मधेपुरा में मिल्क चिलिंग प्लांट का निर्माण जारी, ग्रामीण अर्थव्यवस्था और महिला सशक्तिकरण को मिलेगा बढ़ावा
मधेपुरा के बुधमा में 8.60 करोड़ रुपये की लागत से 50,000 लीटर क्षमता वाले मिल्क चिलिंग प्लांट का निर्माण हो रहा है। यह परियोजना दुग्ध उत्पादन बढ़ाएगी, ...और पढ़ें

मिल्क चिलिंग प्लांट
संवाद सहयोगी, मधेपुरा। बिहार के मधेपुरा जिले के सदर प्रखंड अंतर्गत बुधमा में मिल्क चिलिंग प्लांट का निर्माण कराया जा रहा है। राज्य सरकार की ओर से 8.60 करोड़ रुपये की लागत से स्थापित किए जा रहे इस अत्याधुनिक चिलिंग पाइंट के चारों ओर चारदीवारी का कार्य लगभग पूरा कर लिया गया है।
यह परियोजना न केवल दुग्ध उत्पादन को नई दिशा देगी, बल्कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी सशक्त बनाएगी। इस मिल्क चिलिंग प्लांट के चालू होने के बाद जिले की लगभग 3500 महिलाओं को कोआपरेटिव के माध्यम से जोड़ने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। दूध की खरीद महिला समितियों के जरिए की जाएगी, जिससे महिला सशक्तिकरण को भी मजबूती मिलेगी व उन्हें नियमित आय का साधन प्राप्त होगा।
50 हजार लीटर क्षमता वाले मिल्क चिलिंग प्लांट की स्थापना
हाल ही में जिलाधिकारी अभिषेक रंजन ने भी निर्माणाधीन मिल्क चिलिंग प्लांट का स्थल निरीक्षण कर कार्य प्रगति का जायजा लिया है। उन्होंने संबंधित एजेंसियों को निर्धारित समय-सीमा में कार्य पूर्ण करने के स्पष्ट निर्देश दिया है, ताकि परियोजना का लाभ जल्द से जल्द आम लोगों तक पहुंच सके।
मालूम हो कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 30 जनवरी को प्रगति यात्रा के दौरान मधेपुरा जिले के बुढ़मा में मिल्क चिलिंग प्लांट स्थापित करने की घोषणा की थी।
मुख्यमंत्री की घोषणा के बाद परियोजना को कैबिनेट की स्वीकृति मिली व 8.60 करोड़ रुपये की प्रशासनिक मंजूरी प्रदान की गई। यहां 50 हजार लीटर क्षमता वाले मिल्क चिलिंग प्लांट की स्थापना की जा रही है।
कच्चे दूध की गुणवत्ता को संरक्षित रखना परियोजना का मुख्य उद्देश्य
इस संबंध में कोसी प्रोजेक्ट मिल्क यूनियन सुपौल के प्रबंध निदेशक नवीन कुमार ने बताया कि इस परियोजना का मुख्य उद्देश्य कच्चे दूध की गुणवत्ता को संरक्षित रखना एवं कोसी मिल्क यूनियन के नेटवर्क को जिले के दूर-दराज गांवों तक विस्तारित करना है।
मिल्क चिलिंग प्लांट में दूध को चार डिग्री सेल्सियस तक ठंडा किया जाएगा, जिससे उसकी गुणवत्ता बनी रहेगी व किसानों को बेहतर मूल्य मिल सकेगा। एमडी ने कहा कि बुढ़मा में चिलिंग पाइंट का कार्य शुरू हो चुका है, चहारदीवारी का कार्य पूरा किया जा चुका है। समय पर इसे पूर्ण कर मधेपुरा में दुग्ध उत्पादन के क्षेत्र में नया इतिहास लिखा जाएगा।
पशुपालकों को स्थानीय स्तर पर उपलब्ध होगा बेहतर बाजार
मधेपुरा में मिल्क चिलिंग पाइंट के शुरू होने से लगभग 5000 लोगों को प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रूप से लाभ मिलने की संभावना है। इससे स्थानीय किसान एवं पशुपालकों को स्थानीय स्तर पर बेहतर बाजार उपलब्ध होगा, दूध का उचित मूल्य मिलेगा। गांवों के साथ-साथ पूरे क्षेत्र का सर्वांगीण विकास होगा।

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