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    Bihar Politics: जीतन राम मांझी ने रख दी एक और डिमांड, क्या मोदी-नीतीश को होगी मंजूर?

    जीतन राम मांझी ने चुनाव से पहले नए समीकरण साधने की कोशिश की है। जीतन राम मांझी ने कहा है कि महिलाओं को 50 प्रतिशत आरक्षण मिलना चाहिए। उन्होंने कहा कि नारियों की शिक्षा में भी बढ़ोतरी होनी चाहिए। उन्होंने दहेजमुक्त शादी की भी अपील की। उनके बेटे संतोष सुमन ने भी कहा कि प्रकृति को संतुलित रखने के लिए महिलाओं का सम्मान करना चाहिए।

    By Rajat Kumar Edited By: Rajat Mourya Updated: Tue, 12 Mar 2024 06:55 PM (IST)
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    जीतन राम मांझी ने रख दी एक और डिमांड, क्या मोदी-नीतीश को होगी मंजूर?

    राज्य ब्यूरो, पटना। हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (हम) के संस्थापक एवं पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने कहा कि महिलाओं को हर क्षेत्र में 50 प्रतिशत आरक्षण मिलना चाहिए। नारियों की शिक्षा में भी बढ़ोतरी होनी चाहिए। उन्होंने दहेजमुक्त शादी का आह्वान करते हुए महिला सेल को आगे बढ़कर सामुदायिक शादियां कराने की अपील की।

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    पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. संतोष कुमार सुमन ने कहा कि प्रकृति को संतुलित रखने के लिए महिलाओं का सम्मान करना चाहिए।

    कार्यक्रम की अध्यक्षता गीता पासवान जबकि संचालन महिला प्रकोष्ठ की प्रदेश अध्यक्ष सुनीता अशोक ने की। मौके पर विधायक डॉ. अनिल कुमार के साथ राजेश्वर मांझी, श्याम सुंदर शरण, गिरधारी सिंह समेत कई नेता मौजूद थे।

    नीतीश सुशासन व राजद कुशासन का प्रतीक- राजीव

    जदयू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राजीव रंजन ने मंगलवार को कहा कि तेजस्वी यादव के नेतृत्व में राजद झूठ बोलने का कीर्तिमान बना रहा। पर जनता यह भूलने वाली नहीं कि नीतीश कुमार के आने से पहले बिहार में कैसी अंधेरगर्दी थी। नीतीश कुमार बिहार में सुशासन और राजद कुशासन का प्रतीक है।

    जदयू प्रवक्ता ने कहा कि राजद के राज में जहां विकास एक मजाक था वहीं आज नीतीश राज में बिहार की विकास दर 10.64 प्रतिशत है जो देश की विकास दर से भी अधिक है। बिहार आज देश में तेजी से बढ़ने वाले राज्यों में तीसरे नंबर पर है। आज बिहार का बजट राजद काल के मुकाबले दस गुना अधिक हो चुका है।

    उन्होंने कहा कि बिहार के आमलोगों का जीवन सुधर रहा है। पिछले 16 साल में स्वास्थ्य के क्षेत्र में बिहार ने 11 गुना और शिक्षा के क्षेत्र में अपने खर्च को आठ गुना बढ़ाया है। परिवारवादी शासन में ऐसा सोचना भी मुमकिन नहीं था।

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