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    कटिहार की 7 सीटों पर किसका पलड़ा रहेगा भारी? मंत्री बनने के बाद दोबारा चुनाव जीतना बड़ा मुश्किल!

    Updated: Sun, 21 Sep 2025 07:00 AM (IST)

    कटिहार की राजनीति में एक अनोखी बात यह है कि यहां मंत्री बनने के बाद दोबारा चुनाव जीतना मुश्किल हो जाता है। 1990 से 2000 के बीच कई मंत्री बने पर कुछ ही दोबारा जीते। अब पूर्व उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद के लिए कटिहार सीट पर चुनाव एक चुनौती है। पूर्व मंत्री रामप्रकाश महतो मनसूर आलम और हिमराज सिंह भी मैदान में हैं।

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    इस बार किसका पलड़ा रहेगा भारी। (फोटो जागरण)

    आशीष सिंह चिंटू, कटिहार। कटिहार की राजनीति का एक दिलचस्प सच यह है कि यहां मंत्री बनने के बाद विधानसभा तक पहुंचना आसान नहीं रहता। वर्ष 1990 से 2000 के बीच जिले के सात विधानसभा क्षेत्रों से छह विधायकों ने मंत्री पद का ताज पहना, लेकिन उनमें से सिर्फ दो (महेंद्र यादव और सीताराम दास) दोबारा जनता का भरोसा जीत पाए।

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    तीन नेताओं को तब से अब तक जीत नसीब नहीं हुई। एक की मंत्रीत्व काल में ही निधन हो गया था। इस लिहाज से कटिहार सीट से चुनाव मैदान में उतरने वाले पूर्व उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद के लिए यह चुनाव किसी अग्नि परीक्षा से कम नहीं होगी।

    देखने वाली बात होगी कि तारकिशोर इस कड़ी को तार-तार कर तोड़ पाएंगे या फिर। हालांकि, शुरुआती रुझान जरूर उनके पक्ष में दिख रही है।

    तीन पूर्व मंत्री डटे हैं चुनावी मैदान में

    पूर्व मंत्री रामप्रकाश महतो, मनसूर आलम, हिमराज सिंह अब भी चुनावी मैदान में डटे हैं और जीत तलाश रहे हैं। कटिहार विधान सभा से चुनावी मैदान में उतरने वाले रामप्रकाश महतो वर्ष 2000 में शिक्षा राज्य मंत्री का पद सुशोभित किया। इसके बाद से वो विधान सभा का दरवाजा पार नहीं कर पाए हैं।

    इसी प्रकार बरारी विधानसभा के मनसूर आलम वर्ष 2000 में अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री बने। कदवा विधान सभा से निर्दलीय से चुनाव जीतकर राजद में शामिल होने वाले हिमराज सिंह भी वर्ष 2000 में पथ निर्माण राज्य मंत्री बनने के उपरांत जीत को तरस रहे हैं।

    महेंद्र और सीताराम को मिला दोबारा मौका

    प्राणपुर विधान सभा क्षेत्र से 1995 में चुनाव जीत कर पथ निर्माण राज्य मंत्री बने महेंद्र यादव ने दो चुनाव बाद वर्ष 2005 के चुनाव व उपचुनाव में जीत हासिल की। हालांकि, मंत्री नहीं बनाए गए।

    कोढ़ा विधान सभा का नेतृत्व करते हुए सीताराम दास जनता दल से 1990 में पथ निर्माण मंत्री और 1995 में जीत दर्ज कर खाद आपूर्ति एवं वाणिज्य तथा आवास सह सामाजिक सुरक्षा मंत्री की कमान संभाली। प्राणपुर विधायक विनोद कुमार सिंह की मंत्री पद पर रहते निधन हो गया था।

    चुनावी सफर और मंत्रिमंडलीय पड़ाव

    • रामप्रकाश महतो (कटिहार) -- वर्ष 2000 में शिक्षा राज्य मंत्री बने।
    • मनसूर आलम (बरारी) -- वर्ष 2000 में अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री बने। हिमराज सिंह (कदवा) -- निर्दलीय से जीतकर राजद में शामिल, 2000 में पथ निर्माण राज्य मंत्री बने।

    दोबारा चुनाव जीत पाने वाले

    • महेंद्र यादव (प्राणपुर) -- 1995 में पथ निर्माण राज्य मंत्री बने। 2005 में चुनाव और उपचुनाव दोनों जीते।
    • सीताराम दास (कोढ़ा) -- 1990 में पथ निर्माण मंत्री और 1995 में खाद आपूर्ति, वाणिज्य एवं आवास सह सामाजिक सुरक्षा मंत्री बने।