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Lok Sabha Election: क्या शाहनवाज हुसैन बिहार की मुस्लिम बाहुल्य सीट से लड़ेंगे चुनाव? भाजपा नेता ने खुद दिया जवाब

1999 में किशनगंज से लोकसभा में पदार्पण करने वाले हुसैन मुस्लिम बहुल सीट से जीतने वाले एकमात्र भाजपा उम्मीदवार बने। उन्होंने आगामी चुनावों में पार्टी द्वारा उन्हें फिर से मैदान में उतारने की अटकलों को खारिज कर दिया। भाजपा नेता ने कहा कई लोग दावेदारी में हैं लेकिन कौन जानता है कि टिकट किसे मिलेगा। शाहनवाज हुसैन ने सीएए पर भी प्रतिक्रिया दी।

By Shailesh Bharti Edited By: Rajat Mourya Published: Wed, 13 Mar 2024 04:00 PM (IST)Updated: Wed, 13 Mar 2024 04:00 PM (IST)
क्या शाहनवाज हुसैन बिहार की मुस्लिम बाहुल्य सीट से लड़ेंगे चुनाव? भाजपा नेता ने खुद दिया जवाब

संवाद सहयोगी, किशनगंज। लोकसभा चुनाव को लेकर गहमागहमी जारी है। बिहार में सियासी पारा हाई है। राजनीतिक दलों ने तैयारी तेज कर दी है। विभिन्न लोकसभा सीटों से नेताओं की दावेदारी भी शुरू हो गई है। इस सबके बीच किशनगंज लोकसभा सीट भी काफी चर्चा में हैं। चर्चा की वजह शाहनवाज हुसैन भी हैं। शाहनवाज हुसैन ने लोकसभा चुनाव लड़ने पर रिएक्शन दिया है।

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1999 में किशनगंज से लोकसभा में पदार्पण करने वाले हुसैन मुस्लिम बहुल सीट से जीतने वाले एकमात्र भाजपा उम्मीदवार बने। उन्होंने आगामी चुनावों में पार्टी द्वारा उन्हें फिर से मैदान में उतारने की अटकलों को खारिज कर दिया।

'कई लोग दावेदारी में हैं, लेकिन...'

भाजपा नेता ने कहा, कई लोग दावेदारी में हैं लेकिन कौन जानता है कि टिकट किसे मिलेगा। हालाकि, उन्होंने यह स्पष्ट कर दिया कि किशनगंज से उनके चुनाव लड़ने की अटकलें सच्ची नहीं थीं, यह उस सीट के बारे में स्थिति को स्पष्ट करने के लिए था, जिसे भाजपा ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की जद (यू) को दे दिया है, जब भी दोनों दलों के बीच लड़ाई हुई है।

सीएए पर क्या बोले हुसैन?

गौरतलब है कि पूर्व केंद्रीय मंत्री और वरिष्ठ भाजपा नेता सैयद शाहनवाज हुसैन ने मंगलवार को लोगों से नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) के बारे में अफवाहों से प्रभावित न होने का आग्रह किया। अधिनियम अधिसूचित होने के बाद पत्रकारों से बात करते हुए हुसैन ने कहा कि इसका उद्देश्य केवल बांग्लादेश, अफगानिस्तान और पाकिस्तान के उन लोगों को नागरिकता देना है जो धार्मिक उत्पीड़न के कारण इन देशों से भाग गए थे।

सीएए के बारे में पूछे जाने पर हुसैन ने कहा, इस अधिनियम के कारण कोई भी अपनी नागरिकता नहीं खोएगा। केवल उन लोगों को भारत की नागरिकता मिलेगी जो धार्मिक उत्पीड़न के कारण अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान से भाग गए हैं। हुसैन ने कहा, लोगों को सीएए के बारे में अफवाहों से प्रभावित नहीं होना चाहिए। यह धार्मिक आधार पर मतदाताओं का ध्रुवीकरण करने का उपाय नहीं है। हुसैन बिहार के उत्तर पूर्वी हिस्से के किशनगंज जिले में थे, जहां मुस्लिम बहुसंख्यक हैं।

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