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    चार दशक के राजनीतिक सफर के बाद मंत्री बने विनोद नारायण झा

    By JagranEdited By:
    Updated: Sun, 30 Jul 2017 01:58 AM (IST)

    मधुबनी। 43 वर्षों के राजनीतिक सफर तय करने के बाद विनोद नारायण झा पहली बार मंत्री बनने में सफल हुए है

    चार दशक के राजनीतिक सफर के बाद मंत्री बने विनोद नारायण झा

    मधुबनी। 43 वर्षों के राजनीतिक सफर तय करने के बाद विनोद नारायण झा पहली बार मंत्री बनने में सफल हुए हैं। जिले के बाबूबरही प्रखंड के घंघौर निवासी विनोद नारायण झा विज्ञान स्नातक हैं। जीवन के 60 बसंत देख चुके विनोद नारायण झा 1974 में हुए छात्र आंदोलन में शामिल होकर राजनीतिक क्षेत्र में कदम रखे थे। इस आंदोलन के दौरान जून 1974 से अगस्त 1974 तक केन्द्रीय कारा, बक्सर में बंद भी रहे। वहीं 1978 में जन आंदोलन के कारण भी इन्हें केन्द्रीय कारा, भागलपुर में 28 दिनों तक जेल की यातनाएं सहन करना पड़ा। वहीं फरवरी 2004 में जन समस्याओं को लेकर आंदोलन छेड़ने के कारण 22 दिनों तक इन्हें झंझारपुर जेल में रहना पड़ा।

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    वर्तमान में विनोद नारायण झा भाजपा के विधान पार्षद हैं। लेकिन इनकी राजनीतिक पृष्ठभूमि कांग्रेसी भी रही है। ये भाजपा के टिकट पर दो बार विधायक भी निर्वाचित हो चुके हैं। नवंबर 2005 में पहली बार ये पंडौल विधान सभा से तो नवंबर 2010 में दूसरी बार बेनीपट्टी विधान सभा से विधायक चुने गए थे।

    हालांकि 2015 के विधान सभा चुनाव में इन्हें बतौर भाजपा उम्मीदवार बेनीपट्टी विधान सभा क्षेत्र से पराजय का भी सामना करना पड़ा। हालांकि कुछ माह के अंतराल पर इन्हें पुन: विधान मंडल में जाने का सुअवसर मिल गया। बीते 22 जुलाई 2016 से ये विधान पार्षद हैं। श्री झा 1977 से 1990 तक भारतीय युवक कांग्रेस में प्रखंड मंत्री, जिला महामंत्री, प्रदेश महामंत्री से लेकर राष्ट्रीय मंत्री तक रह चुके हैं। जबकि 2001 से 2004 तक भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष भी रह चुके हैं।

    1989 से 1995 तक 22 मार्च को प्रति वर्ष नई दिल्ली में आयोजित बिहार दिवस समारोह के आयोजन समिति के भी ये अध्यक्ष भी रह चुके हैं। 1987 से 1989 तक ये बिहार राज्य पाठ्य पुस्तक प्रकाशन निगम में वाइस चेयरमैन भी रह चुके हैं। 1980 से 1983 तक ये राज्य सरकार के राज्य नियोजन समिति के सदस्य भी रह चुके हैं। जबकि 1991 से 1994 तक ब्रिटिश इंडिया कं., कानपुर के निदेशक मंडल के सदस्य, 2000 से 2002 तक हिन्दी सलाहकार समिति, ऊर्जा मंत्रालय, भारत सरकार के सदस्य तथा 1979 से 1982 तक दी रहिका सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक, मधुबनी के निदेशक मंडल के निर्वाचित सदस्य भी रह चुके हैं।

    1988 में अमेरिकन काउंसिल ऑफ यंग पॉलिटिकल लीडर नामक संस्था के निमंत्रण पर अमेरिकी राष्ट्रपति के चुनाव के अध्ययन एवं विश्लेषण के क्रम में अमेरिका के 11 स्टेट की यात्रा भी कर चुके हैं। श्री झा की गहरी रूचि पर्यटन एवं अध्ययन, राजनीतिक व सांस्कृतिक विषयों में है। एक पुत्र व दो पुत्री के पिता भी ये हैं। श्री झा की गिनती मृदुभाषी एवं मिलनसार राजनेताओं में होती है।