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    Raksha Bandhan 2025: किस दिशा में भाई को बैठाकर बांधना चाहिए राखी? पंडित पवन झा ने बताई बेहद महत्वपूर्ण बात

    पूरे देश में रक्षाबंधन का त्योहार 9 अगस्त को मनाया जाएगा। बहनें भाइयों के लिए राखी खरीद रही हैं दूर रहने वालों को भेज भी चुकी हैं। यह पर्व भाई-बहन के प्रेम का प्रतीक है जिसमें बहन-भाई की कलाई पर राखी बांधती है और भाई उसकी रक्षा का वचन देता है। बाजारों में रौनक बढ़ गई है।

    By Pradeep Kr Arya Edited By: Piyush Pandey Updated: Thu, 07 Aug 2025 05:09 PM (IST)
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    प्रस्तुति के लिए इस्तेमाल की गई तस्वीर। (जागरण)

    संवाद सूत्र, पुरैनी (मधेपुरा)। भाई-बहन के पवित्र रिश्ते, प्रेम एवं प्यार रूपी रक्षाबंधन का पावन पर्व श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को मनाया जाता है।

    रक्षाबंधन का पर्व भाई-बहन के स्नेह का प्रतीक है। रक्षाबंधन को लेकर बहन अपने भाइयों के लिए राखी की खरीदारी में जुट गई है। दूर रहने वाले अपने भाइयों के लिए राखी भेजने का काम लगभग पूरा कर लिया गया है।

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    मालूम हो कि रक्षा बंधन के दिन कलाई पर बांधा गया राखी का धागा सिर्फ धागा नहीं होता बल्कि भाई-बहन के प्रेम रूपी रक्षा कवच का सूत्र होता है। बहन अपने भाई को राखी इसीलिए भी बांधती है कि उसके जीवन पर किसी प्रकार की कोई संकट ना आए।

    बहन इस दिन अपने भाई के लिए व्रत रखकर भाई को राखी बांधकर ही अन्न-जल ग्रहण करती है। रक्षाबंधन के मौके पर राखी बांधने का कार्य केवल एक पौराणिक रीति-रिवाज नहीं बल्कि यह आध्यात्मिक ऊर्जा एवं ग्रहों की शक्ति से जुड़ा हुआ कर्म होता है।

    यदि इसे उचित विधि-विधान,मंत्र एवं शुभ मुहूर्त में किया जाए तो यह जीवन में सकारात्मक ऊर्जा ग्रहण करने सहित सुरक्षा का कवच प्रदान करती है। बहनें अपने भाई के कलाई में राखी बांधकर जहां उसकी लंबी आयु की कामना करती है। वहीं, इस दौरान भाई जीवन भर बहन को रक्षा करने का वचन देता हैं।

    9 अगस्त को मनाया जाएगा रक्षाबंधन

    इस बार आगामी 09 अगस्त शनिवार को रक्षाबंधन का पर्व पूरे श्रद्धा एवं शुभ मुहूर्त में मनाया जाएगा। इस बाबत मकदमपुर निवासी पंडित पवन झा ने बताया कि राखी बांधने का श्रेष्ठ समय प्रातः 9:20 बजे से दोपहर 1:55 बजे एवं फिर दोपहर 3:25 से शाम 6:50 बजे तक है।

    इस दिशा में बैठाकर बांधे राखी

    उन्होंने कहा कि भद्रा काल में राखी नहीं बांधनी चाहिए। राखी बांधने के दौरान भाई को पूर्व या उत्तर दिशा में बैठाकर उसे अक्षत तिलक लगाकर दीपक से आरती उतारने के पश्चात दाहिने हाथ की कलाई में राखी बांधनी चाहिए।

    तत्पश्चात मिठाई खिलाकर रक्षा का संकल्प लेनी चाहिए। राखी बांधने के दौरान वैदिक मंत्रों का उच्चारण करने से यह पर्व सिर्फ एक रस्म नहीं बल्कि ग्रहों की शुभ ऊर्जा का सशक्त माध्यम बन जाएगा।

    उन्होंने कहा कि बहन अगर राहु-केतु दोष या शनि दोष से पीड़ित है तो राखी में काले मोती या नीले रंग का धागा बांधना चाहिए। राहु-केतु से ग्रसित भाई की रक्षा के लिए राखी में चांदी का छोटा ताबीज बांधना चाहिए।

    पीपल वृक्ष पर बांधें राखी

    रक्षाबंधन के दिन पर सात मौली धागा की राखियां बनाकर पीपल वृक्ष में बांधने से शुभ फल की प्राप्ति होती है। रक्षाबंधन को लेकर स्थानीय बाजारों में जहां विभिन्न प्रकार की मिठाइयों की दुकान सज गई है।

    वहीं, बाजार में चहल-पहल भी काफी बढ़ गई है। महिलाओं एवं युवतियों द्वारा पूजन सामग्री की भी जमकर खरीदारी की जा रही है।

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