Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Bihar Politics: परबत्ता बनी बिहार की सबसे हॉट सीट, जदयू विधायक की राजद में एंट्री से गरमाई सियासत

    Updated: Mon, 06 Oct 2025 03:51 PM (IST)

    खगड़िया जिले के परबत्ता से जदयू विधायक डॉ. संजीव कुमार राजद में शामिल हो गए हैं जिससे यह सीट राज्य की हॉट सीटों में गिनी जा रही है। उनके पिता रामानंद प्रसाद सिंह भी पांच बार विधायक रह चुके हैं। इस बार डॉ. संजीव कुमार और उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी के बीच मुकाबला होने की चर्चा है। भाजपा और लोजपा(रा) भी इस सीट पर नजर बनाए हुए हैं।

    Hero Image
    संजीव कुमार और सम्राट चौधरी में टक्कर (फाइल फोटो)

    उपेंद्र, खगड़िया। जदयू से परबत्ता विधायक डॉ. संजीव कुमार अब राजद में शामिल हो गए हैं। उन्होंने बीते तीन अक्टूबर को पार्टी की सदस्यता ग्रहण की। उनके साथ परबत्ता क्षेत्र के कई नेता भी जदयू छोड़ चुके हैं। अब यह सीट राज्य की सबसे हॉट सीटों में शुमार हो गई है। एनडीए हर हाल में इसे बचाने की कोशिश करेगा, जबकि डॉ. संजीव कुमार अपनी जीत दोहराने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    उनके पिता रामानंद प्रसाद सिंह (आरएन सिंह) पांच बार विधायक रहे हैं। उन्होंने वर्ष 2004, 2005 में लगातार जीत दर्ज की थी, जबकि 2010 के विधानसभा चुनाव में सम्राट चौधरी विजयी रहे थे।

    इस बार बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी और परबत्ता के वर्तमान विधायक डॉ. संजीव कुमार के आमने-सामने होने की चर्चा है। हालांकि, भाजपा खगड़िया जिला अध्यक्ष शत्रुघ्न भगत कहते हैं- अभी तक ऐसी कोई जानकारी नहीं है। पार्टी जो तय करेगी उसे सभी मानेंगे।

    खैर, परबत्ता विधानसभा से भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता डॉ. सुहेली मेहता, भाजपा नेत्री सुमिता देवी राय समेत कई नाम सामने आ रहे हैं। हालांकि लोजपा(रा) की भी नजर इस सीट पर है। जदयू से बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री स्मृतिशेष सतीश प्रसाद सिंह के बड़े पुत्र सुनील कुमार भी दावेदार माने जा रहे हैं।

    इधर, राजनीतिक हलके में चर्चा है कि, खगड़िया जिले से भाजपा काे एकमात्र परबत्ता विधानसभा सीट मिलने जा रही है। दूसरी ओर यह तय है कि महागठबंधन से राजद के डॉ. संजीव कुमार(परबत्ता विधायक) उम्मीदवार होंगे।

    डॉ. संजीव कुमार के साथ प्लस पाइंट यह है कि, यहां से उनके पिता रामानंद प्रसाद सिंह (अब स्मृति शेष) पांच बार विधायक रहे हैं। उनके बड़े भाई राजीव कुमार कांग्रेस से विधान पार्षद हैं। डॉ. संजीव कुमार अपने पिता रामानंद प्रसाद सिंह के चुनाव में सक्रिय भूमिका निभाते रहे। वे यहां के चप्पे-चप्पे से वाकिफ हैं।

    मालूम हो कि रामानंद प्रसाद सिंह ने पहली बार 2004 के विधानसभा उपचुनाव में राकेश कुमार (सम्राट चौधरी) को हराया था। जानकारों के अनुसार, उस समय जदयू प्रत्याशी रामानंद प्रसाद सिंह को 54,229 मत प्राप्त हुए थे। जबकि दूसरे स्थान पर रहे राजद के राकेश कुमार (सम्राट चौधरी) को 43,095 मत आया था। 2005 के फरवरी और अक्टूबर में हुए चुनाव में भी रामानंद प्रसाद सिंह विजयी रहे।

    फरवरी में हुए चुनाव में जदयू के रामानंद प्रसाद सिंह को 47,932 और दूसरे स्थान पर रहे राजद के राकेश कुमार (सम्राट चौधरी) को 46,014 मत मिले। कांटे की टक्कर में रामानंद प्रसाद सिंह विजयी रहे। 2005 के अक्टूबर में हुए चुनाव में जदयू के रामानंद प्रसाद सिंह को 45,684 और निर्दलीय राजेश कुमार को 41,539 मत मिले। इस बार भी कड़ा मुकाबला हुआ।

    हालांकि वर्ष 2010 में सम्राट चौधरी राजद प्रत्याशी के रूप में परबत्ता विधानसभा से कड़े मुकाबले में चुनाव जीतने में सफल रहे। उन्हें कुल 60,428 मत आया था, जबकि दूसरे स्थान पर रहे जदयू के रामानंद प्रसाद सिंह को 59,620 मत प्राप्त हुआ था। 2014 के उपचुनाव में रामानंद प्रसाद सिंह ने लोजपा के सुहेली मेहता को काफी मतों के अंतर से हराया। जदयू के रामानंद प्रसाद सिंह को 94,374 और सुहेली मेहता को 37,384 मत मिले थे।सुहेली मेहता अब भाजपा में हैं।

    2015 के विधानसभा चुनाव में रामानंद प्रसाद सिंह की जीत हुई थी। जदयू के रामानंद प्रसाद सिंह को 76,248 मत प्राप्त हुए थे। जबकि दूसरे स्थान पर रहे भाजपा के रामानुज चौधरी को 47,324 मत प्राप्त हुए थे। जीत का अंतर काफी बड़ा रहा।

    2020 के विधानसभा चुनाव में डॉ. संजीव कुमार जदयू प्रत्याशी के रूप में मैदान में उतरे और जीत दर्ज की। डॉ. संजीव कुमार को 77,226 मत मिले। जबकि दूसरे स्थान पर रहे राजद के दिगंबर प्रसाद तिवारी को 76,275 मत मिले। कड़े मुकाबले में डॉ. संजीव कुमार ने जीत दर्ज की।

    यह भी पढ़ें- Bihar Politics: '10000 रुपये की घूस दे रही नीतीश सरकार', माले महासचिव दीपांकर का तीखा हमला