Khagaria News: खगड़िया में मक्का किसान क्यों हो रहे परेशान? दो बड़ी चुनौती आई सामने
Khagaria News खगड़िया में मक्का की खेती बड़े पैमाने पर होती है लेकिन किसानों को कई परेशानियों का सामना करना पड़ता है। सिंचाई सुविधाओं का अभाव मक्का आधारित उद्योगों की कमी और लागत में वृद्धि प्रमुख चुनौतियां हैं। किसान अपनी उपज कम दामों पर बेचने को मजबूर हैं। सरकार और संबंधित विभागों को किसानों की समस्याओं पर ध्यान देना चाहिए और समाधान के लिए कदम उठाने चाहिए।

जागरण संवाददाता, खगड़िया। Khagaria News: कभी खगड़िया चना की खेती को लेकर प्रसिद्ध था। कहावत थी, कहां जाते हो खगड़िया, बूट(चना) लादने। परंतु समय के साथ इसका रकबा सिमटता गया और अब तो शौकिया खेती होती है। अब खगड़िया मक्का की खेती को लेकर प्रसिद्ध है। खगड़िया मक्का की खेती को लेकर भारत के मानचित्र पर महत्वपूर्ण स्थान रखता है।
यहां खरीफ और रबी के मौसम को मिलाकर 69 हजार 104 हेक्टेयर में मक्का की खेती की जाती है। जिला कृषि पदाधिकारी अविनाश कुमार ने बताया कि, खरीफ में आठ हजार 928 हेक्टेयर में मक्का की खेती होती है। जबकि रबी के मौसम में 60 हजार 176 हेक्टेयर में मक्का की खेती की जाती है। जानकारी अनुसार लगभग तीन लाख 50 हजार मीट्रिक टन पैदावार होती है।
किसानों के लिए ये बड़ी चुनौती आईं सामने
परंतु मक्का किसानों की कई परेशानियां हैं। दिनोंदिन लागत खर्च बढ़ती जा रही हैं। सिंचाई सुविधाओं का अभाव इनमें प्रमुख है। जिले के सर्वाधिक मक्का उत्पादन वाले प्रखंड बेलदौर में राजकीय नलकूप नहीं है। जहां यह सुविधा है भी, वहां कई समस्याएं बरकरार हैं।
राजकीय नलकूप से सिंचाई का रकबा दिनोंदिन कम होता चला जा रहा है। बेलदौर प्रखंड क्षेत्र होकर नहरें गुजरती है, परंतु कई जगहों पर यह नालों के अभाव में बेकार हैं। किसान निजी पंपसेट पर निर्भर है और इससे खेती का लागत खर्च बढ़ रहा है। दूसरी और सबसे बड़ी परेशानी मक्का आधारित उद्योग का नहीं होना है। किसान अपनी उपज औने-पौने दामों पर बेचने को विवश हैं।
इतमादी के किसान दिवाकर सिंह कहते हैं कि खरीफ के मौसम में तीन बीघा में मक्का की खेती की है।एक बीघा मक्का की खेती में 30 हजार रुपये लागत आती है।10 हजार तो सिंचाई खर्च ही पड़ता है। परंतु उस अनुसार कीमत नहीं मिलती है।
2024 में 22 सौ रुपये क्विंटल और 2023 में 18 से 20 सौ रुपये प्रति क्विंटल रेट मिला था। मधुपुर के किसान सुवेनारायण यादव ने बताया कि, मक्का की खेती का लागत खर्च बढ़ा है, परंतु उस अनुपात में दाम नहीं मिल पाता है।
मालूम हो कि प्रिस्टीन मेगा फूड पार्क, मानसी अभी तक चालू नहीं हुआ है। बीते दिनों खगड़िया सांसद राजेश वर्मा ने इस फूड पार्क का जायजा भी लिया था। वे लोकसभा में भी मक्का आधारित उद्योग को लेकर आवाज उठा चुके हैं।

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