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    Kosi River: कोसी में उतरा 'लाल पानी', बिहार के इस जिले में बढ़ने लगी टेंशन; प्रशासन भी हुआ एक्टिव

    Updated: Wed, 14 May 2025 04:51 PM (IST)

    कोसी नदी में लाल पानी आने से बिहार के खगड़िया जिले में बाढ़ का खतरा बढ़ गया है। नदी के किनारे बसे इलाकों में पानी बढ़ने लगा है जिससे खेतों में खड़ी फसलें डूबने की आशंका है। प्रशासन बाढ़ से पहले की तैयारियों में जुट गया है नाविकों को भुगतान और शरण स्थलों की व्यवस्था की जा रही है। लाल पानी बाढ़ के मौसम का संकेत है।

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    कोसी में उतरा 'लाल पानी', बिहार के खगड़िय जिले में बढ़ने लगी टेंशन। जागरण

    भवेश, खगड़िया। कोसी में ‘लाल पानी’ अर्थात नया पानी उतर चुका है। खगड़िया के बेलदौर प्रखंड अंतर्गत कोसी किनारे बसे बलैठा पंचायत के मुखिया और प्रसिद्ध नाविक विरेंद्र सहनी उर्फ कारे सहनी ने कहा- कोसी में डेढ़ फीट खड़ा पानी बढ़ा है। ‘लाल पानी’ अर्थात नया पानी उतर चुका है। सूख चुकी नदी के पेट में पानी फैलता जा रहा है। वीरेंद्र सहनी कहते हैं- उम्मीद है कि सप्ताह दिन के अंदर कोसी लबालब हो जाएगी।

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    इधर, नदी के पेट में दियारा में लगी ककरी, बतिया, खीरा, परवल के खेतों में कभी भी पानी प्रवेश कर सकता है। मालूम हो कि डुमरी पुल के आसपास, कामाथान, तिरासी, आनंदी सिंह बासा के समीप बड़े पैमाने पर इन फसलों की खेती की गई है।

    नदी विशेषज्ञ ब्रजभूषण झा कहते हैं- कोसी में ‘ललपनिया’ अर्थात नया पानी उतरना इस बात का सिग्नल है कि बाढ़ का मौसम आने वाला है। मालूम हो कि सरकार एक जून से 31 अक्टूबर तक बाढ़ की अवधि मानती है। जानकारी अनुसार, बिहार की नदियों में सबसे पहले कोसी बढ़ती है और अंत में गंगा व बूढ़ी गंडक।

    हालांकि, बीते वर्ष सितंबर अंतिम सप्ताह में कोसी बराज से ऐतिहासिक पानी छोड़े जाने के कारण मुश्किल स्थिति पैदा हो गई थी। बेलदौर प्रखंड क्षेत्र के काली कोसी नदी किनारे बसे कंजरी, कोसी नदी किनारे इतमादी, कुर्बन, दिघौन व चोढ़ली पंचायत बाढ़ से प्रभावित हुई थी।

    हालांकि, प्रशासन ने दो पंचायत कंजरी एवं इतमादी को ही बाढ़ प्रभावित चिन्हित कर सरकारी नाव चलाई थी। बाढ़ से प्रभावित गांधीनगर गांव के 382 परिवार को बाढ़ सहायता राशि दी गई थी। एक बार फिर अंचल प्रशासन ने बाढ़ पूर्व तैयारी शुरू कर दी है।

    बीते वर्ष नाव परिचालन के लंबित राशि का नाविकों को भुगतान करने, बाढ़ ग्रस्त इलाके के क्षतिग्रस्त नाव की अविलंब मरम्मत करने, बाढ़ शरण स्थली, ऊंचे स्थल का चयन करने, बाढ़ प्रभावित पंचायतवार गोताखोरों की सूची अविलंब जमा करने के लिए संबंधित राजस्व कर्मचारी को निर्देश दिए गए हैं।

    गोगरी एसडीओ सुनंदा कुमारी ने बताया कि बाढ़ पूर्व तैयारी शुरू कर दी गई है। इसको लेकर सीओ को आदेश दिए गए हैं।

    क्या है ‘लाल पानी’?

    नदी विशेषज्ञ ब्रजभूषण झा कहते हैं- कोसी नदी नेपाल स्थित हिमालय के पहाड़ी क्षेत्र से होकर गुजरती है। जब पहाड़ों पर तेज वर्षा होती है, तो कोसी में लाल रंग की मिट्टी की मात्रा बहुत अधिक हो जाती है। जिसके कारण नदी का पानी लाल रंग का दिखाई देने लगता है और बोलचाल की भाषा में इसे ‘लाल पानी,’ ‘ललपनिया’ कहा जाता है।

    शुरू में यह पानी बहुत ही हल्की मात्रा में ‘ललछोंह’ (हल्की लाली लिए हुए) दिखाई पड़ता है। यह नदी का नया पानी है। यह इस बात का सिग्नल है कि, बाढ़ का मौसम आने वाला है।

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