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    श्री इंद्रदमनेश्वर महादेव मंदिर अशोकधाम

    लखीसराय। नगर परिषद क्षेत्र में मुख्यालय से सड़क मार्ग से लगभग पांच किमी दूर अशोक धाम मंदिर है। यह स्थ

    By Edited By: Updated: Thu, 03 Mar 2016 07:54 PM (IST)

    लखीसराय। नगर परिषद क्षेत्र में मुख्यालय से सड़क मार्ग से लगभग पांच किमी दूर अशोक धाम मंदिर है। यह स्थान भव्य मंदिर एवं विशाल शिव¨लग के लिए जाना जाता है। बिहार से झारखंड के अलग होने के बाद यह स्थान बाबाधाम के रूप में प्रसिद्ध है। मंदिर परिसर में ही अन्य कई मंदिर बनाए गए हैं। यहां शादी संस्कार भी कराए जाते हैं। इसके लिए मंदिर प्रबंधन ने कई धर्मशाला का निर्माण भी कराया है। बिहार राज्य मेला प्राधिकार द्वारा श्रावण में यहां श्रावणी मेला लगाया जाता है जो पूरे एक माह तक चलता है। पदेन जिलाधिकारी मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष होते हैं।

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    मंदिर का इतिहास

    नगर परिषद लखीसराय वार्ड नंबर एक रजौना चौकी गांव में 7 अप्रैल 1977 को अशोक यादव एवं गजानन साव नामक दो चरवाहे द्वारा खेलने के दौरान एक काले पत्थर का विशाल प्राचीन शिव¨लग का उदय हुआ। इस स्थल का नाम श्री इंद्रदमनेश्वर महादेव मंदिर अशोकधाम पड़ा। 11 फरवरी 1993 को जगन्नाथपुरी के शंकराचार्य स्वामी निश्चालानंद द्वारा मंदिर निर्माण का शिलान्यास किया गया। 2001 में मंदिर ट्रस्ट का निर्माण कर 111 कट्ठा भूमि मंदिर निर्माण के लिए ट्रस्ट को दी गई। इसके बाद एक भव्य मंदिर का निर्माण कराया गया। जिसकी भव्यता व दिव्यता आज बिहार वासियों के लिए आस्था का मंदिर बन चुका है। मंदिर ट्रस्ट द्वारा प्रत्येक वर्ष सामूहिक विवाह का आयोजन किया जाता है। प्रत्येक सावन एवं महाशिवरात्रि के मौके पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु यहां विशाल शिव¨लग का दर्शन करने आते हैं।

    महाशिवरात्रि को ले तैयारियां

    श्री इंद्रदमनेश्वर महादेव मंदिर ट्रस्ट द्वारा अशोकधाम मंदिर में महाशिवरात्रि महोत्सव की तैयारी की गई है। मेला का उद्घाटन ट्रस्ट के अध्यक्ष सह जिलाधिकारी उदय कुमार ¨सह करेंगे।

    सामूहिक रूद्धाभिषेक - 7:30 बजे

    शिवरात्रि मेला का उद्घाटन - 09:00 बजे

    प्रसाद वितरण - 09:30 बजे

    शिव बारात प्रस्थान - 03:00 बजे

    भव्य श्रृंगार दर्शन एवं शिव बारात आगमन - 07:30 बजे

    महारात्रि - शिव-पार्वती विवाह

    कहते हैं मंदिर कमेटी के पदाधिकारी

    महाशिवरात्रि में श्रद्धालुओं का श्री इंद्रदमनेश्वर महादेव मंदिर से काफी गहरी आस्था है। इस मौके पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ लगती है। भोलेनाथ व माता पार्वती के विवाह दर्शन के लिए आने वाले भक्तों को किसी प्रकार की परेशानी न हो इसके लिए ट्रस्ट द्वारा हर प्रकार की व्यवस्था की जा रही है। शिव विवाह के मौके पर मंदिर में पूरी रात धार्मिक आयोजन होगा।

    - डॉ. श्याम सुंदर प्रसाद ¨सह, सचिव।