बिहार में 5 साल में एक करोड़ लोगों को रोजगार देंगे, CM नीतीश कुमार ने किया बड़ा एलान, विरोधियों को जमकर धोया
Bihar Politics बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा है कि हमारी सरकार बनी तो अगले 5 साल में बिहार में एक करोड़ लोगों को रोजगार देंगे। 520 करोड़ रुपये की विकास योजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास करने पहुंचे सीएम के साथ संजय झा और राज्य के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी भी मौजूद रहे।

जागरण टीम, खगड़िया। Nitish Kumar बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार गुरुवार को खगड़िया पहुंचे। इस मौके पर राज्य के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी और जदयू के कार्यकारी राष्ट्रीय अध्यक्ष व सांसद संजय झा भी मौजूद रहे। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सबसे पहले परबत्ता विधानसभा क्षेत्र के सतीश नगर गांव पहुंचे। यहां राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री स्मृति शेष सतीश प्रसाद सिंह के आदमकद प्रतिमा का अनावरण किया। इसके बाद बेलदौर विधानसभा क्षेत्र के डुमरी पंचायत अंतर्गत पनसलवा गांव पहुंचे।
पनसलवा गांव स्थित नवनिर्मित ओबीसी बालिका छात्रावास परिसर से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने रिमोट के द्वारा लगभग 520 करोड़ रुपये की लागत से स्वीकृत 250 से अधिक विकासात्मक योजनाओं का शिलान्यास व उदघाटन किया। इस अवसर पर उन्होंने जिले के सर्वांगीण विकास के प्रति राज्य सरकार की प्रतिबद्धता को दोहराते हुए कहा कि, इन योजनाओं के क्रियान्वयन से खगड़िया के शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों में बुनियादी ढांचे का सुदृढ़ीकरण होगा। इसके बाद मुख्यमंत्री ने छात्रावास परिसर में 24 अलग-अलग विभागों की ओर से बनाए गए स्टालों का निरीक्षण किया।
वहीं कोसी इंटर विद्यालय पनसलवा के मैदान में जनसभा को संबोधित किया। इस मौके पर उन्होंने सुशासन की उपलब्धियों को गिनाते हुए बिना नाम लिए लालू-राबड़ी शासनकाल पर जमकर हमला बोला। कटाक्ष किया। इशारे ही इशारे में परिवारवाद काे निशाने पर लिया। सुशासन में अल्पसंख्यक वर्ग के लिए किए गए विकास कार्यों पर भी प्रकाश डाला।
नीतीश ने कहा, हमने कब्रिस्तान की घेराबंदी की। मदरसा के विकास को लेकर भी कार्य किया गया। लेकिन इससे पूर्व की सरकार ने अल्पसंख्यकों के लिए कोई कार्य नहीं किया। शाम होने के बाद लोग घर से बाहर नहीं निकलते थे। हिंदू- मुस्लिम का झगड़ा होते रहता था। शिक्षा, सड़क बदहाल थी। बिजली बहुत कम जगहों पर थी। पटना जैसे शहरों में आठ घंटे बिजली मिला करती था। लेकिन हमारी सरकार बनने के बाद कब्रिस्तानों की घेराबंदी हुई। मंदिरों की चारदीवारी बनी। शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए शिक्षकों की बहाली की गई। पोशाक, साइकिल योजना चलाई गई।
नीतीश ने कहा कि स्वास्थ्य के क्षेत्र में भी व्यापक स्तर पर काम हुआ है। पहले प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर एक महीने में 30 मरीज जाते थे, अब 11,600 मरीज जाते हैं। पहले पूरे बिहार में छह मेडिकल कालेज था, अब बढ़कर 12 मेडिकल कालेज हो गए हैं। पटना मेडिकल कालेज में बेड की संख्या बढ़ाकर पांच हजार चार सौ कर दिया गया है। बिहार के किसी भी कोने से पांच घंटे में राजधानी पटना पहुंच सकते हैं।
सीएम ने कहा, पंचायती राज संस्थाओं एवं नगर निकाय में महिलाओं को 50 प्रतिशत आरक्षण दिया गया है। जबकि बिहार पुलिस की नौकरी में महिलाओं को 35 प्रति्शत आरक्षण दिया गया है। बोले, आगामी पांच वर्षों में एक करोड़ लोगों को रोजगार उपलब्ध कराए जाएंगे। अभी राज्य में स्वयं सहायता समूहों की संख्या 11 लाख है। इनमें जीविका दीदियों की संख्या एक करोड़ 40 लाख है।
शहरी क्षेत्र में भी स्वयं सहायता समूहों की संख्या तीन लाख 85 हजार हो गई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी पंचायतों में विवाह भवन बनाए जाएंगे। जरूरतमंदों को मुफ्त बिजली मिल रही है। कहा कि, बिहार के विकास में केंद्र सरकार का भी भरपूर सहयोग मिल रहा है। विशेष सहायता एवं अन्य पैकेज देने के लिए प्रधानमंत्री का आभार व्यक्त करते हुए धन्यवाद दिया। इस मौके पर बेलदौर विधायक पन्नालाल सिंह पटेल, पूर्व विधायक पूनम देवी यादव आदि मौजूद थे।
पूर्व मुख्यमंत्री सतीश प्रसाद सिंह एक नजर में
पूर्व मुख्यमंत्री सतीश प्रसाद सिंह बिहार के दिग्गज राजनेताओं में शुमार रहे। सतीश प्रसाद सिंह संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी से 1967 में परबत्ता विधानसभा क्षेत्र से विधायक चुने गए। वे 1968 में बिहार के मुख्यमंत्री बने। उनकी मुख्यमंत्री पद की अवधि अल्पकालिक रही। केवल पांच दिन, 28 जनवरी 1968 से एक फरवरी 1968 तक वे इस पद पर रहे। वे 1980 में कांग्रेस पार्टी से खगड़िया लोकसभा के सांसद चुने गए। 2020 में कोरोना से उनका निधन हो गया।
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