Sawan Special: सावन में सुहागिन महिलाएं क्यों पहनती हैं हरी चूड़ियां? जानें क्या है इस रंग का महत्व
सावन का महीना हरियाली और श्रृंगार का प्रतीक है जिसमें हरी चूड़ियों का विशेष महत्व है। सुहागिन महिलाएं कुशल दांपत्य और संतान की कामना के लिए भगवान शिव की आराधना करती हैं और हरे वस्त्र चूड़ियां पहनती हैं। हरी चूड़ियां सुहाग का प्रतीक मानी जाती हैं जिन्हें पहनने से भगवान शिव और पार्वती प्रसन्न होते हैं।

प्रदीप आर्या, पुरैनी (मधेपुरा)। उल्लास,उमंग एवं भक्ति भावना का खास महीना सावन मुख्य रूप से हरियाली एवं श्रृंगार के लिए जाना जाता है। इस माह में श्रृंगार की परंपरा रहने के कारण हरी चूड़ियों का डिमांड स्थानीय बाजारों में काफी बढ़ जाता है। हरियाली के इस मास में हरे रंग के वस्त्र सहित हरी चूड़ियों को सुहाग से जोड़कर देखा जाता है।
प्रखंड मुख्यालय के मुख्य बाजार सहित आसपास के क्षेत्रों में स्थित बाजारों में साल के अन्य माह की अपेक्षा सावन माह में काफी संख्या में महिलाएं एवं युवतियां हरे रंग की चूड़ी की खरीदारी करने को पहुंच रही है।
सावन माह सुहागिनों के लिए किसी पर्व से कम नहीं होती है। सुहागिन महिलाएं सावन के महीने में कुशल दांपत्य जीवन एवं संतान प्राप्ति की कामना को लेकर भोलेनाथ को जल अर्पित करती है। इसके अलावा हरियाली को बढ़ावा देने के उद्देश्य से सावन माह में सुहागिन महिलाएं हरे रंग के वस्त्र के साथ हरी चूड़ियां पहनती हैं।
सावन के महीने में हर तरफ शिव भक्तों की टोली नजर आती है। क्योंकि यह माह शिव की आराधना के लिए बेहद ही खास माना जाता है। ऐसी मान्यता है कि सावन के महीने में अगर भगवान शिव को प्रसन्न कर दिया जाए तो वह अपने भक्तों के सभी कष्ट दूर कर देते हैं।
सावन में सजने-संवरने की है परंपरा
पवित्र सावन माह में सजने-संवरने की परंपरा रहने के कारण सुहागिन महिलाएं हरे रंग की साड़ी एवं हरे रंग की चूड़ी के साथ सोलहों श्रृंगार करती है। हरी चूड़ियां सुहाग का प्रतीक मानी जाती है। साथ ही सावन माह में पहनना शुभ माना जाता है।
सावन मास को हरियाली एवं प्रकृति का महीना माना जाता है। महिलाओं को जहां प्रकृति का रूप माना गया है। वहीं, हरे रंग को उपजाऊ शक्ति का प्रतीक माना जाता है। सावन माह प्रकृति में हुए बदलाव के रूप में भी जाना जाता है।
सुहागिन महिलाएं क्यों पहनती है हरी चूड़ियां
सावन माह का हरे रंग से आपस में बहुत गहरा संबंध होता है। हरे रंग को प्राकृतिक रंग माना जाता है। ऐसी मान्यता हैं कि हरा रंग सावन में पहनना काफी शुभ माना जाता है। इसलिए सुहागिन महिलाएं हरे रंग की चूड़ियां पहनती है।
सनातन धर्म में हरे रंग की चूड़ियों को सुहाग का प्रतीक माना गया है। ऐसी मान्यता है कि सावन में हरी चूड़ियां पहनने से भगवान शिव एवं माता पार्वती प्रसन्न होकर अपने भक्तों को आशीर्वाद देते हैं।
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