Updated: Mon, 06 Oct 2025 02:58 PM (IST)
भाकपा माले महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य ने बिहार सरकार पर वोट और जमीन चोरी का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि सरकार गरीबों को धोखा दे रही है और माइक्रो फाइनेंस कंपनियां लूट कर रही हैं। उन्होंने महागठबंधन के वादों का जिक्र करते हुए सरकार को बदलने का आह्वान किया। उन्होंने अडानी को जमीन देने पर भी सरकार की आलोचना की और जनता के सवालों को दबाने का आरोप लगाया।
संवाद सहयोगी, वारिसनगर। भाकपा माले के राष्ट्रीय महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य ने कहा कि बिहार में वोट चोरी से लेकर जमीन चोरी तक का खेल धड़ल्ले से जारी है। इसे रोकने के लिए मोदी-नीतीश की डबल इंजन सरकार को सत्ता से बाहर करना होगा। कहा कि एसआईआर के नाम पर वोटबंदी व वोट चोरी के कुचक्र के खिलाफ बिहार में हुए जबरदस्त आंदोलन के कारण मतदाता सूची में दस में से नौ लोगों के नाम बचे हैं अन्यथा दस में से पांच लोगों के नाम काटने की योजना बनी हुई थी।
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उनका कहना था कि नीतीश सरकार ने 94 लाख गरीब परिवारों को 2 लाख रुपये देने का जो वादा किया था, उससे पलट गई और अब दस हजार रुपये की घूस देकर लोगों का वोट खरीदना चाहती है। वे रविवार को प्रखंड के सतमलपुर में पार्टी की विधानसभा स्तरीय कार्यकर्ता सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। अध्यक्षता जिला सचिव प्रो. उमेश कुमार ने की।
माले महासचिव ने कहा कि सरकार माइक्रो फाइनेंस कंपनियों की लूट और गुंडागर्दी पर कोई रोक नहीं लगाना चाहती है। इसकी वजह से परिवार के परिवार आत्महत्या व पलायन को मजबूर हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि महागठबंधन के द्वारा बिहार में महिलाओं को प्रतिमाह ढाई हजार रुपये देने का वादा किया गया है। बिहार सरकार के द्वारा सामाजिक सुरक्षा पेंशन को चुनाव से पहले 1100 रुपये करने और 125 यूनिट फ्री बिजली देने की घोषणा भी हमारे आंदोलनों की जीत है।
माले महासचिव ने सरकार द्वारा भागलपुर के पीरपैंती में एक रुपये प्रति एकड़ की दर से अडानी को जमीन देने का जिक्र करते हुए कहा कि नीतीश सरकार जमीन की भी चोरी कर रही है। गरीबों को देने के लिए उनके पास ज़मीन नहीं, गरीबों पर तो वह बुलडोजर चलवा रही है।
पूर्व विधायिका और राज्य महिला आयोग की पूर्व अध्यक्ष मंजू प्रकाश ने कहा कि पिछले कई वर्षों से हमने बिहार की गरीबी, कमरतोड़ महंगाई, बेरोजगारी और नीतीश-मोदी की डबल इंजन सरकार की लूट-झूठ के खिलाफ लगातार सवाल उठाए हैं। हमने पिछले दिनों भाजपा और चुनाव आयोग की वोट चोरी और अडानी की भूमि लूट के खिलाफ सवाल उठाए। सरकार ने इनमें से किसी भी सवाल का जवाब नहीं दिया। अब इस सरकार को बदलने का समय आ गया है।
विधान पार्षद शशि यादव ने कहा कि बिहार में नीतीश-भाजपा की सरकार का अहंकार इतना बढ़ गया है कि वह जनता के सवालों को सुनने की बजाय लाठी-गोली से दबा देना चाहती है। उन्होंने बिहार की महिलाओं, खासकर स्कीम वर्कर्स महिलाओं - आंगनबाड़ी, आशा और रसोईया कर्मियों ने संघर्ष के बल पर अपना हक हासिल किया है।
उन्होंने बिहार में माइक्रो फाइनेंस कंपनियों के कर्ज और उत्पीड़न के खिलाफ महिलाओं से एकजुट होने का आह्वान करते हुए दस हजार में दम नहीं, कर्ज माफ़ी से कम नहीं का नारा दिया।
सम्मेलन को केंद्रीय कमेटी सदस्य संतोष सहर, अखिल भारतीय खेत व ग्रामीण मजदूर सभा के जिला सचिव जीवछ पासवान, ऐपवा नेत्री वंदना सिंह, आइसा राज्य सचिव प्रीति कुमारी, वारिसनगर के पूर्व प्रत्याशी फूलबाबू सिंह, कल्याणपुर के प्रत्याशी रंजीत कुमार, माकपा नेता एसएम इमाम, राजद के जिला महासचिव राकेश कुमार आदि ने संबोधित किया।
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