्थिति बनाई गई है।

    विद्यालयों में पारदर्शिता पर बढ़ावा देने की आवश्यकता 

    वहीं, सत्तर टोल के ग्रामीणों ने बताया कि रजिस्टर में दर्ज की गई उपस्थिति की नियमित जांच होनी चाहिए। विद्यालयों में पारदर्शिता को बढ़ावा देना चाहिए।

    अभिभावक और बच्चों को पता चले कि उनके बच्चों की उपस्थिति कैसे दर्ज की जा रही है। वास्तविक से अधिक उपस्थिति दर्ज करने वाले और मध्याह्न भोजन की राशि का गबन करने वाले शिक्षकों पर कार्रवाई होनी चाहिए। ताकि भविष्य में ऐसी कोई घटना सामने न आए।

    शिक्षकों को जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए। ताकि वे अपने कर्तव्यों का पालन करें। और बच्चों की उपस्थिति को सही तरीके से दर्ज करें।

    एचएम रामनाथ पासवान ने कहा कि विद्यालय में टोटल पांच शिक्षक कार्यरत हैं। जिनमें से एक शिक्षक परीक्षा ड्यूटी में गए हैं। और दूसरी शिक्षिका स्पेशल छुट्टी पर हैं। विद्यालय में तीन शिक्षक तैनात हैं।

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