Navratri 2025: विजयदशमी के साथ 11 दिनों में पूरा होगा नवरात्र, जानें कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त
खगड़िया में शारदीय नवरात्रि की धूम है जो इस बार 11 दिनों तक मनाई जाएगी। कलश स्थापना के साथ पर्व का आरम्भ होगा। इस वर्ष माँ दुर्गा का आगमन हाथी पर होने से कृषि में वृद्धि का संकेत है जबकि प्रस्थान नरवाहन पर सुख-शांति का प्रतीक है। अष्टमी व्रत 30 सितंबर को है और विजयादशमी 2 अक्टूबर को मनाई जाएगी। कलश स्थापना के शुभ मुहूर्त भी बताए गए हैं।

जागरण संवाददाता, खगड़िया। शारदीय नवरात्रि को लेकर क्षेत्र में चहल पहल है। लोग पूजन की तैयारी में जुट चुके है। शारदीय नवरात्र कल सोमवार से कलश स्थापन के साथ आरंभ होगी। इस बार नवरात्र 11 दिनों की है। इस वर्ष नवरात्र में तिथि की वृद्धि है जो शुभ फलदायी है।
इस वर्ष मां दुर्गा का आगमन हाथी पर जबकि देवी का प्रस्थान नरवाहन पर होगा। मां दुर्गा के हाथी पर आगमन शुभ फलदायी है। यह अच्छी वर्षा और कृषि में वृद्धि का सूचक माना जाता है। वहीं देवी का प्रस्थान मनुष्य पर होने से सुख समृद्धि एवं शांति कारक माना जाता है।
इस वर्ष मां दुर्गा का आगमन एवं प्रस्थान दोनों ही शुभ दायक है। आचार्य शुभम सावर्ण के अनुसार इस वर्ष विजयदशमी के साथ नवरात्र 11 दिन में संपूर्ण होगा। सोमवार को कलश स्थापन के साथ नवरात्र आरंभ होगी।
इसबार नवरात्र में तिथि की वृद्धि है। इस बार चतुर्थी पूजन दो दिनों की होगी। 25 सितंबर गुरुवार को चतुर्थी तिथि संपूर्ण दिन और रात्रि भोगकर 26 सितंबर शुक्रवार को प्रातः 6:50 तक रहेगी। इसलिए दोनों ही दिवस में देवी के चतुर्थ रुप कूष्मांडा रुप की पूजा होगी। 27 सितंबर शनिवार को पांचवे रुप स्कंदमाता की पूजा होगी।
28 सितंबर रविवार को देवी के छठे रुप कात्यायानी की पूजा होगी। इसी दिन गज पूजा, एवं संध्या में बिल्वभानिमंत्रण पूजन किया जाएगा। 29 सितंबर सोमवार को प्रातः नव पत्रिका प्रवेश के साथ देवी की प्राण प्रतिष्ठा, राजसोपचार पूजन एवं रात्रि में महरात्रि निशा पूजा होगी।
30 सितंबर मंगलवार को अष्टमी तिथि का मान दिन के 1:54 तक है। इसी दिन महादुर्गा अष्टमी व्रत रखा जाएगा। संधी पूजा का शुभ मुहूर्त 13:30 से 14:18 तक है। मां दुर्गा को फल,मिष्ठान, पकवान वस्त्र आभूषण श्रृंगार सामग्री के साथ डलिया अर्पण किया जाएगा।
एक अक्टूबर बुधवार को महानवमी मनाई जाएगी। नवमी तिथि दिन के 2:46 तक रहेगी। इसका महत्व सूर्यास्त तक रहेगा। देवी के सिद्धिदात्री रूप की पूजा होगी कुमारी पूजन, कुष्मांडा बली एवं छगबली और हवन पूजन आदि कर्म पूरा किया जाएगा।
दो अक्टूबर गुरुवार को विजयादशमी मनाई जाएगी। इस दिन अपराजिता पूजा, आयुध पूजन,शमी पूजन देवी विसर्जन जयंती धारण,नीलकंठ दर्शन नवरात्र व्रत पारण के साथ नवरात्रि पूर्ण होगा।
जाने कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त
शारदीय नवरात्र का शुभारंभ सोमवार से है। इस दिन कलश स्थापन व जंयती बोए जाने के साथ नवरात्र आरंभ होगा। कलश स्थापन के लिए अमृत मुहूर्त प्रातः 6:09 से 8:06 तक रहेगा, दूसरा शुभ मुहूर्त 9:14 से 10:49 तक है।
वहीं अभिजीत मुहूर्त 11: 49 मिनट से 12: 38 मिनट तक रहेगा। कलश स्थापना के यह सारे मुहूर्त अत्यंत शुभ फलदायक रहेंगे। आवश्यक स्थिति में सूर्यास्त से पूर्व तक कलश स्थापन किया जा सकेगा।
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