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    Khagaria Flood: नदियों का जलस्तर बढ़ने से बाढ़ हुई विकराल, घर छोड़ने को मजबूर हो रहे लोग

    Updated: Thu, 07 Aug 2025 04:14 PM (IST)

    खगड़िया जिले में गंगा और बूढ़ी गंडक नदी में उफान के कारण बाढ़ की स्थिति गंभीर हो गई है। गोगरी प्रखंड के वरुणा पंचायत के सभी वार्ड जलमग्न हैं जिससे लगभग ढाई सौ घरों में पानी घुस गया है। कई परिवार तटबंधों पर शरण लेने को मजबूर हैं। पशुपालक पशुओं के साथ पलायन कर रहे हैं और चारे की कमी हो गई है।

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    बाढ़ से बढ़ते जलस्तर के चलते पलायन करने को विवश हो रहे लाेग। जागरण फोटो

    जागरण टीम, गोगरी (खगड़िया)। गंगा और बूढ़ी गंडक ने विकराल रूप धारण कर लिया है। जलस्तर में वृद्धि जारी है, बाढ़ का पानी कम होने का नाम नहीं ले रहा है। सदर प्रखंड, गोगरी और परबत्ता प्रखंड के बाढ़ प्रवण क्षेत्र में त्राहिमाम की स्थिति है। कई घरों में पानी प्रवेश कर गया है। बाढ़ प्रभावित इलाके में नावें चल रही है।

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    गोगरी प्रखंड के वरुणा (बौरना) पंचायत के सभी वार्ड बाढ़ की चपेट में हैं। इसकी पुष्टि पंचायत का जायजा लेने बाद स्थानीय मुखिया प्रतिनिधि मो. नासिर इकबाल ने की है। उन्होंने बताया कि लगभग ढाई सौ घरों में बूढ़ी गंडक की बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया है।

    लगभग 50 बाढ़ पीड़ित परिवार गाेगरी-नारायणपुर तटबंध पर शरण ले रखे हैं। सुलभ आवागमन को लेकर सात नावें चल रही हैं। उनके अनुसार पंचायत के सभी एक से 11 वार्ड बाढ़ की चपेट में हैं। पानी बढ़ता ही जा रहा है। मालूम हो कि पंचायत में दोबारा बाढ़ आई है। इससे पूर्व जुलाई में भी बाढ़ आई थी। परंतु पानी जल्दी चला गया था। इस बार स्थिति गंभीर है।

    सर्वाधिक प्रभावित वार्ड नंबर-10 है। यहां के वार्ड पार्षद मो. अजीम ने कहा कि पानी बढ़ता ही जा रहा है। दिनाें-दिन स्थिति विकराल होती जा रही है। शीघ्र राहत कार्य चलाने की आवश्यकता है। वार्ड नंबर-11 के वार्ड पार्षद धर्मेंद्र पासवान ने भी पंचायत में राहत कार्य चलाने की मांग की है।

    उन्होंने नाव की संख्या बढ़ाने पर बल दिया है। सदर प्रखंड के उत्तरी रहीमपुर पंचायत भी बाढ़ की चपेट में है। यहां के वार्ड नंबर-10 के कई घरों में पानी प्रवेश कर गया है। बन्नी पंचायत पंचायत भी बाढ़ से प्रभावित है।

    यहां के वार्ड नंबर-19 में स्थिति सबसे खराब है। कई घरों में पानी है। इधर बाढ़ के कारण पशुपालक पशुओं को लेकर पलायन करने लगे हैं। सर्वाधिक संकट पशुचारा की है। पशुचारा डूब गई है। कई फसलें भी पानी में डूबने से खराब हो गई है।

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