Move to Jagran APP

अप्रैल तक आम्रपाली एक्सप्रेस होगी एलएचबी रेक में अपग्रेड

- एलएचबी रेक लगने से बढ़ेगी ट्रेनों की रफ्तार जासं, कटिहार : अप्रैल तक एनएफ रेलवे स

By JagranEdited By: Published: Tue, 08 Jan 2019 01:01 AM (IST)Updated: Tue, 08 Jan 2019 01:01 AM (IST)
अप्रैल तक आम्रपाली एक्सप्रेस होगी एलएचबी रेक में अपग्रेड

- एलएचबी रेक लगने से बढ़ेगी ट्रेनों की रफ्तार

loksabha election banner

जासं, कटिहार : अप्रैल तक एनएफ रेलवे से संबंधित सभी लंबी दूरी की ट्रेने एलएचबी रेक में अपग्रेड की जाएगी। कटिहार से खुलने वाली आम्रपाली एक्सप्रेस भी आधुनिकतम एलएचबी रेक में परिवर्तित हो जाएगी। जानकारी के अनुसार एनएफ रेलवे में 22 लंबी दूरी की ट्रेनें है, जिनमें 43 नॉन एलएचबी रेक लगे हुए हैं। एनएफ रेलवे के सीपीआरओ प्रणव ज्योति शर्मा ने बताया कि सभी 22 ट्रेनों में 1087 नए एलएचबी कोचों की •ारूरत होगी। उन्होंने बताया कि गत सप्ताह रेलमंत्री पीयूष गोयल ने गुवाहाटी में एक समीक्षा बैठक के दौरान इस बाबत आवश्यक निर्देश दिए है। बता दें कि वर्तमान में राजधानी और शताब्दी जैसी प्रीमियम ट्रेनों में एलएचबी रेक लगे हुए है।

कटिहार रेलमंडल की प्रमुख ट्रेनों के यात्रियों को इसका सबसे ज्यादा लाभ मिलेगा। 15707/08 आम्रपाली एक्सप्रेस में भी एलएचबी रेक लगाए जाएंगे। प्राप्त जानकारी के अनुसार कटिहार-अमृतसर आम्रपाली एक्सप्रेस पांच रेको के साथ चलती हैं, इसे एलएचबी रेक में परिवर्तित करने के लिए 120 डिब्बे की •ारूरत होगी। एनएफ रेलवे ने आम्रपाली एक्सप्रेस की सभी पांच रेको को एलएचबी रेक में परिवर्तित करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। अप्रैल के पूर्व ही आम्रपाली एक्सप्रेस को नए रेक के साथ चलाने का प्रयास किया जा रहा है। वर्तमान में 12505/06 नार्थ ईस्ट एक्सप्रेस को चार एलएचबी रेक साथ चलाने की अनुमति पूर्व से मिली हुई है। वर्तमान में 22511/12 कामाख्या-लोकमान्य तिलक एक्सप्रेस, 15668/67 कामाख्या-गांधीधाम एक्सप्रेस, 22501/02 बेंगलुरु-न्यू तिनसुकिया एक्सप्रेस, 15621/22 कामाख्या-आनंद विहार एक्सप्रेस और 15620/19 कामाख्या-गया एक्सप्रेस में भी एलएचबी रेक लगी हुई है। एलएचबी रेक की क्या है विशेषता

एलएचबी कोच की रेक आईसीएफ कोचों की 110 किमी प्रतिघंटे की अधिकतम स्पीड की तुलना में 160 किमी तक की रफ्तार से चल सकती है। इनका मेन्टेनेंस 36 महीनों में एक बार किया जाता है, जबकि आईसीएफ डिब्बे की रेक को 18 महीनों में मेन्टेनेंस के लिए भेजा जाता है। इस प्रकार ट्रेन के रखरखाव में समय की का़फी बचत होगी। एलएचबी रेक की बाहरी बॉडी स्टेनलेस स्टील की बनी होती है। इन कोचों में यात्री सीटों की संख्या भी अपेक्षाकृत अधिक होती है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.