Kishanganj News: एनएच 327 E से नेपाल बार्डर तक सड़क चौड़ीकरण से बढ़ेगा व्यापार, भारत सरकार को मिला आवेदन
Kishanganj News नेपाल के प्रतिनिधियों ने भारत सरकार के अधिकारियों को आवेदन दिया है जिसमें किशनगंज के गलगलिया चेकपोस्ट से नेपाल सीमा तक के संपर्क पथ के ...और पढ़ें

संवाद सूत्र, ठाकुरगंज (किशनगंज)। Kishanganj News: किशनगंज के ठाकुरगंज प्रखंड क्षेत्र अंतर्गत आने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग एनएच 327 ई के गलगलिया चेकपोस्ट से नेपाल सीमा तक करीब चार किलोमीटर लंबे संपर्क पथ के चौड़ीकरण एवं विस्तार को लेकर नेपाल के प्रतिष्ठित नागरिकों ने भारत सरकार के संबंधित अधिकारियों को लिखित आवेदन सौंपा है।
नेपाल की ओर से यह आवेदन पथ निर्माण विभाग, किशनगंज के कार्यपालक अभियंता, किशनगंज के जिला पदाधिकारी, ठाकुरगंज विधायक सऊद आलम तथा बिहार सरकार के पथ निर्माण मंत्री को दिया गया है। आवेदन में इस महत्वपूर्ण संपर्क मार्ग के सिंगल लेन होने के कारण उत्पन्न समस्याओं को प्रमुखता से उठाया गया है।
इस मामले में झापा उद्योग संघ के अध्यक्ष यम बहादुर श्रेष्ठ, भद्रपुर नेपाल नगरपालिका के मेयर गणेश पोखरेल तथा नेपाल-भारत मैत्री संघ के अध्यक्ष प्रदीप मणि रेग्मी ने संयुक्त रूप से मांग की है कि इस मार्ग का शीघ्र चौड़ीकरण एवं उन्नयन हो, ताकि भारत और नेपाल के बीच व्यापारिक गतिविधियों को गति मिल सके।
यह मार्ग दोनों देशों के बीच व्यापार और यात्रियों की आवाजाही के लिए अहम
उक्त प्रतिनिधियों ने कहा कि गलगलिया (किशनगंज) एक मान्यता प्राप्त भूमि सीमा शुल्क पोर्ट (ट्रांजिट प्वाइंट) है, जो भारत और नेपाल के बीच पारगमन संधि के अंतर्गत आता है। यह मार्ग दोनों देशों के बीच व्यापार और यात्रियों की आवाजाही के लिए अहम भूमिका निभाता है, लेकिन वर्तमान में यह सड़क बेहद संकरी, जर्जर और अव्यवस्थित है, जिससे नियमित रूप से यातायात बाधित होता है।
उन्होंने यह भी कहा कि अपेक्षित बुनियादी ढांचे के अभाव में इस पोर्ट से व्यापार की संभावनाएं पूरी तरह नहीं उभर पाई हैं। खासकर पुराने चेकपोस्ट से एनएच 327 ई (भातगांव, गलगलिया) को मेची पुल से जोड़ने वाली यह सड़क महज चार किलोमीटर लंबी है, लेकिन इसके चौड़ीकरण की अब तक अनदेखी की गई है।
प्रतिनिधियों का मानना है कि यदि यह संपर्क मार्ग आधुनिक और चौड़ा बनता है, तो इससे भारत और नेपाल के बीच व्यापारिक संबंध और अधिक मजबूत होंगे, सीमा शुल्क से राजस्व में वृद्धि होगी, स्थानीय लोगों को रोजगार के अवसर मिलेंगे और पूरे सीमावर्ती क्षेत्र में समृद्धि आएगी। उन्होंने इस मामले को दोनों देशों के नागरिकों की वर्षों पुरानी मांग बताते हुए शीघ्र कार्रवाई की मांग की है।

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