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    खगड़िया में 146 प्राइवेट स्कूलों के निबंधन पर मंडरा रहा खतरा, एक लापरवाही को लेकर मिल गई फाइनल वार्निंग

    Bihar Education News सरकार के आदेश पर निजी स्कूलों को प्रस्वीकृति दी गई थी ताकि वे सरकार के नियमों का पालन कर सकें। अनिवार्य शिक्षा अधिनियम 2011 को लागू करने के लिए छात्रों को अपार आइडी से जोड़ने के निर्देश दिए गए थे। इसके लिए अभिभावकों का सहयोग लेने को कहा गया था और मेगा कैंप भी लगाए गए थे।

    By Mukesh Kumar Singh Edited By: Mukul Kumar Updated: Tue, 24 Dec 2024 03:19 PM (IST)
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    प्रस्तुति के लिए इस्तेमाल की गई तस्वीर

    जागरण संवाददाता, खगड़िया। सरकार के आदेश पर विभाग द्वारा धराधर निजी स्कूलों को प्रक्रिया अपनाकर प्रस्वीकृति दी गई कि सरकार के नियमों का शत प्रतिशत पालन होने में सहूलियत होगी। मगर यहां तो उल्टा हो रहा है।

    अनिवार्य शिक्षा अधिनियम 2011 को शत प्रतिशत धरातल पर उतारने को लेकर स्कूलों में अध्ययनरत छात्र-छात्राओं को अपार आइडी से जोड़ने को लेकर आवश्यक निर्देश दिए गए थे।

    इसको लेकर छात्र- छात्राओं के अभिभावकों का भी सहयोग लेने को कहा गया था। विभाग द्वारा शत- प्रतिशत पालन को लेकर स्कूलों में मेगा कैंप भी लगाए गए। बावजूद हालात नहीं सुधर पाए। निजी स्कूल के संचालकों को 10 दिसंबर तक सभी बच्चों काे अपार आइडी से शत -प्रतिशत जोड़ने को लेकर निर्देश दिए गए।

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    दोबारा 20 दिसंबर तक यह कार्य संपन्न करने को कहा गया। मगर समीक्षा में पाया गया कि 146 स्कूल संचालक विभागीय आदेश- निर्देशों का पालन कराने में विफल रहे।

    बच्चों का अपार आइडी से जुड़ जाने से जहां विभाग को सहूलियत होती वहीं स्कूल संचालकों से लेकर बच्चों तक को भी लाभ मिलता। मगर इसमें अधिकांश निजी स्कूल के संचालकों द्वारा अब तक रूचि नहीं दिखाई गई।

    किस प्रखंड के कितने स्कूल संचालकों की आई लापरवाही सामने

    अलौली प्रखंड अंतर्गत संचालित स्कूलों में 18 स्कूल संचालकों की लापरवाही सामने आई है। बेलदौर प्रखंड के आठ संचालकों ने रूचि नहीं दिखाई। इसी तरह चौथम प्रखंड के तीन, गोगरी प्रखंड के आठ निजी स्कूल संचालकों की लापरवाही सामने आई है।

    सर्वाधिक खगड़िया के 47 स्कूल संचालकों ने कोई रूचि नहीं दिखाई। इसी तरह मानसी प्रखंड के पांच, परबत्ता के 11 निजी स्कूल संचालकों को सरकार के आदेश- निर्देश से मतलब नहीं रहा।

    25 दिसंबर तक ऐसे लापरवाह स्कूल संचालकों को अपार आइडी से बच्चों को जोड़ने का अंतिम मौका दिया गया है। बावजूद लापरवाही सामने आई, तो संबंधित स्कूलों की प्रस्वीकृति रद करने को लेकर सरकार से अनुशंसा की जाएगी।-अमरेंद्र कुमार गोंड, जिला शिक्षा पदाधिकारी, खगड़िया।

    पहले स्कूल छोड़ने वाले शिक्षकों की बांका में लगेगी हाजिरी

    • उधर, बांका में डीएम कुंदन कुमार ने सोमवार को समग्र शिक्षा कार्यालय में शिक्षा विभाग की समीक्षा बैठक की। सबसे पहले शिक्षकों की आनलाइन उपस्थिति पर की जा रही कार्रवाई की जानकारी ली। समीक्षा में यह बात सामने आई कि हर दिन बड़ी संख्या में शिक्षक अब भी समय से पहले विद्यालय छोड़ रहे हैं।
    • कुछ शिक्षक हर दिन विलंब से विद्यालय पहुंचकर भी ई शिक्षा कोष पर उपस्थिति दर्ज कर रहे हैं। कई शिक्षा में बिना कारण मार्क आन ड्यूटी की भी हाजिरी बना रहे हैं। डीएम ने इसे गंभीरता से लिया।
    • उन्होंने कहा कि हर दिन ऐसे शिक्षकों की पहचान सुनिश्चित कर उन्हें शाम पांच बजे डीईओ कार्यालय बुलाएं। भौतिक रूप से उन्हें सामने बुलाकर पूछताछ करें। आखिर किसी कारण उन्होंने समय से पूर्व विद्यालय छोड़ा। संतोषजनक उत्तर नहीं मिलने पर प्रतिदिन उनपर कार्रवाई सुनिश्चित करें।
    • सभी विद्यालयों के निरीक्षणकर्ता को निरीक्षण के दौरान पढ़ाई की गुणवत्ता एवं बच्चों को होमवर्क देने की जांच करने को कहा। वे विद्यालय आने वाले बच्चों की कापी जरूरत देखें, ताकि विद्यालय की कक्षाओं में हो रही पढ़ाई का पता चल सके।

    मिला यह है भी निर्देश

    अपार एवं आधार कार्ड की इंट्री की समीक्षा में कहा गया कि बीपीएम एवं बीआरपी की जवाबदेही इसमें सुनिश्चित करते हुए प्रतिदिन का प्रगति प्रतिवेदन जमा लें। साथ ही हर दिन कमजोर 30 विद्यालयों से वीसी कर, काम को गति दें।

    नेताजी आवासीय हास्टल निर्माण के लिए संभाग प्रभारी को संबंधित अंचलाधिकारी से संपर्क कर भूमि चिह्नित करने को कहा गया। असैनिक कार्य की समीक्षा के क्रम में स्थानीय क्षेत्र अभियंत्रण संगठन के अभियंताओं को कार्यादेश वाले संवेदकों से अविलंब काम पूरा कराने का निर्देश दिया गया।

    अभियंता वित्तीय वर्ष की समाप्ति को ध्यान में रखते हुए ससमय कार्य पूर्ण कराएं। नीति आयोग के चल रहे असैनिक कार्य की सुस्त रफ्तार पर विद्यालयों में बचे असैनिक कार्य को संवेदकों के बीच आवंटित करते हुए 05 जनवरी 2025 तक कार्य पूर्ण कराने को कहा।

    सभी कस्तूरबा विद्यालय की जांच जिला स्तरीय टीम बनाकर कराने का निदेश दिया गया। केजीबीभी बेलहर में छात्राओं से बर्तन धुलवाने का मामला संज्ञान में आने पर जांच कर प्रतिवेदन देने की मांग डीईओ से की।

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