नीतीश कुमार के शिलान्यास वाली 16 सड़कों पर काम ठप, सिर्फ बोर्ड लगाकर छोड़ा गया
लखीसराय के हलसी प्रखंड में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा शिलान्यास की गई 16 सड़कों का निर्माण कार्य ठप है। ग्रामीण सड़क सुदृढ़ीकरण कार्यक्रम के तहत श ...और पढ़ें

नीतीश कुमार के शिलान्यास वाली 16 सड़कों पर काम ठप
संवाद सूत्र, हलसी (लखीसराय)। हलसी प्रखंड के ग्रामीणों को बेहतर यातायात सुविधा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से ग्रामीण सड़क सुदृढ़ीकरण एवं प्रबंधन कार्यक्रम के तहत सड़कों के निर्माण का शिलान्यास तो धूमधाम से किया गया, लेकिन जमीनी हकीकत इससे बिल्कुल उलट है।
30 मई 2025 को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार एवं ग्रामीण कार्य विभाग के मंत्री अशोक चौधरी द्वारा कुल 16 सड़कों के निर्माण का शिलान्यास किया गया था। इसके बावजूद सात माह बीत जाने के बाद भी अधिकांश सड़कों पर निर्माण कार्य शुरू नहीं हो सका है।
ग्रामीणों का कहना है कि शिलान्यास के समय बड़े-बड़े दावे किए गए थे, लेकिन अब तक सिर्फ बोर्ड लगाकर काम को छोड़ दिया गया है। इससे ग्रामीणों में भारी नाराजगी है और सड़कों के समय पर पूर्ण होने को लेकर संशय बना हुआ है।
245.915 लाख रुपये की लागत से प्रस्तावित
जानकारी के अनुसार लखीसराय-सिकंदरा मुख्य सड़क से घोंगसा ग्रामीण पथ (1.200 किलोमीटर) का निर्माण 72.213 लाख रुपये की लागत से तथा शेखपुरा-सिकंदरा एनएच-333-ए से चौरही गांव तक (2.580 किलोमीटर) सड़क का निर्माण 245.915 लाख रुपये की लागत से प्रस्तावित है।
कार्यस्थल पर लगे बोर्ड में निर्माण की अवधि 30 मई 2025 से 29 मई 2026 तक अंकित है, लेकिन आज तक इन सड़कों पर काम शुरू नहीं हुआ।
इसी तरह लखीसराय-सिकंदरा रामगढ़ चौक पथ से कोली गांव तक 7.400 किलोमीटर सड़क निर्माण हेतु 610.920 लाख रुपये की स्वीकृति दी गई थी। इस पथ पर संवेदक द्वारा नाममात्र मोरंग बिछाने के बाद कार्य रोक दिया गया है।
सड़कों पर कार्य प्रारंभ किया गया
इन सभी सड़कों का कार्य एजेंसी ग्रामीण कार्य विभाग कार्य प्रमंडल लखीसराय तथा संवेदक कृषभ निर्माण प्राइवेट लिमिटेड कंकड़बाग पटना एवं एसकेसीसीपीएल एंड वकील राज हैं।
इस संबंध में ग्रामीण कार्य विभाग के सहायक अभियंता चंदन कुमार ने बताया कि सभी सड़कों का टेंडर हो चुका है। कुछ सड़कों पर कार्य प्रारंभ किया गया है और शेष सड़कों का निर्माण कार्य भी जल्द ही शुरू कर दिया जाएगा। वहीं ग्रामीणों का कहना है कि यदि यही स्थिति रही तो तय समय सीमा के भीतर सड़कों का निर्माण पूरा होना मुश्किल है।

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